Aid Awareness Slogan In Hindi [65+ एड्स जागरूकता पर स्लोगन]


Aid Awareness Slogan In Hindi [65+ एड्स जागरूकता पर स्लोगन] – AID भयानक बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है, एड्स का बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है तथा यह रोग हो जाने के बाद व्यक्ति किसी भी हालत में अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस नहीं लौट सकता। आज भी एड्स जैसे भयानक रोग की कोई भी दवा नहीं बन पाई।

ए आई डी एस का मतलब अक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome) है। यह एक  रोग है जो HIV संक्रमण की सबसे लास्ट स्थिति मानी जाती हैं। HIV हमारे शरीर के लिए इतना हानिकारक होता है कि यह हमारे शरीर की cd4 कोशिकाओं पर मुख्य रूप से हमला करके मनुष्य के शरीर में एड्स जैसी खतरनाक बीमारियां जन्म लेती है ।

सुरक्षा से करें काम, सुरक्षित जीवन का आनंद उठाएं।

अपने जीवन को बचाएं, HIV से हमेशा दूर रहे।

एड्स रोगियों का करो मान, इसके बचाव में चलाओ जागरूकता अभियान।

जब किसी व्यक्ति की एड्स रोग से ग्रसित होने के बाद मृत्यु हो जाती है तो उसके कारण उस व्यक्ति के शरीर में लंबे समय तक एचआईवी का प्रभाव रहता है। एड्स मनुष्य के शरीर में उसकी कमजोरी की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रदर्शित करता है तथा एचआईवी के संक्रमण को नहीं रोक पाता है। चलिए AID Slogans In Hindi के बारे में जानते है। 

Aid Awareness Slogan In Hindi – एड्स जागरूकता पर स्लोगनAid Awareness Slogan In Hindi [65+ एड्स जागरूकता पर स्लोगन]

संपूर्ण दुनिया में फैला हुआ सबसे भयंकर खतरा एड्स है जिसका सामना विश्व में कोई भी नहीं कर सकता। यह रोग एक बार हो जाने के बाद संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। इस बीमारी से बचाव के रास्ते अत्यंत कठिन हैं क्योंकि आज तक कोई भी व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होने के बाद खुद की जान को नहीं बचा सका। आज भी दुनिया के हजारों वैज्ञानिक तथा चिकित्सक इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए इसके उपचार की खोज में कार्य कर रहे हैं। 

परंतु अभी तक कोई भी सफलता उनके हाथ नहीं लग सकी। एड्स को दुनिया में बड़ी बिमारी कहां जाता है क्योंकि इस बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया और इसका इलाज सिर्फ मृत्यु ही दिला सकती है। सिर्फ एड्स बीमारी के कारण ही प्रतिवर्ष दुनिया भर में लाखों लोगों की मृत्यु होती है। Aid Slogans In Hindi पर जो स्लोगन लिखा है वह है –

सबको एड्स के प्रति जागरूक करना है, एड्स को जड़ से उखाड़कर फैकना है।

विश्व एड्स दिवस मनाएंगे, इसके प्रति अलख जगायेंगे।

विश्व एड्स दिवस मनाएंगे, लोगों में जागरूकता फैलाएंगे।

Aids से बचाव ही एड्स का विकल्प है।

Aids रोगियों को बचाओ, इसे न तुम सताओ।

HIV के रोकथाम में करें सहयोग, एड्स दिवस का करें सदुपयोग।

स्टाइलिश बने, खुबसूरत बने, लेकिन HIV से बचे।

संक्रमित सुई से प्रयोग से बचें, जागरूक बनें।

हर दिन हो सुरक्षा का दिन, अवकाश न हो कोई इस दिन।

अपने रिश्ते के लिए ईमानदार रहें, एड्स के भागीदार मत बने।

आपकी सुरक्षा ही आपके परिवार की सुरक्षा है।

न ही साथ रहने से फैलेगा न ही छूने से फैलेगा यह तो सिर्फ असावधानी से फैलेगा।

सुरक्षा से करें काम, सुरक्षित जीवन का आनंद उठाएं।

अपने जीवन को बचाएं, HIV से हमेशा दूर रहे।

एड्स रोगियों का करो मान, इसके बचाव में चलाओ जागरूकता अभियान।

यही है जीवन की कमाई, सुरक्षा में ही है अपनी भलाई।

जो तोड़ेगा सुरक्षा से दोस्ती, वो छोड़ेगा एक दिन दुनिया भी।

लोगों को एड्स दिवस का उद्देश्य बताओं, लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाओ।

