दशहरा पर निबंध – Essay On Dussehra In Hindi


दशहरा पर निबंध – Essay On Dussehra In Hindi! अगर आप दशहरा पर निबंध तलाश रहे हो तो यह पोस्ट आपके लिए काफ़ी मददगार साबित हो सकता है क्यूकी आजके इस पोस्ट में हम दशहरा के बारे में dussehra nibandh in hindi, 15 lines on dussehra in hindi, Dussehra Essay In Hindi! जानिंगे।

भारतीय संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है, किसी भी पर्व के आने की खुशी लोगों के चेहरे पर साफ झलकती है और उन्हीं पावन पर्व में से एक है दशहरा जिस दिन पुरुषोत्तम श्री राम ने रावण का वध कर इस धरती पर उसके द्वारा किए गए अत्याचारों एवं जगत जाननी सीता माता के अपहरण का बदला दिया।

आज हम आपके समक्ष इस लेख में दशहरा पर छोटे एवं बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं! ताकि अगर आपको किसी परीक्षा में या किसी निबंध प्रतियोगिता में दशहरा के निबंध (Essay On Dussehra In Hindi) की आवश्यकता पड़े तो आप निम्नलिखित निबंधों की सहायता ले सकें।

तो आइए निबंध के माध्यम से इस पर्व को मनाने का कारण उसकी महत्वता तथा अन्य उपयोगी जानकारियां प्राप्त करते हैं।

दशहरा पर निबंध – Essay On Dussehra In Hindi

निबंध 1 (300 Words)

दशहरा हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक पवित्र त्यौहार है जिसे दूसरे कई नामों से भी जाना जाता हैं जैसे दशहरा, विजयदशमी। इस त्योहार को आमतौर पर अक्टूबर या नवम्बर के महीने में मनाया जाता हैं। यह त्योहार से 20 दिन पहले पड़ता है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत और गलत पर सही की जीत का प्रतीक है। दशहरा के इस त्योहार को लोग बड़े ही प्यार और उत्साह के साथ मनाते हैं।

दशमी के दिन दशहरा मनाया जाता हैं इसलिए इसे विजयादशमी भी कहा जाता है। इस त्यौहार का लोग साल भर बेसब्री से इंतजार करते हैं। कई लोग तो दशहरा से कुछ दिन पहले ही इस त्योहार की तैयारियाँ करना शुरू कर देते हैं।

10 दिनों तक चलने वाला यह त्योहार भगवान राम के आदर्श जीवन और राक्षस राज रावण के अंत को दर्शाता हैं। कई शहरों में लोग रामायण की इस लड़ाई को नाटक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। लोगों द्वारा किए गए इस नाटकीय प्रदर्शन को राम-लीला के नाम से भी जाना जाता है।

राम लीला के इस नाटक का प्रदर्शन करने के लिए नाटक के कलाकार पौराणिक काल में भगवान राम, देवी सीता, रावण, लक्ष्मण और अन्य पात्रों की तरह कपड़े पहनते हैं और इस नाटक का प्रदर्शन करते हैं। कई शहरों में रामलीला का यह नाटक रूप में प्रस्तुत किया जाता हैं। राम लीला के इस नाटक को देखने के लिए हर साल बच्चे बड़ों से ज्यादा उत्सहित रहते हैं।

राम लीला का नाटक जिस आयोजन स्थल प्रस्तुत किया जाता है उस जगह पर खिलौने, भोजन आदि कई स्टॉल लगाए जाते हैं। साथ ही वहां बच्चों के मनोरंजन हेतु कई छोटे बड़े झूलों का भी प्रबंध किया जाता हैं। दशहरा के दिन भगवान राम ने दैत्य राज रावण का वध किया था इसीलिए इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के बड़े बड़े पुतले बनाए जाते हैं और उन पुतलों में अलग अलग तरह के विस्फोटक पटाखे भरे जाते हैं।

व्यक्ति भगवान राम का रूप धारण करते हैं और दिन के अंत में इन पुतलों को अग्नि युक्त तीरों से जलाते हैं रावण दहन की ये प्रक्रिया बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कई शहरों में दशहरे के दिन कार्निवाल और मेले लगाएं जाते हैं। दशहरा का यह त्यौहार दानव राज महिषासुर पर देवी स्वरूप मां दुर्गा के जीत के लिए भी मनाया जाता है।

दशहरा का ये त्योहार बच्चों और छात्रों के मन को भी उत्साह से भर देता है क्योंकि नवरात्रि के दौरान बच्चे अपनी छुट्टियों का भरपूर आनंद लेते हैं और अपना समय  अपने माता-पिता और दोस्तों को देते हैं उनके साथ अच्छा समय व्यतीत करते हैं। दशहरा का यह त्यौहार हमें हमेशा सच्चाई पर विश्वास रखने की सीख देता है और ये त्योहार हमे यह भी बताता है कि समय कितना ही बुरा क्यों ना हो जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।

निबंध 2 (500 Words)

