Eye Donation Slogans In Hindi [85+ नेत्रदान पर नारे]


Eye Donation Slogans In Hindi [99+ नेत्रदान पर नारे] दुनिया में सबसे बड़ा दान नेत्रदान और रक्तदान को माना जाता है। रक्तदान और नेत्रदान सबसे कठिन दान हैं, रक्तदान के कारण कई जिंदगियां बच सकती हैं जबकि नेत्रदान में देने से कई लोग इस दुनिया को देख सकते हैं।

जब कोई व्यक्ति अपनी आंख को दान देता है तो इससे वह हमेशा दो लोगों के जीवन में खुशियों की रोशनी भर देता है। नेत्रदान के बारे में अक्सर सुना होगा, शायद ही आपको यह बात पता हो कि मरने के बाद कुछ घंटों के अंदर हम प्रकार अपनी आंख को दान के रुप में अन्य लोगों को दे सकते हैं।

मृतक देह कुछ नहीं खोती, नेत्रदान से मिले नई ज्योति।

नेत्रदान कीजिये, मानवता के हित में काम कीजिये।

नेत्रदान महादान जो आपको बनाता है महान।

भले ही आपके जहन में यह सब सोचने से कई प्रकार के सवाल उठते होंगे ,कि मरने के बाद आंखें दान कैसे की जाते हैं,क्या इसके लिए आपके शरीर की सर्जरी की जाती हैं या फिर? तथा मरने के बाद घरवालों को मरे हुए शख्स की आंखें दान देने के लिए क्या करना होगा। चलिए Eye Donation Slogan In Hindi के स्लोगन के बारे में जानते है।

Eye Donation Slogans In Hindi – नेत्रदान पर स्लोगनEye Donation Slogans In Hindi [नेत्रदान पर स्लोगन]

यदि आई डोनेशन का नाम सुनते ही आपके जेहन में ये सब सवाल उठते हैं तो आप हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें, हम इसमें बताएंगे कि किस प्रकार एक व्यक्ति मरने के बाद अपनी आंखों को दान कर सकता है। Eye Donation Slogans In Hindi पर हमने जो स्लोगन लिखा है, वह सभी स्लोगन है – 

नेत्रदान है जीवन का महादान, बनायें अपनी अलग पहचान।

मरता है शरीर, अमर है आत्मा, नेत्रदान से मिलता है स्वयं परमात्मा!!

आँखों से कीमती कोई रत्न नहीं हैं, इससे बड़ा कोई दान नहीं हैं।

Eye Donation Slogans In Hindi

रक्तदान देता है जीवन में मुस्कान।

आँखों के दान से! जरूरतमंद का घर होगा रोशन!!

आँखें कभी नहीं मरती इन्हें दान करें।

नेत्र दान सर्वश्रेष्ठ दान, नेत्रदान से कोई न हो परेशान।

Eye Donation Slogan

अंगदान दाता, दानवीर है महान दाता।

जीते-जीते रक्तदान, जाते-जाते अवयदान और जाने के बाद नेत्रदान-नेत्रदान!!

आँखों की खूबसूरती पर बेपनाह लिखने वालो, एक नज़र उन पर भी डालो जो देख नही सकते.

जाने से पहले किसी को दे दो जीवनदान, अमर रहना है तो कर दो नेत्रदान।

नेत्र दान से बड़ा कोई दान नहीं, जिसमें जीव निर्जीव होकर भी दुसरे के काम आ सकता है ।

मरता है शरीर, अमर है आत्मा नेत्रदान से मिलता है स्वयं परमात्मा.

जीवन का अमूल्य वरदान नेत्रहीन को नेत्रदान.

कोई नेत्रहीन पा नेत्र मेरे जब इस दुनिया को देखेगा मेरे जाने के बाद मेरा जीवन सार्थक हो जायेगा.

नेत्रदान का संकल्प करे मृत्यु के बाद मृत्युजय बने.

नेत्रदान का संकल्प ले, ताकि किसी का अंधेरा जीवन उजाले से भर जाए।

आँखों से कीमती कोई रत्न नहीं है। अतः इस से बढ़ा कोई दूसरा दान नहीं है। मरने के बाद जो हमारा नहीं होना उसे दान देने में क्या हर्ज।

नेत्रदान मरके भी ज़िंदा रहने का अनमोल वरदान है।

इतना ही यतन बस कर लेना, ये नेत्र दान तुम कर देना.

