Bedtime Stories In Hindi – (5+ बेस्ट बेडटाइम स्टोरीज) – नमस्कार दोस्तों, हमारे आज के इस कहानी के पोस्ट पर आप सभी लोगों का स्वागत है।
ऐसे कम ही लोग होंगे जिन्होंने बचपन मे Bedtime Stories ना सुने होंगे, नाना नानी और मां हम लोगों को कई बार बचपन में बेड टाइम स्टोरीज सुनाते थे जो बच्चे और बड़े दोनों को बहुत अच्छा लगता था।
कहानियां लोगों को पढ़ना काफी पसंद है। ऐसे कई लोग हैं जिन्हें रात में कहानी के बगैर नींद भी नहीं आता है। यदि आप Bedtime Stories पढ़ना पसंद करते हैं तब यह पोस्ट आपके लिए है क्योंकि इस पोस्ट पर हम Bedtime Stories In Hindi के बारे में बताएंगे जो आपको जरूर पसंद आएगा।
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Bedtime Stories In Hindi – बेडटाइम स्टोरीज 
Bedtime Stories हार किसी को पसंद है, आपको भी काफी पसंद होगा, आज हम आप सभी को इस कहानी के पोस्ट पर जो Bedtime Stories In Hindi के बारे में बताएंगे वह है –
1) दो कुत्ते और चालाक बिल्ली की कहानी
एक बोरी से घर में टोनी और एंटोनी नाम का दो कुत्ता रहा करता था उनका मालिक दो कुत्ते के एकता के वजह से दोनों कुत्ते को बहुत पसंद करते थे।टोनी और एंटोनी दोनों सुबह से लेकर रात तक एक साथ खेलते थे खाना खाते थे दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
टोनी और एंटोनी एक दिन सुबह खेल रहे थे तभी एंटोनी अचानक से खाई में गिर गया था तभी टोनी बहुत चिंतित हो गया कि वह एंटोनी को कैसे बचाए तभी उसका नजर सामने पड़ा एक रस्सी के ऊपर पड़ा तब उसने रस्सी को नीचे फेंक दिया और एंटोनी का जान को बचाया।
टोनी ने जब एंटोनी का जान को बचाया तब दोनों में दोस्ती और बढ़ गया और कुछ दिन बाद जब दोनों कुत्ते के मालिक एक पालतू बिल्ली को घर ले आए तब दोनों कुत्ते पालतू बिल्ली के साथ खेलने में व्यस्त हो गए।
कुछ दिन बाद बिल्ली को यह एहसास हुआ कि उनके मालिक बिल्ली से ज्यादा कुत्ते से प्यार करते हैं और तभी चालाक बिल्ली के दिमाग में एक बुद्धि आया और उसने दोनों की दोस्ती को खराब करने के बारे में सोचा।
चालाक बिल्ली एक बार टोनी के पास जाकर कहा कि जानते हो एंटोनी को मालिक तुमसे ज्यादा पसंद करते हैं तब टोनी कहता है यह हो ही नहीं सकता परंतु चालाक बिल्ली ने जब कहा कि वह तुम्हें कम खाना देते हैं और एंटोनी को ज्यादा खाना देते हैं तब टोनी बहुत गुस्सा हो गया और यही बात वह चालाक बिल्ली एंटोनी से भी कहा।
बिल्ली का बात सुनकर टोनी और एंटोनी बहुत गुस्सा हो गया पहले जब वह दोनों एक साथ खेलते थे वह कहीं ना कहीं बंद हो गया दोनों का दोस्त जैसे थम गया एक दिन मालिक जब दोनों को खाना दे रहे थे तब उन दोनों में बहस हो गया कि उसको ज्यादा दिया है और वह दोनों मालिक के ऊपर गिर पड़े।