दशहरा को हिंदू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है देश भर में इस त्योहार को विभिन्न नामों और तरीकों से मनाया जाता है दशहरा का ये त्योहार असत्य पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई के जीत का प्रतीक है।

दशहरा का ये त्योहार हर साल नवरात्रि के दशवे दिन मनाया जाता हैं।  दशहरा का यह त्योहार भगवान राम की जीत को दर्शाता देता हैं, उस जीत का जो उन्होंने राक्षस रावण का वध कर प्राप्त किया था।

साथ ही प्रभु श्री राम देवी सीता को रावण के कारावास से मुक्त कराने में सफल रहे थे। दशहरे के इस शुभ अवसर पर देवी दुर्गा और भगवान राम दोनों की पूजा की जाती है। दशहरा दस दिनों का त्यौहार है, इसके नौ दिनों को नवरत्नों के रूप में माना जाता है इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के सभी नौ स्वरूप की आराधना की जाती है।  नवरात्रि के पर्व के दसवें दिन को विजयदशमी कहते हैं, जिसे दशहरा के रूप में जाना जाता है।

नवरात्रि के त्योहार के अंतिम दिन देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था, इसीलिए  लोगों ने दशहरा के दिन श्री राम के साथ साथ देवी दुर्गा की पूजा शुरू कर दी। यही कारण हैं कि इस त्योहार को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के दिनों में दशहरे से कुछ दिन पहले शहर के विभिन्न स्थानों पर बड़े बड़े मेले और कार्निवल आयोजित किये जाते हैं।

इसके अलावा नवरात्रि के नौ दिनों में राम जी के जीवन का नाटकीय प्रदर्शन शहर के अलग-अलग मंदिरों के समीप वह मैदानों में किया जाता है, जिन्हें लोग रामलीला के नाम से जानते हैं।

नवरात्रि के अंतिम दिन यानी दशहरे के दिन बुराई के स्वरूप रावण का बड़ा पुतला बना कर उसे जलाते हैं। यह त्योहार हमे बुराई पर सच्चाई व अच्छाई की जीत का संदेश देने वाले समारोह का प्रतीक है। दशहरा के दिन जहां रावण को जलाया जाता हैं वहीं दूसरी तरफ मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन किया जाता हैं।

दशहरा का ये त्यौहार लोगो के जीवन को  आनंद से भर देते हैं और खाश कर बच्चे इस त्योहार मे मिले छुट्टियों में अलग अलग खेल खेलते हैं और स्वादिष्ट भोजन खाते हैं।दशहरे के दिन, कुंभकर्ण और मेघनाथ के साथ रावण के पुतले जलाए जाते हैं।

दशहरा भारत के सभी आनंदमय त्योहारों में से एक हैं, जिसे पूरे उत्साह, सम्मान, विश्वास और प्रेम के साथ मनाया जाता है। दशहरा केवल एक त्योहार नहीं हैं अपितु ये प्रतीक हैं एक सत्य का जो कभी नहीं बदल सकता कि बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो अंत में जीत हमेशा सच्चाई और अच्छाई की होती हैं साथ ही ये त्योहर हमे हमारे मन में छुपे रावण यानि क्रोध, लोभ, लालसा सबका वध कर श्री राम को यानि शांति को अपने मन में विराजने का संदेश देता हैं।

निबंध 3 (800 Words)

दशहरा भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है जिसे हर साल अक्टूबर-नवंबर के माह में मनाया जाता है। मान्यता है दशहरा के दिन ही भगवान श्रीराम ने दुष्ट रावण अंत किया था। इसलिए दशहरा को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।

दीपावली से ठीक दो-तीन हफ्ते पूर्व दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है, जिसमें 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन दिनों को नवरात्रि कहा जाता है जिसमें मां दुर्गा एवं प्रभु श्री राम के भक्त पहली नवरात्र से लेकर नौवे नवरात्रों तक व्रत लेते हैं वहीं कुछ लोग पहले एवं अंतिम नवरात्र का व्रत रखकर भगवान की भक्ति करते हैं।

दसवे दिन अर्थात दशहरे के दिन रावण का दहन होता है। बुराई पर सच्चाई की विजय के तौर पर यह दिवस जाना जाता है जिस दिन अनेक स्थानों पर रावण का पुतला जलाकर उसे उसके कर्मा की सजा दी जाती है।

पूरे भारतवर्ष में इस त्यौहार की धूमधाम देखी जा सकती है, बच्चे बड़े इस त्यौहार में सज धज कर दशहरे के मेले पर जाते हैं। मेले में दशहरा देखने के लिए आए लोगों द्वारा मिठाइयां, खिलौने कपड़े विभिन्न प्रकार के पकवान खरीदे जाते हैं।

रामलीला आयोजन

दशहरा पर्व आते ही बच्चों एवं बड़ों में खुशी का कारण है रामलीला। भगवान श्री राम की जीवनी के अंतर्गत उनके द्वारा किए गए महान कर्म एवं रावण के वध को रामलीला के नाटक के जरिए जनता द्वारा देखा जाता है।

