दोस्तों अगर आप होली पर निबंध लिखना चाहते हो और Holi Essay In Hindi धूँड रहे हो तो आज इस पोस्ट में हम आपको हर class (from 1 to 12) के लिए Holi Essay बतायींगे, वो भी 100, 200, 300, 500, 800, 1000 words में। तो चलिए देखते है फिर होली पर निबंध – Essay On Holi In Hindi के बारे में।
होली हिंदू धर्म का एक मुख्य उत्सव है परंतु इस रंगों के उत्सव में सिर्फ हिंदू धर्म के व्यक्ति ही नहीं बल्कि और भी कई तरह के धर्म के लोग रंगों के साथ होली उत्सव के त्योहार को मनाते हैं और यदि हम होली के बारे में बात करें तो यह रंगों का एक उत्सव है जहां पर सब मिलकर दुख को भूलकर हंसी से रंगों के साथ खेलते हैं.
अगर आप सभी class 1 से लेकर 12 के student है तब हमारा आज का यह लेख आप सभी के लिए यूज़फुल होने वाला है क्योंकि आज के इस Informative आर्टिकल पर हमने आप सभी को होली पर निबंध – Essay On Holi In Hindi होली निबंध (300 सब्द, 500 सब्द, 1000 सब्द) के बारे में बताया है जो कि आप सभी को बाद में निबंध लिखने के समय मदद करेगा.
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होली पर निबंध – Essay On Holi In Hindi
निबंध 1 (300 Words)
भूमिका:-
होली एक रंगों का त्योहार है जिसमें सभी लोग आपस में मिलजुल कर अपनों को खुशी का रंग लगाते हैं। यह खुशी का उत्सव होली एक ऐसा उत्सव है जहां पर सभी लोग अपने दुख को बुलाकर खुशी के साथ होली के त्योहार को मनाते हैं।होली हर साल बसंत ऋतु के फाल्गुन महीने के आखिरी दिन पर मनाया जाता है और बसंत ऋतु के इस होली उत्सव को रंगो का उत्सव भी कहा जाता है।
होली उत्सव का महत्व:
होली हिंदू धर्म का एक प्राचीन त्यौहार है जो कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद से ही चला आ रहा है। होली के इस उत्सव में हर कोई अपने दुख गम को भुलाकर नया तरीके से जिंदगी को जीने के बारे में सोचते हैं।
हमारे भारत में जिस तरीके से दीपावली का त्योहार मनाया जाता है धूमधाम से उसी तरीके से होली का त्यौहार को भी बहुत ही धूमधाम से हमारे भारत में मनाया जाता है होली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि देश के और भी अन्य जगह में भी मनाया जाता है।
उपसंहार:
होली उत्सव भारत का एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी आनंद उठाते हैं और एक आपस को रंग लगाते हैं। सभी लोग इस होली के उत्सव को बड़े ही आनंद के साथ मनाते हैं वह भी नाच गान और अच्छा पकवान खा कर सिर्फ यही नहीं बल्कि बहुत सारे लोग बाहर किसी होटल में जाकर भी होली के त्योहार को मनाते हैं।
निबंध 2 (500 Words)
भूमिका:
विदेश में जैसे क्रिसमस उत्सव को मनाया जाता है ठीक उसी तरीके से हमारे भारत में होली के उत्सव को मनाया जाता है यह एक ऐसा उत्सव है जहां पर छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग सभी अपनों को खुशी के साथ रंग लगाते हैं सिर्फ यही नहीं बल्कि इस उत्सव में सभी लोग अपने दुख को भुलाकर अच्छे खान-पान और नाच गान के साथ त्योहार का आनंद उठाते हैं।होली के उत्सव को खास बनाने के लिए सभी लोग तरह-तरह के रंगों का इस्तेमाल करते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
रंगों का त्यौहार:
रंगों का यह उत्सव होली भगवान श्री कृष्ण के जन्म से बहुत पहले से ही चला आ रहा है परंतु पहले के समय में यह उत्सव उतना ज्यादा प्रचलित नहीं था परंतु श्री कृष्ण के जन्म के बाद यह उत्सव बहुत ही प्रचलित हुआ है और पहले होली उत्सव होली का दहन के नाम से परिचित था परंतु श्री कृष्ण के जन्म के बाद यह उत्सव रंगो का उत्सव में परिवर्तित हुआ है।
भगवान श्री कृष्ण जब छोटे थे तब होली के दिन उनके घर पर पूतना नाम की एक भयानक राक्षसी आई थी जिसको कि भगवान श्री कृष्ण ने बस कर दिया था और इसी वजह से होली के अगले दिन रात को होलिका दहन परंपरा शुरू हुआ।
बसंत ऋतु का आगमन:
खुशी और रंगों का यह उत्सव होली वसंत ऋतु के फाल्गुन महीने के आखिरी दिन पर मनाया जाता है।होली को हम बसंत ऋतु का उत्सव भी कह सकते हैं।
होली की तैयारियां:
होली का इस खास उत्सव का तैयारी हर कोई अलग अलग तरीके से करता है कोई करता है अच्छा पकवान बनाकर या फिर कोई नाच गान करके इस त्यौहार का आनंद उठाते हैं परंतु पहले के समय में सभी लोग इस उत्सव में यह कहते थे कि अगर इस उत्सव में घर के सभी सदस्य सरसों का तेल लगाए तो जिंदगी से सभी परेशानियां दूर हो जाएगा परंतु अभी के समय में ज्यादातर लोग अपनों को रंग लगाकर और अच्छा स्वादिष्ट पकवान का आनंद उठा लेकर ही होली उत्सव को मनाते हैं।होली के इस खूबसूरत उत्सव को खास बनाने के लिए बहुत सारे लोग भयानक भयानक रंगों का भी इस्तेमाल करते हैं ताकि होली का रंग शरीर से आसानी से ना छूटे।
उपसंहार:
होली के उत्सव में तरह-तरह के रंगों का इस्तेमाल किया जाता है अपनों को खुशियों का रंग लगाने के लिए और इसी कारण इस उत्सव को रंगो का उत्सव भी कहा जाता है यह उत्सव हर साल फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है। होली हिंदू धर्म का एक मुख्य उत्सव है परंतु इस उत्सव में हिंदू धर्म के साथ और भी अन्य धर्म के लोग शामिल होकर बहुत ही आनंद के साथ त्योहार को मनाते हैं। होली के दिन सभी के घर में अलग-अलग तरह के मिठाई और पकवान बनते हैं और सब आपस में गले लगा कर शुभकामनाएं देते हैं और इस दिन को और भी खास बनाने के लिए बहुत सारे लोग नाच गान भी करते हैं।
निबंध 3 (1000 Words)
भूमिका:
होली खुशियां और रंगों का एक बहुत ही बेहतरीन उत्सव है यह उत्सव हर साल बसंत ऋतु के फाल्गुन महीने के आखिरी दिन को मनाया जाता है। जैसे होली उत्सव को रंगो का उत्सव कहते हैं ठीक उसी तरीके से होली को बसंत ऋतु का उत्सव भी कहा जाता है।
होली उत्सव वर्तमान समय से चला नहीं आ रहा है यह बहुत ही पुराना त्योहार है जो कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद प्रचलित हुआ था और अगर हम इस त्यौहार के बारे में बात करें तो यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें सभी लोग अपने दुख और भेदभाव को भूलकर हंसी मजाक के साथ अपनों को रंग लगाते है।
होली उत्सव हिंदू धर्म का एक मुख्य उत्सव है परंतु यह उत्सव भारत में ही नहीं बल्कि होली उत्सव हमारे देश के और भी अन्य अन्य जगह पर भी मनाया जाता है परंतु मुख्य तौर पर हमारे भारत में ही होली उत्सव को मनाया जाता है। ठीक होली के दिन ही राक्षसी होलिका का दहन हुआ था और इसी के खुशी के कारण इस दिन होली उत्सव को हिंदू धर्म में मनाया जाता है।
होली का उत्सव आमतौर पर हिंदू धर्म के लोगों के लिए ही है परंतु अभी के समय में हर धर्म के लोग एक साथ मिलजुल कर इस उत्सव को मनाते हैं इस उत्सव से हमें एक चीज सीखने को मिलता है वह है कि हम सभी को एक साथ मिलजुल कर अच्छे से रहना चाहिए। होली उत्सव में सभी लोग अपने दुख अभिमान को भुलाकर नया तरीके से सब कुछ का शुरुआत करते हैं बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो लोगों का बहस हो जाता है परंतु इस उत्सव के कारण उन दोनों में दोस्ती भी हो जाता है।
होली से जुड़े तथ्य:
होली के त्योहार के ठीक पहले दिन राक्षसी होलिका को हिंदू धर्म में जलाना एक बहुत ही पुण्य का काम है क्योंकि अगर होलिका का दहन नहीं किया जाता तो हम हमारे हिंदू धर्म के रीति रिवाज से काफी दूर चले जाते इसीलिए होली के पहले दिन राक्षसी होलिका को जलाना अनिवार्य है और उसके अगले दिन ही होली उत्सव का त्यौहार को मनाया जाता है और सभी लोग आपस में मिलकर अपनों को दोपहर तक रंग लगाते हैं।
होली की तैयारियां:
हमारे भारत में बहुत तड़ा के उत्सव मनाया जाता है कि जैसे दिवाली के उत्सव में सभी लोग अपने घर को सजा कर सब आपस में मिलजुल कर मस्ती करते हैं ठीक उसी तरीके से होली उत्सव में भी सभी लोग आपस में मिलजुल कर हंसी मजाक के साथ रहते हैं और अच्छे-अच्छे पकवान का आनंद लेते हैं सिर्फ पकवान का आनंद ही नहीं बल्कि सभी लोग होली खेलकर भी आनंद लेते हैं चाहे वह छोटा बच्चा हो या फिर बड़े बुजुर्ग।