नेत्र दान महा कल्याण

शरीर की अन्धता नही मन की अन्धता बड़ा मर्ज़ है, उजाला लाने के लिए नेत्रदान हम सबका फ़र्ज़ है

आँखों से कीमती कोई रत्न नहीं है। अतः इस से बढ़ा कोई दूसरा दान नहीं है। मरने के बाद जो हमारा नहीं होना उसे दान देने में क्या हर्ज।

जीवन का अमूल्य वरदान नेत्रहीन को नेत्रदान।

नेत्रदान करेंगे, दुनिया फिर से देखेगे!!

जाने से पहले किसी को दे दो जीवनदान, अमर रहना है तो कर दो नेत्रदान!!

आँखों की खूबसूरती पर बेपनाह लिखने वालो, एक नज़र उन पर भी डालो जो देख नही सकते।

नेत्रदान से आएगी क्रांति, जरूरतमंद के घर आएगी सुख-शांति।

नेत्रदान मरके भी ज़िंदा रहने का अनमोल वरदान है।

मृतक देह कुछ नहीं खोती, नेत्रदान से मिले नई ज्योति।

नेत्रदान कीजिये, मानवता के हित में काम कीजिये।

नेत्रदान महादान जो आपको बनाता है महान।

जीवन का अमूल्य वरदान नेत्रहीन को नेत्रदान!!

तुरंत दान महाकल्याण, नेत्रदान सर्वश्रेष्ठ दान।

नेत्रदान क्या होता है

नेत्रदान का मतलब है अपनी आंखों को दान करना परंतु यहाँ आप आखो को अपने जीवन में नहीं बल्कि मृत्यु के बाद दान करते हो। इस प्रकार का दान देकर आप आंख की रोशनी जरूरतमंद को देते हो। इससे एक नेत्रहीन व्यक्ति को रोशनी मिलता है वह आपकी बदौलत दुनिया को देख पाता है। 

लोगों को यह सोचना चाहिए कि मृत्यु के बाद आपके संपूर्ण शरीर को जलाया जाता है या फिर दफनाया जाता है,जिसके कारण आपका संपूर्ण शरीर राख में बदल जाता है , इस प्रकार आपको एक साधारण व्यक्ति की तरह इस दुनिया से समाप्त किया जाता है।

आप अपने जीवन में आई डोनेशन फॉर्म को भरें और आपके तुरंत मरने के पश्चात उचित कार्यवाही द्वारा आपके आंख की रोशनी किसी अन्य जरूरतमंद व्यक्ति को दी जाएगी इससे उस व्यक्ति के जीवन में फिर से रोशनी आ जाएगी और आप उस व्यक्ति के लिए हमेशा एक आदर्श व्यक्ति बने रहेंगे।

कुछ लोगों का मानना होता है कि आई डोनेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा हमारी आंख का ट्रांसप्लांट होता है ,जबकि ऐसा कुछ नहीं होता डॉक्टरों द्वारा सिर्फ आपके आँख की एक छोटी सी कोर्निया निकाली जाती है और वह कार्निया उस व्यक्ति की आंख में लगाई जाती है जो इसका जरूरतमंद हो ।इस प्रकार आई डोनेशन में पूरी आंख को नहीं निकाला जाता।

नेत्रदान कौन कर सकता है

विशेषज्ञों का कहना होता है कि  हर वक्ति नेत्रदान कर सकता है इसमें ब्लड ग्रुप, आंख का रंग, आई साइट, साइज, उम्र व लिंग से कोई मतलब नहीं रहता।

बता दें इसमें नेत्रदान करने वाले व्यक्ति तथा नेत्र की आवश्यकता वाले व्यक्ति के बीच कोई भी समानता नहीं चाहिए। नेत्रदान एक डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति तथा अस्थमा जैसे रोगों से पीड़ित व्यक्ति भी अपनी आंखों को दान कर सकते हैं।

 कौन डॉनेट नहीं कर सकता

डॉक्टरों का मानना होता है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु कम्युनिकेबल बीमारी द्वारा होती है जैसे-एड्स, रेबिज, हेपेटाइटिस बी या सी, टिटनेस  इस प्रकार के व्यक्ति अपनी आंखों को दान नहीं कर सकते।