जब दोनों कुत्ते मालिक के ऊपर गिर पड़े तो मालिक बहुत नाराज हो गया और कहा कि पहले तो यह दोनों कुत्ते ऐसे नहीं थे और मालिक ने जब कहा कि इन दोनों को जहां से लाए थे वही भेज देंगे यह सुनकर दोनों कुत्ते बहुत मायूस पर गए और फिर दोनों कुत्ते को जहां से लाए थे वहां पर भेज दिए।इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कभी किसी के बात में नहीं आना चाहिए।
2) आलसी खरगोश और दौड़ प्रतियोगिता की कहानी
एक बारी से जंगल में कोमल नाम का एक खरगोश रहा करता था। कोमल बहुत ही चालाक और दौड़ने में तेज था परंतु वही वह बहुत आलसी था।कोमल नाम का खरगोश इतना आलसी था कि वह अपने काम को कभी भी सही समय में पूरा नहीं करता था।
कोमल के आलसी पन के वजह से जंगल में रहने वाले सभी जानवर जंगल के राजा शेर को कोमल के बारे में बताते थे और कहते थे कि कोमल बहुत ही आलसी है तभी जंगल की राजा कोमल नाम का खरगोश और बक्शी नाम का कछुआ के साथ और प्रतियोगिता करवाने के बारे में सोचा।
जंगल के सभी जानवर जंगल के राजा शेर के पास मौजूद हुए वहां पर कोमल नाम का खरगोश भी आया था शेर ने कहा कि वह कोमल और बक्शी के बीच दौड़ प्रतियोगिता कर आएगा जो जीतेगा उसे बहुत उपहार दिया जाएगा खरगोश यह सुनकर बहुत खुश था क्योंकि वह जानता था कि वह कछुए से बहुत तेज है।
कुछ समय बाद दौड़ प्रतियोगिता शुरू हुआ खरगोश तो बहुत तेज था इस वजह से वह बहुत तेजी से दौड़ने लगा और कछुए को देख कर हंसता लगा परंतु कछुआ जानता था कि वह खरगोश आलसी है इस वजह से कछुए को लगा था कि वह जीतेगा कुछ देर बाद जब खरगोश बहुत आगे चल गया था तो वह देखा कि पीछे कोई नहीं है इस वजह से एक पेड़ के नीचे आराम करना शुरू कर दिया।
जैसे ही खरगोश पेड़ के नीचे आराम करने बैठा वैसे ही खरगोश का आंख लग गया और वह सो गया और तब कछुआ धीमे-धीमे दौड़ते दौड़ते खरगोश को भी पार कर गया और दौड़ प्रतियोगिता जीत गया और जब खरगोश का खुला तो वह जोर से दौड़ने लगा और जाकर देखा कि कछुआ जीत गया है इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि हमें कभी आलस नहीं करना चाहिए।
3) झूठे लोमड़ी की कहानी
एक छोटे से जंगल में बबलू नाम का चालाक और बदमाश लोमड़ी रहा करता था। लोमड़ी का दिमाग बहुत तेज था वह लोगों को लूट कर पैसा लेता था परंतु लोग बबलू को एक अच्छे और भला इंसान के हिसाब से जानते थे।
बबलू नाम का लोमड़ी चाप एक दिन रास्ते से जा रहा था तब उसका नजर एक हाथी के ऊपर पड़ा था तब वह हाथी के सामने जाकर कहा कि मेरे पास खाने के लिए कोई पैसा नहीं है तब उस हाथी ने दिया में आकर बबलू को कुछ पैसे दिए।
हाथी से पैसे लेने के बाद बबलू नाम का चतुर लोमड़ी शेर से भी ऐसे ही झूठ बोलकर पैसे लेता है ऐसा बहुत दिन चल जाता है कुछ दिन बाद जिन लोगों ने बबलू को पैसा दिया था उन लोगों के बीच बात होता है फिर वह लोग बबलू के घर जाने का फैसला करते हैं उसका परिस्थिति जानने के लिए।
जब सभी लोग बबलू के घर जाते हैं तो दूर से देखते हैं कि बबलू के घर में सब कुछ मौजूद है और पैसा वह झूठ बोल कर लेता है तब सभी लोग उसके घर में जाकर उसे मारते हैं इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि हम कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि हमेशा झूठ पकड़ा जाता है।