मंच में रामलीला का नाटक करते यह कलाकार रामायण के पात्रों और उनके इतिहास को बताते हैं इसलिए सैकड़ों हजारों की संख्या में रामलीला को देखने लोग बड़ी दूर दूर से आयोजन स्थल पर आते हैं। हालांकि समय के साथ जिस तरह इलेक्ट्रॉनिक गैजेट मोबाइल कंप्यूटर एवं इंटरनेट का विस्तार हुआ है उससे रामलीला के दर्शकों की संख्या में कमी आ रही है।

दशहरा का महत्व

भारतीय संस्कृति में दशहरा का विशेष महत्व है, यह त्योहार न सिर्फ हमें हमारी पावन भूमि पर जन्मे पुरुषोत्तम श्री राम के महान एवम् आदर्श जीवन को करीब से समझने का अवसर देता है। साथ ही यह हमारे अंदर मौजूद कमियोंएक्स बुराइयों को मिटाकर जीवन में नई शुरुआत करने का भी संदेश देता है।

यह त्यौहार किसानों के लिए भी खुशी का होता है क्योंकि यह वह समय है जब किसान फसल काट कर उसे घर लाते है। साथ ही बच्चों में दस सिर वाले रावण के अंत को देखने की उत्सुकता देखने योग्य होती है। बड़ों के लिए यह त्यौहार उन्हें जीवन में बुराई को त्यागकर सच्चाई अपनाने के लिए प्रेरित करता है।

साथ ही विजयादशमी के इस त्यौहार को लेकर कई पुरानी कहानियां भी प्रचलित है। जैसे भगवान राम की रावण पर विजय, पांडवों का वनवास, मां दुर्गा द्वारा महिषासुर वध का इत्यादि।

पहले अपने अंदर के रावण को खत्म करे

अक्सर दशहरे पर रावण के पुतले को जलाने में हम बड़ा आनंदित महसूस करते हैं परंतु हमें यह आभास होना चाहिए कि उस रावण को जलाने के लिए हमें पहले स्वयं अपने कर्मों से राम बनना होगा।

सतयुग में सिर्फ एक रावण था। जिसका अंत भगवान राम ने किया लेकिन आज सतयुग में अनेक रावण खुलेआम घूम रहे हैं। विजयादशमी एक ऐतिहासिक पावन पर्व है जिसे हमें हर्ष उल्लास के साथ मनाना चाहिए साथ ही हमें अपने अंदर की उन बुराइयों को खत्म करना चाहिए जो एक रावण में थी तथा जो समाज के लिए हानिकारक हो सकती है।

कहा जाता है घने अंधकार को मिटाने के लिए दीपक की एक किरण काफी है उसी प्रकार अगर हम मन में यह ठान लें कि इस दशहरे पर हम अपने अंदर मौजूद सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का प्रण लें, तो उस दिन असल में रावण दहन का असली मकसद कामयाब हो पाएगा।

अन्यथा सिर्फ पुतला जलाने से और बाहरी दिखावे से हम अपने अंदर के रावण को नहीं मार पाएंगे। क्योंकि अपने अंदर के रावण को किसी धनुष से खत्म नहीं किया जा सकता बल्कि इसे मारने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और ज्ञान एवं संस्कारों की आवश्यकता होगी।

निष्कर्ष

दशहरा हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पावन पर्व है जो एक दूसरे के साथ खुशियां बांटने भगवान की भक्ति करने और हमारे अंदर छिपी बुराइयों को नष्ट करने का संदेश देता है।

दशहरा पर 10 लाइनें

1.विजयादशमी के इस पर्व के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का अंत किया था।
2.दशहरा हिंदुओं के सबसे प्रसिद्ध एवं पवित्र त्योहारों में से एक है जिसे 10 दिन तक मनाया जाता है।
3. मां दुर्गा के भक्तों के लिए यह एक अत्यंत पावन पर्व है इन 9 दिनों में भक्तगण उपवास रखते हैं।
4.  बुराई के प्रति सच्चाई की जीत के लिए दशहरा का त्योहार जाना जाता है।
5. विजयादशमी का यह पर्व न सिर्फ हिंदुओं द्वारा बल्कि भारत में अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मिलकर मनाया जाता है।
6. दशहरा शब्द का संस्कृत में अर्थ 10 बुराइयों से छुटकारा पाना है।
7 दशहरा के मौके पर रामलीला का आयोजन होता है जिसमें रामायण के पात्रों का किरदार मंच पर देखने को मिलता है
8 दशहरा के दिन कुंभकरण, मेघनाथ, रावण जैसे लंका के दुष्टों का विनाश होता है।
9. पुतलों को जलाने हेतु पटाते,रॉकेट्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसे देखना अत्यंत मजेदार होता है
10. मान्यता है अगर भगवान राम द्वारा रावण का वध न किया क्या था तो पृथ्वी पर सूर्य सदा के लिए अस्त हो जाता।

उम्मीद है दशहरा पर निबंध (Essay On Dussehra In Hindi) कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुयी होगी और आप dussehra nibandh in hindi, 15 lines on dussehra in hindi, Dussehra Essay In Hindi! के बारे में जान गये होगे।

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