Desh Bhakti Slogan in Hindi [55+ देशभक्ति पर स्लोगन] देशभक्त की पहचान तब की जा सकती है जब एक व्यक्ति को देश के प्रति जिम्मेदारियों का अहसास होता है। साथ ही जब उसके अंदर अपने देश के विकास के लिए कुछ करने का मन हो। एक देशभक्त का जन्म कहां होता है इससे देशभक्ति जाहिर नहीं होता क्योंकि कई लोग अन्य देशों में जन्म लेते हैं परंतु उन्हें नागरिकता सिर्फ उसी देश की दी जाती है, जिस देश में उनके माता-पिता होते हैं।
किसकी राह देख रहा, तुम खुद सिपाही बन जाना, सरहद पर ना सही, सीखो आंधियारो से लढ पाना।
उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं, जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं।
मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा।
जैसे लालकृष्ण आडवाणी जिनका जन्म पाकिस्तान के सिंधु में हुआ परंतु उन्हें भारत की नागरिकता दी गई, परवेज़ मुशर्रफ जिनका जन्म दिल्ली में हुआ था परंतु ये पाकिस्तान की सेना अध्यक्ष तथा बाद में राष्ट्रपति भी बने। खान अब्दुल गफ्फार खान जिन्हें सीमांत गांधी के नाम से जाना जाता है उन्होंने भारत की स्वतंत्रता में एक स्वतंत्र सेनानी का हिस्सा निभाया। विभाजन के कारण उनका जन्म स्थान पाकिस्तान में चला गया और पाकिस्तान के निवासियों ने उन्हें उम्र भर जेल में रखा।
भारत द्वारा सीमांत गांधी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भारत के राष्ट्रीय गीत के रचयिता रविंद्र नाथ ठाकुर का जन्म चटगांव जो पाकिस्तान के हिस्से में है, वहाँ हुआ था रविंद्र नाथ ठाकुर भारत के सच्चे देशभक्तों में से एक थे। चलिए Desh Bhakti Slogan in Hindi के बारे में जानते है।
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Desh Bhakti Slogan in Hindi – देशभक्ति पर स्लोगन![Desh Bhakti Slogan in Hindi [देशभक्ति पर स्लोगन]](data:image/svg+xml,%3Csvg%20xmlns=%22http://www.w3.org/2000/svg%22%20viewBox=%220%200%201620%20980%22%3E%3C/svg%3E)
किसी भी देश का विभाजन उसके हालातों के आधार पर राजनीतिक निर्णय से होता है और यही भारत के साथ भी हुआ जिसमें कई लोग अपने जन्म स्थानों को छोड़कर इधर-उधर भागने लगे। एक सच्चा देशभक्त अपने देश को ताकतवर बनाने में मदद करता है। Desh Bhakti Slogan In Hindi पर हमने जो स्लोगन लिखा है, वह है –
“सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु – ए – कातिल में है”
“भारतवर्ष को तलवार के बल पर जीत गया था और तलवार के बल पर ही उसने ब्रिटानी कब्जे में रखा जाएगा”
“मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा”
“साइमन कमीशन वापस जाओ” – “भारत माता की जय”
“मेरे शरीर पर एक-एक पड़ी लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न में कील सिद्ध होगी”
“सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा”
“जय जवान जय किसान”
पहले हम खुद को पहचाने फिर पहचानें अपना देश, एक दमकता सत्य बनेगा, नहीं रहेगा सपना देश।
हर तूफान को मोड़ दे जो हिन्दोस्तान से टकराए, चाहे तेरा सीना हो छलनी तिरंगा उंचा ही लहराए।
धरती हरी भरी हो आकाश मुस्कुराए, कुछ कर दिखाओ ऐसा इतिहास जगमगाए।
दोनों ही करते है कुर्बान, माँ ममता को, जान को जवान इसीलिए तो है मेरा भारत महान।
कुछ कर गुजरने की गर तमन्ना उठती हो दिल में, भारत मा का नाम सजाओ दुनिया की महफिल में।
देशभक्ति पर नारा वीर चले है देखो लड़ने, दुश्मन से सरहद पर भिड़ने।
इतना ही कहेना काफी नही भारत हमारा मान है, अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है।
बंद करो ये तुम आपस में खेलना अब खून की होली, उस मा को याद करो जिसने खून से चुन्नर भिगोली।
बड़ा ही गहरा दाग़ है यारों जिसका ग़ुलामी नाम है, उसका जीना भी क्या जीना जिसका देश ग़ुलाम है।
किसकी राह देख रहा, तुम खुद सिपाही बन जाना, सरहद पर ना सही , सीखो आंधियारो से लढ पाना।
उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं, जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं।
मेरे सिर पर लाठी का एक-एक प्रहार, अंग्रेजी शासन के ताबूत की कील साबित होगा।
बड़ा ही गहरा दाग़ है यारों जिसका ग़ुलामी नाम है, उसका जीना भी क्या जीना जिसका देश ग़ुलाम है!
