अक्सर किसी राज्य में आई बाढ़ की खबरें टेलीविजन की हैडलाइन या अखबार के पहले पेज में हमें देखने को मिलती हैं। अगर आप भी एक स्कूली छात्र हैं तो इस प्राकृतिक आपदा के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करने के लिए यहां बाढ़ पर दिए गए निबंध, बाढ़ पर निबंध (Flood Essay In Hindi) पढ़ सकते हैं।
अक्सर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण बड़ी संख्या में जान-माल की हानि होती है। लोगों के घर बार बिछड़ जाते हैं और लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करना पड़ता है।
काफी कम लोग ऐसे होते हैं, जिनका ध्यान इस प्राकृतिक आपदा के कारण तथा इसकी निवारण की तरफ जाता है। तो इस लेख में हम प्रयास करेंगे बाढ़ से होने वाले नुकसान से लेकर इसके निवारण तक की जानकारी प्रदान करने की।
ताकि अगर आपको परीक्षा में बाढ़ के विषय पर निबंध लिखना हो,या सार्वजानिक मंच से लोगों तक जानकारी पहुंचानी है तो आप इस लेख का इस्तेमाल कर सकते है। तो चलिए देखते है बाढ़ पर निबंध (Flood Essay In Hindi)
बाढ़ पर निबंध (Flood Essay In Hindi)
बाढ़ पर निबंध (Flood Essay In Hindi) निबंध 1
प्रस्तावना
जब किसी सूखे क्षेत्र में पानी का बहाव अत्यधिक मात्रा में होता है तो उसे बाढ़ नामक प्राकृतिक आपदा माना जाता है। बाढ़ किसी क्षेत्र में भारी बारिश होने से, नदी या समुद्र के जलस्तर में वृद्धि होने से या फिर हिमखंडों के पिघलने की वजह से आ सकती है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र निश्चित नहीं है। परंतु मौसम की भविष्यवाणी के आधार पर सरकार द्वारा किसी समयावधि के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ क्षेत्रों को बाढ़ प्रभावित करार दिया जाता है। बाढ़ विश्व के किसी भी देश, राज्य या क्षेत्र में किसी भी मौसम आ सकती है।
साल 2017 के जून, जुलाई, महीने में आई बाढ़ की वजह से राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा जैसे अन्य राज्य प्रभावित हुए थे। तथा वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो चीन अमेरिका के अनेक शहरों-गांव में भी बाढ़ की खबरें आती रहती हैं।
बाढ़ आने के कारण
भारी वर्षा
यह बाढ़ आने के सबसे मुख्य कारणों में से एक है, चूंकि कम समय में बहुत अधिक बारिश हमेशा ही नुकसान दाई होती है। जुलाई 2017 के महीने में माउंट आबू में 24 घंटे लगातार भारी बारिश हुई है। ऐसा लगभग 300 वर्षों में पहली बार हुआ। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार बाढ़ आने का सबसे बड़ा कारण जलवायु में होने वाला परिवर्तन है।
नालियों में रुकावट
कई बार अवरुद्ध नालियां महानगरों और शहरों में बाढ़ की मुख्य वजह बन जाती है। 2015 के दिसंबर माह में चेन्नई में आई बाढ़ का यह एक बेहतरीन उदाहरण है जिसमें ड्रेनेज सिस्टम के बोर्ड के फलस्वरूप आई बाढ़ से 400 से ज्यादा लोगों को अपनी जान देनी पड़े।।
प्राकृतिक आपदाएं
उनके अलावा कई बार प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि चक्रवात या भूकंप आने की स्थिति में भी बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है। साथ ही नदी के किनारों और जल निकायों के अतिक्रमण से भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न होता है।