होली के ठीक अगले दिन पहले सभी लोग घास, लकड़ी और गोबर को जमा करते हैं और ठीक शाम को इन सब को जला देते हैं और इसी को होलिका दहन भी कहा जाता है और होलिका दहन के ठीक अगले दिन बाद सभी लोग पिचकारी और रंगों के साथ अपनों को रंग लगाते हैं। होली के इस त्यौहार को और भी खास बनाने के लिए सभी लोग नाच गान और अच्छा पकवान भी बनाते हैं।
होली का रंगों में परिवर्तन:
होली एक रंगो का उत्सव है इस उत्सव में सभी लोग आपस में मिलजुल कर आनंद के साथ अपनों को खुशी का रंग लगाते है। चाहे छोटे बच्चे हो या फिर बड़े बुजुर्ग सभी लोग उत्साह के साथ होली के उत्सव को मनाते हैं इस त्यौहार में हमें सिर्फ बाहर रंग ही रंग देखने को मिलते हैं होली का त्यौहार दोपहर तक ही पहले खेला जाता था परंतु अभी के समय में बहुत सारे लोग शाम के वक्त भी होली खेलते हैं।
यदि हम होली के उत्सव के तैयारी के बारे में बात करें तो हर कोई अलग अलग तरीके से होली का तैयारी करता है कोई लोग गाना गा कर नाच दान करके होली खेलकर होली उत्सव को मनाते हैं तो कोई लोग अच्छा खाना पीना के साथ होली उत्सव को मनाते हैं। होली के इस खास दिन पर प्रत्येक के घर पर अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट पकवान बनता है। रंगों के इस उत्सव होली में बहुत सारे मेहमान घर पर आते हैं और शुभकामनाएं देते हैं।
होली के दिन जैसे सभी लोग आनंद के साथ त्योहार को मनाते हैं ठीक उसी तरीके से बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो कि इस पवित्र उत्सव को नष्ट करता है अगर हम उनके बारे में बात करें तो जो लोग इस पवित्र उत्सव में शराब पीते हैं वह एक तरह से इस उत्सव का अपमान ही करते हैं सिर्फ यही नहीं बल्कि ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो कि बेवजह ही घर पर इस दिन लड़ाई-झगड़ा करते हैं।होली के इस दिन लोग अपने अंदर का दुख अभिमान सब कुछ को भुलाकर सिर्फ हंसी और सुख के साथ अपनों को रंग लगाते हैं इस दिन हम सभी को हर जगह सिर्फ खुशियों का रंग ही देखने को मिलता है।
एकता का प्रतीक:
होली ही एकमात्र ऐसा दिन है जिसमें छोटे बच्चे से लेकर बड़े सभी का मजाक आसानी से उड़ाया जा सकता है और इस दिन कोई भी बुरा नहीं मानता और सभी लोग आपस में मिलजुल कर हंसी मजाक के साथ रहते हैं और इसी कारण होली के इस खास उत्सव को एकता का प्रतीक भी कहा जा सकता है।
उपसंहार:
हमारे भारत में जैसे दीपावली के उत्सव को मनाया जाता है ठीक उसी तरीके से होली का त्योहार को भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है जैसे होली में सभी लोग एक साथ मिलजुल कर पटाखे फोड़ते हैं ठीक उसी तरीके से होली के दिन सभी लोग आपस में मिलजुल कर अपनों को खुशियों का रंग लगाते हैं और नाच गान करके इस उत्सव को और भी खास बनाते हैं।
अभी के वर्तमान समय में हर कोई होली उत्सव को खतरनाक रंगों के साथ खेलते हैं जो कि आपके त्वचा के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। पहले के समय में जैसे गुलाल के साथ होली कब मनाया जाता था ठीक उसी तरीके से वर्तमान समय में भी होली खेलने के लिए गुलाल का इस्तेमाल करना सही है क्योंकि यह आपकी त्वचा के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है।
आज के इस informative article पर आप सभी को हमने बताया “होली उत्सव के ऊपर निबंध – Essay On Holi In Hindi” के बारे में। हम Hope करते हैं कि आप सभी को हमारा आज का यह बेहतरीन आर्टिकल पसंद आया होगा। और आप 300, 500, 1000 Words के इस होली निबंध (Essay On Holi In Hindi) के बारे में जान गये होंगे।
उम्मीद है की आपको होली पर निबंध (Essay On Holi In Hindi) का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
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