दोस्तों अगर आप रक्षा बंधन पर निबंध लिखना चाहते हो तो आज इस पोस्ट में हम आपके साथ importance of raksha bandhan in hindi, Rakhi essay in hindi, रक्षा बंधन पर निबंध – Essay On Raksha Bandhan In Hindi! share करिंगे।
भाई बहनों का रिश्ता दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। जिनके बीच आपस में नोंक झोंक होती रहती है परंतु उनके बीच प्रेम कभी कम नही होता, इस लेख में हम आपके साथ रक्षाबंधन पर निबंध साझा कर रहे हैं।
भारतवर्ष में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ घर-घर में मनाया जाता है। यह एक ऐसा पर्व है जिस दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती है और भाई अपने बहन की जीवन भर रक्षा करने का वादा करता है। भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन का त्यौहार युगों युगों से मनाया जा रहा है इस संबंध में भगवान कृष्ण और द्रौपदी की कथा भी काफी प्रचलित है।
इस लेख में दिए गए छोटे एवं बड़े निबंध की सहायता से हमने इस त्यौहार से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां एवं प्रचलित कथाएं आपके साथ साझा की है। जो आपके लिए रक्षाबंधन पर एक अच्छा निबंध लिखने में सहायकमंद होंगी।
रक्षा बंधन पर निबंध – Essay On Raksha Bandhan In Hindi
निबंध 1 (400 Words)
हर साल हिंदू श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन रक्षाबंधन के पर्व के रूप में पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने छोटे या बड़े भाई के दाहिनी कलाई में राखी बांध कर उसके सिर पर तिलक लगाती हैं। और भाई अपनी बहन को उपहार स्वरूप धन राशि या गिफ्ट देते हैं और साथ ही जीवनभर उसके जीवन में आने वाली बाधाओं से उसकी रक्षा करने का प्रण लेते है।
परंतु वर्तमान समय में राखी का पर्व सिर्फ भाई बहन के रिश्ते तक ही सीमित नहीं रह गया है। आज राखी के पर्व को अनेक सामाजिक मूल्यों जैसे पर्यावरण की रक्षा, एवम् देश के लिए भी मनाया जाता हैं।
वर्षों से भारतीय संस्कृति में मनाए जाने वाला यह पावन पर्व आज भी बड़े हर्षोल्लास के साथ न सिर्फ हिंदू धर्म बल्कि अन्य धर्मों द्वारा भी सद्भावना के साथ मनाया जाता है। इस पर्व के आते ही घर, मोहल्ले, हर जगह रौनक देखने को मिलती हैं मिठाई की दुकानों पर भीड़ लगी होती हैं और इस मौके पर सभी स्कूलों सरकारी कार्यालयों में अवकाश होता है।
राखी का ऐतिहासिक महत्व
पुरानी कथाओं में रक्षाबंधन की कहानियों का वर्णन मिलता है उनमें से ही एक प्रचलित कहानी है महाभारत की जब दुष्ट शिशुपाल का वध करने के दौरान भगवान कृष्ण की तर्जनी उंगली में चोट आने की वजह से लहू बहने लगा। तो पास खड़ी द्रोपदी से कृष्ण भगवान की स्थिति देखी नहीं गई और उन्होंने झट से अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ कर भगवान की तर्जनी उंगली में बांध दिया।
यह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन ही था। और महाभारत की भरी सभा में जब द्रोपदी का चीर हरण हुआ तो उस समय द्रोपदी ने भगवान कृष्ण को याद किया और कृष्ण भगवान ने लज्जा बचाकर द्रोपदी का कर्ज चुकाया। अतः तभी से ही यह पर्व एक दूसरे की रक्षा करने, सहयोग करने की भावना के लिए जाना जाता है।
रक्षाबंधन से जुड़ी दूसरी प्रचलित कहानी का वामन अवतार नामक पौराणिक कथा में वर्णन है। बात उस समय की है जब राजा बलि द्वारा यज्ञ संपन्न करने के पश्चात स्वर्ग पर अपना नियंत्रण स्थापित करने कोशिश की गई, तो इंद्र भगवान ने इसे रोकने हेतु भगवान विष्णु से प्रार्थना की और वे वामन अवतार में स्वर्ग पर आए।
और राजा बलि से भिक्षा में भूमि मांगने का प्रयत्न किया, गुरु के मना करने के बावजूद भी राजा बलि ने खुशी-खुशी तीन पग भूमि दान में दे दी और भगवान विष्णु विष्णु ने तुरंत तीन पग भूमि में आकाश पाताल और धरती नापते हुए राजा बलि को स्वर्ग से रसातल भेज दिया।