इतना ही कहेना काफी नही भारत हमारा महान है।
इतना ही कहेना काफी नही भारत हमारा मान है, अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है।
आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं, तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है। – जय हिंदी।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे, शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नहीं होने देंगे, बची हो तो एक बूँद भी गरम लहू की, तो भारत माता का आंचल नीलम नहीं होने देंगे।
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, लहू देकर की है जिसकी हिफाज़त हमने, ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल में बसाये रखना। – जय हिंदी – जय भारत।
मोहब्बत का दूसरा नाम है मेरा देश, अनेकों में एकता का प्रतिक हैं मेरा देश, चंद गैरों की सुनना मुझे गंवारा नहीं, हिन्दू हो मुस्लिम सभी का प्यारा है मेरा देश। जय हिंदी।
यह नफरत बुरी है, ना पालो इसे, दिल में खलिश है निकालो इसे, ना तेरा ना मेरा ना इसका ना उसका, ये सब वतन है बचा लो इसे।
वतन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई, रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई, दिल हमारे के हैं एक हमारी जान, हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी जान, जान लुटा देंगे वतन पर हो जायेंगे कुर्बान, इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान। जय हिन्द !
वतन हमारा मिसाल मोहब्बत की, तोड़ता है, दिवार नफरतों की, मेरी खुशनसीबी है, मिली ज़िन्दगी इस चमन में, भुला ना सके कोई खुशबू, इसकी सातों जन्मों में।
वतन पर जो फ़िदा होगा, अमर वो नौजवान होगा, रहेंगे जब तक दुनिया में, अफ़साना बयां होगा।
मैं इसका हनुमान हूँ, ये मेरा राम है, छाती चीर कर देख लो,अंदर बैठा हिंदुस्तान है।
पहले हम खुद को पहचाने फिर पहचानें अपना देश, एक दमकता सत्य बनेगा, नहीं रहेगा सपना देश।
देशभक्त किसे कहा जा सकता है
भारत में स्वतंत्रता संग्राम में भले ही विदेशी नागरिकों ने भी जबरदस्त समर्थन किया था भारत में होने वाले हर आंदोलन को उन्होंने सही साबित किया और अपना भी महत्वपूर्ण योगदान दिया तो क्या इस प्रकार ब्रिटिश सरकार उन सभी लोगों को देशद्रोही बता सकती है? भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 5,6 नए पृथक राज्य भारत में शामिल हुए।
इनमें सिक्किम, गोवा, पणजी , दमन व दीव थेे क्या इन राज्यों को भारतीय लोकतंत्र को अपनाने में अभी भी शक करना चाहिए? इन सभी राज्यों ने भारतीय लोकतंत्र को अपनाकर उसके नियमों को अपनाकर सही ढंग से भारत के शासन को स्वीकार किया है। जब हमारे देश में प्रत्येक क्षेत्र में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चल रहे थे तो कई ब्रिटिश नागरिकों ने भी इन आंदोलन में अपना सहयोग दिया क्योंकि वे लोग भी भारत की स्वतंत्रता के पक्षधर थे।
तो सवाल उठता है कि इन लोगों को भारत की स्वतंत्रता के लिए सहयोग करने से मना किया जा सकता था ,या फिर उन लोगों को देशद्रोही ठहराना अनुचित था जिन्होंने अंग्रेजों का साथ देकर भारत को गुलाम बनाकर रखना चाहा।
इसीलिए परस्पर संयोजक तत्वों को मजबूत बनाए रखने में विश्वास करना चाहिए। भारत की संविधान सभा में सभी गुणों को सजोने और पिरोने के विधान किए गए हैं। भारत का लोकतंत्र जाति, धर्म, भाषा, और क्षेत्र पर अवलंबित नहीं करता।
इसलिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि भारतवासी अपने देश में रहने वाले आदिवासी लोग, दलित और अल्पसंख्यक लोगों के प्रति किस प्रकार का दृष्टिकोण रखते हैं, जिससे लोगों के बीच भेदभाव कम किया जा सके और उनमें विश्वास को एकत्र करने की शक्ति बढ़ाई जाए। यह सिर्फ एक दूसरे पर भरोसा करने से ही किया जा सकता है।
इसीलिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में जनता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है जिसे मूल अधिकारों में शामिल किया है। परंतु इसमें कानून के अनुसार जो दंड दिए जाएंगे उन्हें दो भिन्न तरीकों में बांटा गया है यदि यह स्वतंत्रता, घृणा या देष के कारण है तो दंड इसके संपूर्ण प्रभाव के अनुसार होगा। लेकिन जनता द्वारा कुछ नारों को लेकर विपरीत कार्यों को करना स्वीकार नही किया जा सकता।
किसी भी देश की एकता की रक्षा का मूल कर्तव्य उन लोगों पर निर्भर होता है जो राज्य का संचालन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिनके हाथों में राज्य के भावी स्वरूपों को अच्छे तरीके से रखने का अधिकार दिया जाता है। इस प्रकार लोकतंत्र में प्रत्येक निर्वाचन पद्धति के साथ व्यवस्था का दायित्व पूरा करने के लिए कार्यपालिका की रचना की जाती है।
देशभक्ति का महत्व
देशभक्तों के मन में देश के प्रति भावना उनके अंतरमय में समायी रहती है। वह अपने कार्यों से देश के प्रति प्रेम और आत्मसमर्पण की भावनाएं प्रदर्शित करते हैं। एक सच्चा देशभक्त वह आदमी होता है जो अपनी मातृभूमि के लिए तथा अपने देश के लिए होने वाले कार्यों में वफादार रहता है। देशभक्ति मनुष्य का सबसे बड़ा गुण होता है देशभक्त हमेशा अपने देश की सभी नियमों का पालन करता है।
उम्मीद है की आपको देशभक्ति पर स्लोगन | Desh Bhakti Slogan In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।
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