60+ Election Slogan in Hindi [चुनाव पर नारा]


60+ Election Slogan in Hindi [चुनाव पर नारा] एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते, भारत की चुनाव प्रक्रिया बहुत ही महत्वपूर्ण है। इससे जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का एक बहुत ही अच्छा अवसर प्राप्त होता है, एक स्वतंत्र चुनाव के आधार पर ही विधायिकाओं में उपस्थित सभी नेताओं का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है। 

पंचायती राज को दें एक नया नज़रिया।

अबकी बार युवाओं को बनाइए विकास का जरिया।

वोट आपका हथियार है। 

भारत के प्रत्येक हिस्से में चुनाव द्वारा लोग अपने प्रतिनिधि को चुनते हैं। भारत में लोकतंत्र के अंदर चुनाव के अलग-अलग स्तर तथा अलग-अलग समय हैं परंतु मुख्य रूप से पूरे देश के लिए एक ही लोकसभा तथा प्रत्येक राज्यों में अलग-अलग विधानसभाएँ हैं। चलिए Election Slogan in Hindi के स्लोगन के बारे में जानते है। 

भारत में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं जो विभिन्न राज्यों में जनता के अनुसार बंटी हुई हैं, प्रत्येक राज्य में लोकसभा सीटों की अलग-अलग संख्या हैं इस कारण प्रत्येक राज्य में अलग-अलग प्रतिनिधि चुने जाते हैं। इसी के अनुसार देश के प्रत्येक राज्य में अलग-अलग विधानसभा साखाएं भी हैं।

Election Slogan in Hindi – चुनाव पर नारा60+ Election Slogan in Hindi [चुनाव पर नारा]

भारत में क्षेत्रीय निकाय चुनाव की व्यवस्था राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की जाती है, जबकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा कराए जाते हैं। इस कारण प्रत्येक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करके, प्रत्यक्ष रूप से अपना मत देकर विधायकों को चुनता है। Election Slogan in Hindi पर हमने जो चुनाव पर स्लोगन लिखा है, वह सभी स्लोगन है – 

सहयोग करो मतदान में पंचायत के उत्थान में।

इमानदारी जिसकी है पहचान उस ही चुनें पंचायत प्रधान।

गरीबों की जो सुने पुकार उसे ही चुने अबकी बार।

Election Slogan in Hindi

पैसे वालों का ही शोर है उसका कोई नहीं जो कमज़ोर है।

लोकतंत्र हुआ हमारा मजबूत, पंचायती राज है इसका सबूत

गाँव देश की पहचान है, लोकतंत्र का यह मान है।

खुशहाल क्षेत्र आपका तभी बनेगा, जब पंचायती राज चलेगा।

तभी बढेगा आपका इलाका, जब आपने सही नेता जिताया।

Election Slogan

अपनी पंचायत को मजबूत बनाये, अपने क्षेत्र को आगे ले जाए।

नयी उमंग नयी सोच इस बार, आपके प्रिय और कर्मठ उम्मीदवार। 

अगर दे आप साथ हमारा, मिल कर करेंगे हम विकास तुम्हारा।

आपकी सोच आपका विश्वास, तय करेगा क्षेत्र का विकास।

पढ़े लिखे को जिताओ, अपने एरिया का विकास कराओ।

भ्रष्ट नेता से दूर रहो, अच्छे नेता को आगे करो।

ग्राम प्रधान को खुद चुनो, अपने गाँव का विकास बुनो।

अगर गाँव को है बदलना, तो नाकाबिल नेता से दूर ही रहना। 

सरपंच वही जो विकास कराए, पूरे बहुमत से उसे विजयी बनाये।

आपका वोट है आपकी ताकत, अच्छा नेता है इसकी लागत।

ईमानदार नेता अच्छी सरकार, आपका वोट करेगा तय हर बार। 

जब गाँव आगे तब देश भी आगे, यह तभी हुआ जब हम सब जागे। 

हर क्षेत्र का विकास करेंगे, हम मिलकर अच्छा नेता चुनेंगे।

राज हमेशा रहेगा पंचायती, यह है आगे बढने की कुंजी। 

सफल बनो आगे बढो, अपने कदमो से ही सीढियाँ चढो। 

चुनाव है लोकतंत्र की एकता का आधार, मतदान करके इसके महत्व को करो साकार।

चुनाव है लोकतंत्र की शान, वोट देकर करो इसका सम्मान।

देश के विकास का लो संकल्प, चुनाव में मतदान कर चुनों सही विकल्प।

चुनाव में मतदान का लो संकल्प, क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत करने का है मात्र यही विकल्प।

चुनाव के दौरान जिम्मेदारी पूर्वक अपने मतदान का उपयोग करना सिर्फ हमारा कर्तव्य ही नही दायित्व भी है।