भूस्खलन
भारत के उत्तर तथा उत्तर पूर्वी इलाकों में बाढ़ आने का मुख्य कारण मसलन भूकम्प है। बाढ़ आने या मूसलाधार बारिश होने के कारण भूस्खलन होता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारत के उत्तराखंड राज्य में साल 2013 में हुआ भूस्खलन था। जिस भयंकर बाढ़ में सैकड़ों लोगों की जान गई और हजारों लोग घायल हुए।
तो यह कुछ प्रमुख कारण है जो बाढ़ आने के लिए उत्तरदाई होते हैं। आइए अब हम उन परिणामों पर गौर करते हैं जो बाढ़ की वजह से दिखाई देते हैं।
बाढ़ के नुक़सान
आर्थिक नुकसान
भयंकर बाढ़ आने की स्थिति में निजी एवं सरकारी संपत्ति का बड़ा नुकसान होता है जिसमें सबसे अधिक बुनियादी ढांचे जैसे परिवहन, बिजली दूरसंचार की सेवाओं को नुकसान पहुंचता है।
इसके साथ ही बाढ़ रेल मार्गों में बाधा उत्पन्न करती है, मानव बस्तियों को नुकसान पहुंचा कर लोगों को बेघर करने का कार्य करती है।
जान का नुकसान
कई बार बाढ़ इंसान के काल के रूप में आती है यही वजह है कि विश्व भर में हर साल बाढ़ की वजह से कई लोगों की जानें चली जाती है। एकदम से तेज पानी का बहाव लोगों को उस तरफ खींच देता है जहां से वे फिर कभी मिलने आ पाते।
बीमारियों की उत्पत्ति
क्या आप जानते हैं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों मे बाढ़ की वजह से कई तरह की नई बीमारियां जन्म लेती है। बाढ़ आने से हैजा, आंत्रशोथ (Enteritis), हेपेटाईटिस बीमारियां उत्पन्न होती है।
इस प्रकार किसी क्षेत्र, राज्य में आने वाली बाढ़ कभी भी लाभदाई नहीं कहीं जा सकती, इसके सिर्फ नुकसान ही अधिक देखने को मिलते हैं।
बाढ़ में खुद को सुरक्षित कैसे रखें?
बाढ़ की चपेट में आने से बचने के लिए हमेशा कोशिश करें,आप ऊंची जगह पर चले जाएं ऐसा करना बाढ़ के पानी से आपका बचाव करेगा।
छत पर चले जाएं।
भयंकर बाढ़ की वजह से अगर पानी घर के अंदर घुस चुका है और बाहर जाने का कोई विकल्प नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप छत पर चले जाएं और किसी से मदद मांगे!
पानी के संपर्क में ना आए
बाढ़ का पानी संक्रमण को अपने साथ लाता है तो इस बाढ़ के पानी से थोड़ी सी दूरी बनाए रखें! बाढ़ के पानी में हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं या कोई अन्य बीमारी से आप ग्रस्त हो सकते हैं। मगर आप इसके संपर्क में आ जाते हैं तो खुद को साफ रखने के लिए जल्द हाथ पैर, शरीर को धो लें!
बाढ़ की वर्तमान स्थिति से परिचित होने के लिए आप वीडियो या किसी भी डिवाइस को अपने साथ रखें जिससे आपको अपने आसपास के बाढ़ की वर्तमान स्थिति के बारे में पता चल सके! उसी के अनुसार आप खुद को तैयार करें।
इसके अलावा बाढ़ आने की स्थिति में क्षेत्र में सावधानी बोर्ड पर लिखी बातों का पालन करें, बाढ़ से बचने के लिए आप किसी ऐसे स्थान पर न जाएं जहां पर मना किया हुआ हो क्योंकि आपको नहीं पता बाढ़ की स्थिति वहां पर कितनी खतरनाक हो सकती है।
बहते पानी से दूरी बनाए रखें!