4) चींटी और कबूतर की कहानी
नदी के पास एक पैर में कोमल नाम का कबूतर बैठा था कबूतर का मन बहुत अच्छा था वह हर वक्त सभी जानवरों का मदद करता था। कोमल पेड़ के ऊपर बैठकर नदी के पास का नजारा देखना बहुत पसंद करता था।
कोमल का नजर 1 दिन पानी में गिरा हुआ चींटी के ऊपर पढ़ा था जो अपनी जान के लिए तरस रहा था और तभी कोमल नाम का कबूतर पेड़ से पत्ते को पानी में फेंक देता है और तभी वह चींटी पत्ते के ऊपर बैठ जाता है और बच जाता है और वह ऊपर बैठा कोमल नाम का कबूतर को धन्यवाद कहता है।
कुछ दिन बीत जाता है कबूतर पेड़ के ऊपर बैठकर नजारा दिखता रहता है और तभी उसके नीचे से चींटी गुजर रहा था तब चींटी देखता है कि नीचे एक पक्षी शिकारी बैठा है और वह उस पक्षी को शिकार करना चाहता है।
जब पक्षी शिकारी कबूतर को शिकार करने जाता है तभी वह चींटी शिकारी के पैर में काटता है और शिकारी बहुत जोर से आवाज देता है और तभी कबूतर समझ जाता है कि कोई शिकारी आया है और तब चींटी कबूतर को बचा देता है इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि कर भला सो हो भला।
5) मूर्ख मछुआरा की कहानी
वाराणसी के एक छोटे से गांव में प्रतीक नाम का एक मछुआरा था प्रतीक के घर में उसका पत्नी और एक लड़का और लड़की था प्रतीक का दिन मछली बेचकर ही जाता था।
प्रतीक अपने गांव के ही एक नदी से मछली पकड़ा करता था एक दिन उसने बहुत मेहनत करके 4 से 5 मछली बाजार में ले गया परंतु वह मछली ज्यादा दाम में नहीं बेचा गया।
जब प्रतीक नाम का मछुआरा का मछली ज्यादा कीमत पर नहीं बेचा गया तब वह थोड़ा दुखी था और तभी उसका नजर एक और मछुआरे के ऊपर पड़ा तब उसने देखा कि वह मछुआरा केवल एक बड़ा मछली बेच रहा है वह भी बहुत कीमत पर।
प्रतीक ने जब देखा एक मछुआरा बड़ा मछली बहुत महंगे दाम पर बेच रहा है तब उसने भी बड़ा मछली बेचने के बारे में सोचा। अगले दिन बाद प्रतिक मछली पकड़ने चला गया।
जब प्रतीक मछली पकड़ने गया तब उसने केवल बड़ा मछली पकड़ने के बारे में ही सोचा कुछ देर बाद उसके जाल में छोटे-छोटे मछली फसा परंतु बड़ा मछली नहीं फसा कुछ देर बाद शाम हो गया परंतु फिर भी उसको बड़ा मछली नहीं मिला कुछ देर बाद उसने जाल को उठाया और देखा कि बहुत मछली फंसे हैं परंतु वह छोटे थे।
जब प्रत्येक ने देखा कि मछली फस रहा है परंतु छोटा तब वह सभी मछली को नदी में दोबारा फेंक दिया ऐसे ही करते करते रात हो गया परंतु उसका कोई भी मछली नहीं बेचा गया और उसे यह सीख मिला कि जितना मिलता है उतने में ही संतुष्ट रहना चाहिए।
आशा करता हूं कि आप सभी को Bedtime Stories In Hindi | बेस्ट बेडटाइम स्टोरीज पोस्ट पसंद आया होगा। यदि आप और भी मजेदार और रोमांचक दिल जीत लेने वाले कहानियां का पोस्ट पढ़ना चाहते हैं तब नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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