चुनाव लोकतंत्र के आत्मगौरव व स्वतंत्रता का प्रतीक है।

लोकतंत्र की शिक्षाओं को अपनाओं, मतदान कर करो सही चुनाव।

चुनाव में लोकतंत्र का महत्व है निहित, इसीलिए तो सब कहते हैं कि चुनाव में मतदान करों समझादी सहित।

पांच वर्षों में एक बार आता है चुनाव, इसलिए मतदान से करो लगाव।

देखों आ गया लोकतंत्र का यह त्योहार, चुनाव है वह प्रक्रिया जो पांच वर्ष में आता है एक बार।

चुनाव है लोकतंत्र की शान, समझदारी से वोट देकर बढ़ाओ इसका मान।

चुनाव देता है बदलाव का मौका, तो पैसों के खातिर वोट बेचकर ना करो लोकतंत्र की मर्यादा से समझौता।

लोकतंत्र की मर्यादा का रखों मान, चुनाव में वोट डालकर ही करो जलपान।

मतदान की रखो पूरी जानकारी, सतर्कता से वोट देना ही है सबसे बड़ी समझदारी।

भ्रष्टाचारियों पर होगा करारा वार जीतेगा वही, जो होगा ईमानदार। 

इस बार पंचायत का होगा सुधार  पक्षपात पंचायत से होगा दरकिनार। 

अबतक बहुत हो चुका पक्षपात अबकी बार हर पक्ष होगी बात। 

एक ही नारा एक ही नाम सबका साथ सबका काम। 

इमानदारी जिसकी है पहचान उस ही चुनें एल पंचायत का प्रधान। 

पंचायत से भ्रष्टाचारी साफ करो इस बार गरीबों के साथ इंसाफ करो। 

जिस मुखिया ने आपके घर का रास्ता कच्चा रखा है उस मुखिया का आपके घर का इस बार होगा रास्ता बंद। 

पंचायत ने परिवर्तन का मूड़ बना लिया है भ्रष्टाचारियों को मत से हराने का मन बना लिया है।

मुखिया के इस बार दावेदार कई हैं मगर हमारे मोहन भाई की तरह, सारे ईमानदार नहीं है।

पंचायती राज को दें एक नया नज़रिया।

अबकी बार युवाओं को बनाइए विकास का जरिया।

वोट आपका हथियार है। 

अपने हथियार से करें भ्रष्टाचारियों का शिकार।

आप वादा करो हमारा साथ देने का हम वादा करते हैं पंचायत को विकास देने का।

अपना पंचायत विकास के रथ पर होगा सवार।

इसबार अपने पंचायत में होगा परिवर्तन।

जो पैसा, मुर्गा और दारू से करेगा प्रचार वो जीत गया तो, करेंगा सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार।

चुनाव को कराने के सबसे पहले निर्वाचन आयोग द्वारा सूचना जारी की जाती है। अधिसूचना प्राप्त होने के बाद निर्वाचन को तीन हिस्सों में बांटा जाता है – 

  • नामांकन 
  • निर्वाचन 
  • मतगणना 

 चुनाव की प्रक्रिया

किसी भी लोकतंत्र को चलाने के लिए जनता की सीधी भागीदारी संभव नहीं है इसलिए लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए विभिन्न स्तरों पर चुनाव कराए जाते हैं जिसका आखिरी असर देश की केंद्र सरकार पर पड़ता है, प्रत्येक 5 वर्षों बाद जनता अपने पसंद के प्रतिनिधि को चुनती है। 

यह चुनाव प्रक्रिया जनता के हाथ होती है यहां जनता अपने मनचाहे प्रतिनिधि को मत दे सकती है। इस प्रक्रिया को ही चुनाव प्रकिया कहा जाता है। चुनाव प्रक्रिया निम्नलिखित बिंदुओं पर निर्भर होती है –

  • लोकतंत्र प्रत्यक्ष रूप से है या अप्रत्यक्ष।
  • मतदान का अधिकार किसे दिया गया है।
  • मतदान के नियम क्या बनाए गए हैं 
  • चुनाव लड़ने की अनुमति किसे है।
  • मतदान करने की प्रक्रिया क्या हो सकती है।
  • चुनाव के वक्त निगरानी कौन रखेगा।
  • मतगणना कब और किस प्रकार होगी।
  • चुनाव व्यवस्था कैसी है।

भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र रहा है चुनाव को लेकर यहां कुछ विशेष नियम देखने को मिलते हैं। भारतीय संविधान के भाग 15 में दिए गए अनुच्छेद 324 से 329 में दिए गए अनुच्छेद के अंदर भारत में संपूर्ण चुनाव कराए जाते हैं।

भारतीय चुनाव प्रणाली की कुछ विशेषता

फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट-सिस्टम :- इस सिस्टम के अंतर्गत, जो सबसे आगे होता है वह जीत जाता है अर्थात जो प्रतिनिधि सबसे ज्यादा वोट प्राप्त करता है वही विजेता होता है।