ऐसे में तैरना थोड़ा सा मुश्किल होता है। क्योंकि इस दौरान जल स्तर कभी भी बढ़ सकता है, तो आपको अच्छी तरह तैरना ना आता हो तो ऐसा करने की गलती आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है।
यह थे कुछ सुरक्षा उपाय जो आपकी सहायता करेंगे बाढ़ की स्थिति में खुद का बचाव करने के लिए। हालांकि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है आपको बाढ़ की स्थिति में खुद को पहले ही तैयार करना चाहिए तथा सरकार प्रशासन द्वारा दी गई सुरक्षा संबंधी सलाह को मानना चाहिए।
बाढ़ पर निबंध 2 [Flood Essay In Hindi]
प्रस्तावना
जब किसी क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा के कारण अत्यधिक मात्रा में जलभराव हो जाता है। तो इसे बाढ़ की संज्ञा दी जाती है। देश के विभिन्न राज्यों में बाढ़ की घटनाएं आम तौर पर सुनने को मिलती हैं बाढ़ आने कि कोई समय सारणी नहीं होती। सामान्यता अकारण वर्षा होने, हिमखंडों के पिघलने की वजह से बाढ़ आती है।
बाढ़ आने के कारण
बाढ़ आने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें अधिकांश कारण माननीय गतिविधियां है जैसे कि एक प्रमुख कारण है वनस्पतियों का होने वाला विनाश
इस धरातल पर वनस्पति का इस्तेमाल मनुष्य एवं जीव जंतुओं द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए किया जाता है। इसके साथ ही वनस्पति बाढ़ को रोकने के लिए भी उत्तरदाई होती है। लेकिन वह स्थान जहां वनस्पति की कमी है पानी के बहाव को रोकने में असमर्थ होता है।पिछले कुछ समय में मनुष्य द्वारा अपने निजी हितों के लिए किए गए पेड़ों के कटाव से वनस्पतियों का विनाश तीव्रता से हुआ है।
विशेषकर हिमालयी क्षेत्रों में, जिस वजह से उत्तरी भागों में बाढ़ का कहर तेजी से बढ़ा है क्योंकि वनस्पति हीन स्थानों पर तीव्र बहाव के कारण भूमि क्षरण अधिक मात्रा में होता है।
इसके अलावा जब नदी की तलहटी में अत्यधिक मलवा जमा हो जाता है! जो कई बार बाढ़ का कारण बनता है क्योंकि इससे मलबे के कारण गहराई कम हो जाती है। परिणाम स्वरूप जल के भंडारण में कमी आती और थोड़ी सी बारिश में भी नदी का जल फैल जाता है। और वह विभिन्न क्षेत्रों में चले जाता है, जिसके पीछे मुख्य वजह मानवीय गतिविधियां या प्राकृतिक वजह हो सकती है।
इसके अलावा कई बार प्राकृतिक कारण जैसे बे-मौसम अधिक मात्रा में बारिश होने के कारण भी बाढ़ आती है। देश के कई राज्य जैसे राजस्थान बिहार में बाढ़ आने का यही प्रमुख कारणों में से एक है।
बाढ़ से होने वाले खतरे को कम करने के उपाय
प्राकृतिक आपदा आने की स्थिति में घबराएं नहीं इस दौरान निम्न सावधानियां आपको बरतनी चाहिए। अगर बाढ़ आने में कुछ समय है तो ऐसी स्थिति में बिजली का Main स्विच ऑफ करें। तथा पानी, गैस लाइने इत्यादि संभव हो तो इन्हें भी बंद कर दें।
बाढ़ के संबंध में अधिकारियों की सूचनाएं पाने के लिए रेडियो, फोन इत्यादि का प्रयोग करते रहें।
बाढ़ आ जाने पर
घर बाढ़ आ चुकी है तो बहते पानी में पैदल ना चलें, इससे डूबने का खतरा बना रहता है घर से बाहर निकलने से पूर्व बिजली के खंबे को ध्यान से देख ले! अगर बिजली का खंबा पानी में गिरा है तो इससे तुरंत व्यक्ति की मौत हो सकती है।
बाढ़ आने की स्थिति में पूरी सावधानी बरतें और खुद को सुरक्षित रखने के साथ साथ अपने आसपास वृद्ध और विकलांगों की मदद करें।
बाढ़ में फंस जाए तो