यदि किसी व्यक्ति ने अपने जीवन में ही नेत्रदान का फॉर्म भर रखा हो तो उसकी मृत्यु के बाद उसके घर वालों को क्या करना चाहिए?इस प्रकार व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसके घर वालों को कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना चाहिए यदि वह लोग इन बातों पर विशेष ध्यान देते हैं तो सिर्फ एक व्यक्ति की आंखों से दो लोगों को रोशनी दी जा सकती हैं। मृतक के परिजनों को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।

  • व्यक्ति की मृत्यु के तुरंत पश्चात लगभग 4 से 5 घंटों के अंदर उसकी आंखों को निकाल लेना चाहिए,अर्थात नजदीकी आई बैंक से संपर्क करके तुरंत यह कार्रवाई करनी चाहिए।
  • आँख सिर्फ ट्रेड मेडिकल प्रोफेशनल द्वारा ही निकाली जानी चाहिए यह कार्य घर और हॉस्पिटल दोनों में हो सकता है ।
  • परिजनों को यह ध्यान रखना चाहिए कि डॉक्टर द्वारा सिर्फ कॉर्निया ही निकाली जाए  इस प्रक्रिया में सिर्फ 10 से 15 मिनट ही लगने चाहिए ।
  • आंखें निकालने के बाद मृतक के घरवालों को उसकी आंखों पर रुई या कपड़ा रख देना चाहिए।
  • मृतक के शरीर को सिर के बल चार-पांच इंच से ऊपर रख लेना चाहिए ताकि आंखों से रक्त ना बहे।
  • आंखें निकालने के बाद सिर को साफ पॉलिथीन और बर्फ से ढक देना चाहिए।
  • व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात जब तक कोई  मेडिकल टीम नहीं पहुंचती है तब तक मृतक की आंखों में किसी प्रकार का संक्रमण ना हो इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात मेडिकल टीम को कौन बुला सकता है

यदि व्यक्ति ने मृत्यु से पहले ही आई डोनेशन बैंक में पंजीकरण करा रखा है, तो उसके परिवार का कोई भी सदस्य आई बैंक में फोन करके डॉक्टरों को बुला सकता है। इससे पहले आपको मृत व्यक्ति के बारे में कुछ जानकारी देनी होगी। मेडिकल टीम आपके घर पहुंचने के पश्चात मृत व्यक्ति का ब्लड टेस्ट करेंगे और तुरंत आंख निकालने की प्रक्रिया शुरू कर देंगें।

इसके लिए अनिवार्य दस्तावेज – इसके लिए अनिवार्य दस्तावेजों में मृतक के परिवार द्वारा एक नॉर्मल सा फॉर्म भरा जाएगा जिसमें मृतक तथा उसके परिवार की जानकारी होगी,इसी प्रकार इस प्रक्रिया के लिए कोई खास दस्तावेज की आवश्यकता नहीं पड़ती। क्योंकि यह एक फास्ट प्रक्रिया है।

नेत्रदान में लगने वाला समय – व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात 4 से 5 घंटे के बीच नेत्रदान की प्रक्रिया हो जानी चाहिए इससे व्यक्ति के अंतिम संस्कार में भी कोई रुकावट नहीं होती जिससे परिवार वालों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।

दान की गई आंख का इस्तेमाल कितने दिन बाद होता है

आँख दान करने के पश्चात आई बैंक पर निर्भर करती है कि वह कितने दिन बाद उस आँख का इस्तेमाल करने जा रहा है।

क्या नेत्रदान करने में कोई फीस पड़ती है

अगर लोगों द्वारा नेत्रदान में कोई फीस ली जाती हैं तो इसमें एक कानूनी कार्रवाई हो क्योंकि यह एक गैरकानूनी गतिविधि है।

पुलिस की नजरों में यह एक आपराधिक कार्य है इस प्रकार किसी भी परिवार से ना पैसा लिया जाता है और ना ही उसके परिवार को पैसा दिया जाता है।

उम्मीद है की आपको नेत्रदान पर स्लोगन | Eye Donation Slogan in Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।

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