व्यस्क मताधिकार की प्रणाली :- भारत में वयस्क मताधिकार प्रणाली है जिसके अंतर्गत 18 वर्षों से बड़ा प्रत्येक व्यक्ति वोट देने का अधिकार रखता है ।18 साल के पश्चात प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार, एक मौलिक अधिकार बन जाता है जिस कारण प्रत्येक व्यक्ति एक वोट दे सकता है।

निर्वाचन क्षेत्रों के विभाजन :- एक बहुत बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के कारण भारत को बहुत सारे अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में बांटा गया है प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न प्रत्याशियों की संख्या होते है,तथा हर क्षेत्र में अलग-अलग प्रत्याशी चुनाव लड़ते हैं जिनमें से हर क्षेत्र में एक प्रत्याशी लोगों का उम्मीदवार बन पाता है।

आरक्षित निर्वाचन के क्षेत्र :- भारत के लोकतंत्र में यह विशेषता भी है कि  कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को जाति समुदाय और लिंग के आधार पर आरक्षित रखा है,जाति से होने वाले भेदभाव भारत की परंपरा रही है इसलिए इस जटिल से जटिल समस्या को समाप्त करने के लिए संविधान में कुछ क्षेत्रों को जाति के आधार पर आरक्षित घोषित किया गया है।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव :- भारत में हमेशा चुनाव निर्वाचन आयोग के नियमानुसार कार्य करता है। क्योंकि निर्वाचन आयोग खुद एक स्वतंत्र संस्थान है, जो देश में चुनाव तारीखों का ऐलान करने से लेकर मत करवाने तक, तथा मतगणना तक अपनी निगरानी बनाए रखता है। इसीलिए स्वतंत्र चुनाव ही भारतीय लोकतंत्र में मजबूत बुनियाद है।

भारतीय चुनावी व्यवस्था

निर्वाचन आयोग – भारत में लोकतंत्र के चलते देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाने के लिए एक चुनाव आयोग की स्थापना की गई,इस आयोग का मुख्य कर्तव्य मतदाताओं का पंजीकरण करना, राजनीतिक दलों पर निगरानी रखना,जनता द्वारा निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना है।

निर्वाचन नामावली – निर्वाचन नामावली प्रत्येक क्षेत्र में उपस्थित उन लोगों के नाम की लिस्ट होती है जो लोग 18 वर्ष से बड़े हो , तथा जिन लोगों को चुनाव देने का अधिकार रहता है। केवल ये लोग अपना वोट दे सकते हैं जिनका नाम निर्वाचन नामावली में होता है। निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नामावली का समय-समय पर जांच करना अत्यंत आवश्यक है।

वोटर आईडी – एक मतदाता का पहचान पत्र उसकी वोटर आईडी है जिसमें मतदाता की विशेष जानकारी लिखी होती है,वोट देते वक्त मतदाता के पास वोटर आईडी का होना अत्यंत आवश्यक है।

चुनावी अनुसूची – विधानसभा लोकसभा के चुनाव प्रत्येक 5 साल बाद होते हैं, 5 साल की अवधि पूरी होते ही फिर नया चुनाव होता है। इस प्रकार निर्वाचन आयोग द्वारा एक अनुसूची निर्धारित की जाती है जिसमें चुनाव  की एक अनुसूची निर्धारित की जाती है जिस में चुनाव कब, कहां,और कितने चरणों में होंगे यह सब जानकारी दी जाती है। 

आचार संहिता – जब चुनाव के दिन नजदीक आ जाते हैं तो निर्वाचन आयोग द्वारा आचार संहिता लगाई जाती है,आचार संहिता के दौरान राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने प्रचार प्रसार और जनता पर पैसा खर्च करना यह सब बंद किया जाता है। इन सब का उल्लंघन करने पर निर्वाचन आयोग द्वारा उस दल के साथ कुछ कानूनी कार्रवाई की जाती है ।

नामांकन – जब निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीख फिक्स हो जाती है तब प्रत्याशियों के नामांकन प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाती है प्रत्येक प्रत्याशी को अपने निर्वाचित क्षेत्र में निर्वाचन आयोग के दफ्तर में जाकर नामांक करवाना पड़ता है।

EVM मशीन – भारत में कुछ वर्षों के दौरान ही ईवीएम मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, इस मशीन द्वारा चुनाव कराए जाते हैं तथा यह प्रक्रिया जनता के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। जिसमें सभी का समय कम खर्च होता है।

चुनाव आयोग क्या है

भारत के लोकतंत्र में संविधान के अनुच्छेद 324 में निर्वाचन आयोग बनाया गया है इस निर्वाचन आयोग को ही चुनाव आयोग भी कहा जाता है। हमारे देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा और विधानसभा के चुनाव का आयोजन चुनाव आयोग द्वारा ही किया जाता है।

उम्मीद है की आपको चुनाव पर स्लोगन |  Election Slogan In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी। 

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