तत्पश्चात राजा बलि ने अपनी कठोर भक्ति के दम पर भगवान विष्णु से यह वचन प्राप्त किया कि आप सदा मेरे सामने ही रहेंगे तो इस बात से देवी मां लक्ष्मी नाखुश हो गई। और उन्होंने नाराद जी का सुझाव मानकर राजा बलि के पास जाकर उसे रक्षा सूत्र बांधा और उसे अपना भाई बना लिया। और विष्णु जी को अपने साथ लेकर चली गई। यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा का था।
रक्षा बंधन का महत्व
सभी भाई बहनों के लिए इस पर्व के मायने बेहद खास हैं इस त्यौहार के आते ही उत्सुकता साफ दिखाई देती हैं। सिर्फ उपहार की आकांक्षा के लिए ही नहीं बल्कि यह त्यौहार भाई बहनों के बीच सभी मनमुटाव को खत्म कर परस्पर प्रेम, सहयोग की भावना विकसित करता है।
रक्षाबंधन के दिन प्रातः काल नहा धोकर भाई-बहन साफ-सुथरे कपड़े पहनते हैं। और फिर पूजा की थाली में राखी एवम मिठाई रखी जाती है। फिर भाई के दाहिने कलाई में बहन राखी बांधती है और चंदन का तिलक लगाती है और उसके बाद उसकी आरती उतारकर भाई का मुंह मीठा करती हैं तत्पश्चात भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
इस पर्व पर भाई काम की वजह से दूर रहता हो तो डाक के जरिए राखी भेजी जाती हैं। शहर हो या गांव में इस त्यौहार की हलचल विशेष तौर पर देखने को मिलती है। इसलिए यह त्यौहार जैन धर्म के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिस दिन भक्त अपने गुरु की कलाई में राखी बांधकर गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
निबंध 2 (500 Words)
प्रस्तावना
भारत त्योहारों का देश है, भारत में हर वर्ष कई सारे त्योहार मनाये जाते हैं। हर त्योहार अपना विशेष महत्व रखता है। इसी तरह राखी भी हमारे देश का अंत्यंत पावन त्योहार है सभी भाई बहनों के प्यार का प्रतीक यह त्योहार भारत में बहुत ही धूम धाम और खुशी से मनाया जाता है। यह वह दिन होता है जो भाई बहन के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है।
कब मनाया जाता है रक्षा बंधन?
यह त्योहार हर वर्ष सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रक्षा बंधन प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भाई बहन के रिश्ते को और भी ज्यादा मजबूत करता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर एक पवित्र धागा यानी राखी बांधती है और अपने भाई के अच्छे स्वास्थ्य, लम्बी उम्र और उसकी कामयाबी की कामना करती है। वहीं दूसरी तरफ भाईयों द्वारा अपनी बहनों की हर हाल में रक्षा करने का संकल्प लिया जाता है और भाई अपनी बहनों के लिए अच्छे अच्छे उपहार लातें हैं और अपनी बहनों को देते हैं।
कैसे मनाया जाता है रक्षा बंधन का त्योहार?
इस दिन बहन भाई सुबह ही स्नान कर तैयार हो जातें हैं, कई घरों में यह भी रिवाज है कि लडकियां सुबह तैयार होकर मंदिर जाकर भगवान को भी राखी और मिठाई चढाती है। इसके बाद वह आरती की थाली से भगवान की आरती उतारती हैं।
और उसके बाद घर आकर अपने भाई की आरती उतारती है और अपने भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है और साथ ही अपने भाई का मुंह मिठाई से भर देती है। और भाई ही अपनी बहन को उपहार या रूपये देता है। प्राचीन समय में राजपूत जब लडाई पर जाते थे तब उनकी महिलाएँ उनके माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती है। यह धागा उनकी सुरक्षा और कामयाबी के लिए बांधती है।
एक बार शिशुपाल का वध करते समय भगवान कृष्ण की उंगली में चोट आ गयी और रक्त बहने लगा। यह देखकर द्रोपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उसमें से कपड़ा निकालकर भगवान कृष्ण की उंगली पर बांध दिया और उस दिन भी सावन मास की पूर्णिमा का दिन था। कृष्ण ने द्रोपदी के चीर हरण के समय द्रोपदी की लाज बचाकर यह कर्ज चुकाया।
मुगल काल के समय मुगल बादशाह हुमायूँ चितौड़गढ़ पर आक्रमण करने निकला तो राणा सांगा की विधवा रानी ने हुमायूँ को राखी भेजकर रक्षा का वचन ले लिया। और हुमायूँ ने यह वचन निभाते हुए अपने मन से चितौड़गढ़ पर हमला करने का विचार मन से निकाल दिया।
उपसंहार