काम के बाद और काम के साथ, हमेशा रहे सुरक्षा आपके साथ।

खाओ तुम आज से कसम, सुरक्षित बने यौन सम्बन्ध।

विश्व एड्स दिवस पर है यही नारा, एड्स रहित हो देश हमारा।

आओ मिलकर विश्व एड्स दिवस मनायें, लोगों के बीच इस विषय में जागरुकता लायें।

आओ मिलकर विश्व एड्स दिवस मनायें, लोगों में इस विषय के प्रति अलख जगायें।

आओ मिल कर कसम ये खायें, एड्स को हम सब जड़ से मिटा।

एड्स है एक जानलेवा बीमारी, इसे मिटाना जिम्मेदारी हमारी।

सुरक्षित बनाएंगे यौन सम्बन्ध,एड्स हो जायेगा जड़ से खतम।

एड्स है एक जानलेवा बीमारी, आधा ज्ञान मौत की तैयारी।

संक्रमित सुई संक्रमित खून, यही हमारी पहली भूल। 

उचित जागरूकता एवं जानकारी से, आप बच सकते हैं एड्स की बीमारी से।

भेदभाव नहीं उपचार, एड्स रोगियों से बांटे प्यार।

एड्स रोगियों से प्यार करें, एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करें।

भ्रांतियां मिटा दूँ जो फैली हैं एक जमाने से, एड्स नहीं फैलता छूने से या साथ खाने से।

एड्स दिवस पर है ये नारा, एड्स मुक्त हो राष्ट्र हमारा।

एड्स से पीड़ित व्यक्तियों में हौसला जगाओ, इस बीमारी के उपचार के उपाय बताओ।

सुरक्षित यौन संबंध बनायें, एड्स की बीमारी को दूर भगायें।

एड्स से बचाव के प्रचार का लो संकल्प, इसी के द्वारा इस बीमारी का हो सकता है कायाकल्प।

असुरक्षित यौन संबंध है एड्स का मूल, ऐसी गलती करने की ना करना भूल।

सुरक्षित यौन संबध बनाओ, एड्स को दूर भगाओ।

विश्व एड्स दिवस को मनाओ, एड्स के विषय में जागरुकता अभियान चलाओ। 

एड्स से बचाव की जानकारी लोगों तक पहुंचाओ, साथ मिलकर विश्व एड्स दिवस मनाओ।

विश्व एड्स दिवस मनाना है, एड्स पीड़ीतों को समाज में उचित सम्मान दिलाना है।

सुरक्षा उपायों का लो संकल्प, एड्स की बीमारी को रोकने का है यही विकल्प। 

एड्स पीड़ितों को समाज में सम्मान दिलाना है, एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को मिटाना है।

विश्व एड्स दिवस मनायेंगे, दुनियां भर में जन-जागृति फैलायेंगे।

एड्स पीड़ितों से ना करो भेदभाव, उनसे भी रखो समान सद्भाव।

एक छोटी सी लापरवाही भी एड्स जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है।

समाज में पारदर्शिता लाओ, एड्स की बीमारी को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाओ।

शंका को अपने मन से निकालो, एड्स पीड़ितों के प्रति भ्रांतियां ना पालो।

इस रोग से ग्रसित हो जाने के बाद व्यक्ति मात्र 3 से 5 साल के बीच अपना जीवन यापन कर पाता है। और बाद में वह मृत्यु का शिकार बन जाता है इस रोग के फैलने के मुख्य कारक HIV हैं। जिन्हें ह्‌यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस भी कहते हैं ।वैज्ञानिकों के अनुसार यह खतरनाक वायरस अफ्रीका में रहने वाले विशेष जाति के रीसिस बंदरो में पाएँ जाते हैं लेकिन इस बात का खुलासा अभी तक कोई नहीं कर पाया कि यह वायरस मानव शरीर तक कैसे पहुंच जाते हैं।

कुछ लोगों का मानना यह भी रहता है कि अफ्रीका के कुछ पिछड़े हुए वर्ग के लोग बंदरों का मांस खाते हैं, हो सकता है उन्हीं लोगों द्वारा यह वायरस मानव जाति तक पहुंच गए हो। इस भयानक बीमारी से सबसे पहला पीड़ित व्यक्ति 1981 ईस्वी में अमेरिका में मिला। परंतु वर्तमान हालातों में यह रोग संपूर्ण दुनिया में फैल चुका है डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार अगली शताब्दी तक यह रोग भारत को सबसे अधिक प्रभावित कर सकता है।