और अगर आप बाढ़ में फस जाए और ऐसी स्थिति में आप अगर घर से बाहर हैं तो ऐसे स्थान पर जाने की कोशिश करें जहां ऊंचाई हो, ऊपरी मंजिल या छत में जाएं।
राहत कार्यों का इंतजार करें स्वयं भागने या तैरने की कोशिश ना करें।
बाढ़ पर निबंध 3 [Flood Essay In Hindi]
प्रस्तावना
हर साल देश के किसी न किसी राज्य में बाढ़ की खबरें सुनने को मिलती हैं। जिसमें हजारों लोग बेघर हो जाते हैं तो कई लोगों की मृत्यु का कारण बाढ़ बनती है। अतः बाढ़ की समस्या के संबंध में उपयुक्त जानकारी होना आवश्यक है।
अचानक, बे- मौसम आने वाली यह प्राकृतिक आपदा अधिकतर देश के राजस्थान, बिहार जैसे राज्यों तथा हिमालय के निकट क्षेत्रों में सबसे अधिक देखी जाती है।
बाढ़ के परिणाम
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है शहर हो या गांव हर जगह बाढ़ के कारण उत्पन्न भयंकर तबाही देखी जा सकती है।
बाढ़ से उत्पन्न खतरे बेहद भयंकर होते हैं, क्योंकि एक तरफ जहां गंदे पानी के जमाव से डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों के पनपने का खतरा बना रहता है। वहीं दूसरी तरफ बाढ़ के दौरान होने वाले हादसों से कई लोग अपनी जान खो बैठते हैं। और बड़ी संख्या में गाय बैल बकरी जैसे जानवर भी बाढ़ से मौत के मुंह में चले जाते हैं।
बाढ़ आने के कारण हुए नुकसान से भरपाई में काफी समय लग जाता है। यह किसी दर्दनाक स्थिति से कम नहीं क्योंकि बिजली के खतरे को देखते हुए काफी समय तक बिजली कटौती की जाती है। भोजन कपड़े तथा अन्य मूलभूत वस्तुओं की आपूर्ति कठिन हो जाती है।
और कई बार तो बाढ़ के कारण मनुष्य द्वारा जीवन भर की मेहनत से कमाई गई सारी जमा पूंजी लुट जाती है। क्योंकि सदैव बाढ़ से आर्थिक और शारीरिक नुकसान का डर बना रहता है।
बाढ़ को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयास:-
अगर इस संबंध में सरकरी योजनाओं पर नजर डाले जाए तो यह निम्नलिखित हैं। सरकार अब बाढ़ की बारंबारता में कमी लाने (flood reduction) हेतु नदी घाटियों के निकट वृक्षारोपण पर बल दे रही है। क्योंकि वृक्षारोपण के कारण जल के रिसाव में वृद्धि होती है और बाढ़ कि मात्रा में कमी आती है।
बाढ़ को नियंत्रित करने का एक और तरीका जो है घरों को फ्लड प्रूफ बनाना इससे बाढ़ की समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। बांध बनाना भी इस दिशा में सरकार द्वारा किया गया एक महत्वपूर्ण पहल है। बाढ़ आने की स्थिति में जल बांधों में एकत्रित हो जाता है। आजादी के बाद पहली पंचवर्षीय योजना से ही भारत में बांध के विकास पर बल दिया गया।
इसके अलावा बाढ़ की स्थिति में अगर इस जल को एक स्थान से दूसरी ओर मोड़ दिया जाए तो बाढ़ की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। सतलुज दामोदर नदी के जल को इसी प्रकार दूसरे मार्गों पर प्रवाहित करने के लिए तैयार किया गया है।
तो इस प्रकार बाढ़ के प्रकोप से बचने की तैयारियां प्रशासन द्वारा की जा रही है। लेकिन देश के विभिन्न भागों में आने वाली बाढ़ से होने वाले नुकसान से आज भी बच पाना नामुमकिन जैसा प्रतीत होता है।
तो दोस्तों आजके इस पोस्ट में हमने बाढ़ पर निबंध (Flood Essay In Hindi) अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें भी बाढ़ पर निबंध तैयार करने में आसानी हो।
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