इसी तरह बहन भाई का रिश्ता खट्टा मीठा होता है, जिस दिन भाई बहन एक दूसरे से सारे मन मुटाव खत्म करके यह त्योहार मनातें है और एक दूसरे के लिए रक्षा की ढाल बनते हैं और रक्षा बंधन का त्योहार पौराणिक कथाओं के साथ जुड़ा हुआ है जो इस त्योहार का इतिहास बनतीं है।
निबंध 3 (600 Words)
प्रस्तावना
भारत में सभी त्योहारों का कोई न कोई खास महत्व होता है और उन त्योहारों के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम सब त्योहार मनातें है। इस तरह ही रक्षा बंधन भी हमारे देश का प्रमुख त्योहार है जो हमारे देश में बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार का भाई और बहनों को काफी समय से इंतेज़ार रहता है।
घटनाएँ और कथाएँ
रक्षा बंधन का लोकप्रिय त्योहार श्रावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। जैसे बाकी त्योहारों के साथ कोई न कोई घटनाएँ और कथाएँ जुड़ी होती है। इस तरह रक्षा बंधन त्योहार के साथ भी कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई है, और इन पौराणिक कथाओं की वजह से रक्षा बंधन का यह त्योहार और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।
महाभारत में भी रक्षा बंधन के त्योहार का वर्णन है। एक बार की बात है युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण के पास जाकर उनसे पूछा कि मैं अपने सभी संकटों को कैसे खत्म करूँ और इन संकटों को कैसे पार करूँ तो भगवान कृष्ण ने उनकी और उनकी सेना के बचाव के लिए उन्हें रक्षा बंधन का त्योहार मनाने को कहा
रक्षा बंधन का वर्णन इतिहास की एक और घटना में है, जब मुगल काल के दौर में मुगल बादशाह हुमायूँ ने चितौड़गढ़ पर आक्रमण करने के बारे में सोच रहे थे। तब चितौड़गढ़ के राजा राणा सांगा की विधवा रानी को यह पता लगा तो उसने हुमायूँ को राखी भेजकर रक्षा का वचन ले लिया।
हुमायूँ ने राखी स्वीकार की और चितौड़गढ़ पर आक्रमण का विचार दिमाग और दिल से निकाल दिया। जब एक बार सिकंदर और पोरस का युद्ध था तो सिकंदर की पत्नी ने पोरस को राखी बांध दी और पोरस से वचन लिया कि वह सिकंदर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
जब सिकंदर और पोरस का युद्ध था तो पोरस ने अपनी कलाई पर बांधी हुईं राखी देखकर और सिकंदर की पत्नी को दिया हुआ वचन याद कर के सिकंदर को युद्ध में एक नया जीवन दिया और अपने वचन को पूरा किया।
कैसे मनाया जाता है रक्षा बंधन का त्योहार?
धूमधाम से मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन बहन और भाई दोनों बहुत खुश होते हैं, इस दिन बाजारों में भी बहुत भीड़ लगी होती है। पूरे बाजार में लोगों की खरीददारी चल रही होती है और हर दूकान के सामने बहुत सी राखी की सेल लगी होती है और बाजार में हर तरफ मिठाई की खुशबू होती है।
इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके लिए लम्बी उम्र की कामना करती है और अपने भाई के सुख के लिए उसके माथे पर चंदन का टीका लगाती है। और मिठाई से अपने भाई का मूंह मीठा करवाती है। भाई भी अपनी बहन को उसके हर दुख मे उसकी मदद करने का वादा करता है और अपनी बहन को उपहार देता है। इस तरह से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है
उपसंहार
रक्षा बंधन मानवीय भावनाओ का बंधन है, यह कर्तव्य और प्रेम का बंधन है, इन धागों में ही इतनी शक्ति है, जितनी लोहे के जंजीर में भी नहीं। जिस तरह हुमायूँ ने इस धागे से बंधे होने के कारण बहादुर शाह से लडाई की ठीक उसी तरह हर भाई को यह प्रण लेना चाहिए कि वह अपने प्राणों की बाजी लगाकर भी बहन की रक्षा करेगा।
तो साथियों आज के इस लेख में हमने रक्षाबंधन पर्व पर निबंध आपके साथ साझा किए हैं उम्मीद है आपको importance of raksha bandhan in hindi, Rakhi essay in hindi, रक्षा बंधन पर निबंध – Essay On Raksha Bandhan In Hindi! से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी।
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