भारत में हर रोज लगभग 10,000 लोग इस बीमारी के कारण मरेंगे यह रोग एक दूसरे व्यक्ति के अंदर रक्त तथा वीर्य के कारण फैलता है लम अर्थात वे लोग इस बीमारी के सबसे पहले शिकार बनेगें जो स्वछंद यौन संबंध तथा समलैंगिक कियाओं को करते हैं।

यदि किसी जरूरतमंद व्यक्ति को एड्स से ग्रस्त व्यक्ति का रक्त बिना जांच किए दिया जाता है ,तो वह व्यक्ति भी एड्स से ग्रस्त हो सकता है। कुछ एड्स से ग्रस्त गर्भवती महिलाएं भी अपने बच्चों को जन्म से ही इस रोग का तोहफा दे देती हैं जिस कारण उनके बच्चे भी इस रोग को फैलाने में अपनी भूमिका अदा करके स्वयं तथा अन्य लोगों को मृत्यु के कारण बन सकते है। हमारे देश में यह रोग फैलने का मुख्य कारण गरीबी और अशिक्षित लोग है। 

बता दें आज वे डॉक्टर भी इस रोग को फैलाने में अपना सहयोग कर रहे हैं, जो लोगों का इलाज करते वक्त एक ही सुई का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि डॉक्टरों द्वारा बार-बार एक ही सूई का इस्तेमाल करके लाखों लोगों को इस रोग का निवाला बनाया जाता है । कारण AID के सभी वायरस एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य वाले भी इस रोग को अपने शरीर में पनाह देते हैं।

इसीलिए डॉक्टरों को अपनी उपचार प्रक्रिया से पहले प्रत्येक व्यक्ति के रक्त की जांच करके यह पता लगाना चाहिए कि उपचार करने वाला व्यक्ति कहीं, एड्स जैसी बीमारियों से संबंध तो नहीं रखता। ऐसे ही अनेक कारणों की वजह से डॉक्टर स्वयं तो इस रोग से ग्रस्त होते हैं परंतु समाज में लोगों को फैलाने के लिए भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा देते हैं।

इस प्रकार के कार्यों को वे बढ़ावा देते हैं जो लोग अपने देश के प्रति प्रेम की भावना नहीं रखते, जिससे वह स्वयं तो इस रोग के शिकार बनते हैं और साथ ही अन्य लोगों को ही ऐसी मौत के लिए मजबूर कर देते हैं। जो भी व्यक्ति इस रोग से संक्रमित हो जाता है उसे पहले 3 महीनों तक अपने शरीर में कुछ भी कमी महसूस नहीं होती और ना ही उसे एचआईवी जैसे विषाणु का पता चलता है, लेकिन दो-तीन महीने के इस समय को संक्रमण काल कहा जाता है।

इस कारण व्यक्ति अन्य लोगों को संक्रमित करने में सफल रहता है। भले ही AID कोई पहचान नहीं रखता। परंतु HIV रोगी मनुष्य के प्रतिरोधी तंत्र को धीरे-धीरे खत्म करने लगते हैं इस कारण मनुष्य में अनेकों रोगों का वास धीरे-धीरे होने लगता है।

HIV के खतरनाक विषाणु मनुष्य के T -4 प्रतिरोधी शक्ति को खत्म करते हैं तथा श्वेत रक्त कणिकाओं का रक्त बहाव भी समाप्त करने में सफल रहते हैं ।इस प्रकार मनुष्य के शरीर में संपूर्ण प्रतिरोध शक्ति समाप्त हो जाती है,मनुष्य का शरीर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है इससे ग्रस्त व्यक्ति को बुखार , वजन घटना, पेचिस जैसी सभी बीमारियां होने लगती हैं।

ये बीमारियां तो है परंतु इनका इलाज जब संभव नहीं रहता इसलिए मनुष्य को एड्स से संक्रमित सूचित किया जाता है इस बीमारी का कोई इलाज नहीं होने के कारण ऐसे व्यक्ति को संपूर्ण समाज तथा उसका परिवार घृणा की नजर से देखने लगता है।

बीमा कंपनी भी ऐसे लोगों का बीमा नहीं कर पाती, ऐसे बहुत सारे कारण हैं कि एड्स से ग्रस्त व्यक्ति अपने इस राज को छुपाए रखता है और इस बीमारी को फैलाने में जोरो से अपना योगदान देता है भले ही यह रोग साथ में खाना खाने, सोने से नहीं फैलता परंतु यौन संबंध तथा एक सूई का इस्तेमाल करके यह रोग अत्यंत तेजी के साथ फैलता है।

उम्मीद है की आपको यह Aid Awareness Slogan In Hindi | एड्स जागरूकता पर स्लोगन | Aid Awareness Slogan से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।

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