गौतम बुद्ध की कहानियाँ (Gautam Buddha Stories In Hindi)


गौतम बुद्ध की कहानियाँ (Gautam Buddha Stories In Hindi) इस पोस्ट पर हम आप लोगो को गौतम बुद्ध की कहानियां के बड़े में बताएंगे जो आप लोगो को पढ़ कर काफी अच्छा लगेगा। Gautam Buddha Stories In Hindi के बारे में बताएं तो यह कहानियां केबल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़े को भी पढ़ना अच्छा लगता है।

Gautam Buddha के बारे में तो आप सभी लोग जानते ही होंगे। गौतम बुद्ध के पास जो ज्ञान था वह किसी आम व्यक्ति के पास नहीं था इस वजह से गौतम बुद्धा को सबसे ज्यादा ज्ञानी भी कहा जाता है।

बहुत से लोग कहते हैं कि गौतम बुद्धा के कहानियां बच्चों के लिए बहुत ही अच्छा है क्योंकि बच्चों के विकास के लिए कहानियों का भूमिका बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। यदि आप गौतम बुद्ध की कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना ना भूले।

गौतम बुद्ध की कहानियाँ (Gautam Buddha Stories In Hindi)

Gautam Buddha Stories In Hindi [5+ सर्वश्रेष्ठ गौतम बुद्ध की कहानियां]

गौतम बुद्ध की कहानियाँ (Gautam Buddha Stories In Hindi) केवल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी बेहद पसंद आता है यदि आप भी Gautam Buddha से जुड़ी कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आए हैं। हम Gautam Buddha से जुड़ी जो कहानियां के बारे में बताएंगे वह है – 

  1. सब्र का महत्व गौतम बुद्ध की कहानी 
  2. अहंकार का उपहार गौतम बुद्ध की कहानी
  3. गरीब और गौतम बुद्ध की कहानी 
  4. गौतम बुद्ध और राक्षसी की कहानी 
  5. क्या ईश्वर है गौतम बुद्ध की कहानी 

1) सब्र का महत्व गौतम बुद्ध की कहानी

कहानी बहुत साल पहले की है जब महात्मा गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म की प्रचार करने के लिए पूरे भारतवर्ष घूम रहे थे भारतवर्ष घूमने के समय गौतम बुद्ध को बहुत प्यास आता है तब वह अपने शिष्य को पानी लाने के लिए कहते हैं।

गौतम बुद्ध का शिष्य अपने गुरु जी के लिए पानी लाने नदी के पास जाते हैं परंतु शिष्य को नदी में केवल गंदा पानी ही देखने को मिलता है फिर वापस लौट आता है और गौतम बुद्ध से कहता है कि कोई भी साफ-सुथरा पानी नदी में नहीं है।

गौतम बुद्ध का शिष्य का बात सुनकर गौतम बुद्ध को बहुत निराशा होता है परंतु तभी और एक शिष्य गौतम बुद्ध से कहता है गुरु जी मैं आपके लिए साफ-सुथरा पानी ला सकता हूं गौतम बुद्ध खुश हो जाते हैं और उन्हें पानी लाने के लिए कहते हैं।

जब और एक शिष्य नदी में पानी लाने जाते हैं तब वह देखते हैं कि नदी का पानी बहुत ही गंदा है और पूरा नदी किचन से भरा हुआ है तभी वह शिष्य कुछ देर वहां पर रुकते हैं और गौतम बुद्ध के लिए पानी ले जाते हैं।

जैसे ही गौतम बुद्ध अपने शिष्य के हाथ में साफ पानी देखते हैं वैसे ही वह कहते हैं सभी तो कह रहे थे कि पानी बहुत ही गंदा है परंतु तुम कैसे साफ पानी ले आए।

तब गौतम बुद्ध का शिष्य जवाब में कहते हैं गुरुजी मैंने सभी के चले जाने का इंतजार किया जब नदी के पास से सभी चले गए तब मिट्टी धीरे-धीरे पानी के अंदर चला गया और ऊपर साफ पानी रह गया और उसी को मैं आपके लिए ले आया।

गौतम बुद्ध ने शिष्य को शाबाशी दिया और कहा कि तुमने सब्र का सही इस्तेमाल किया है और उसके बाद से महात्मा गौतम बुद्ध ने सभी लोगों को सब्र का महत्व के बारे में बताया कि हम लोगों को हमेशा सब्र करना चाहिए क्योंकि सब्र का फल हमेशा अच्छा ही होता है कई बार सब्र करने से समस्या का हल भी हम लोगों को जल्दी मिल जाता है। 

2) अहंकार का उपहार गौतम बुद्ध की कहानी

महात्मा गौतम बुद्ध 1 दिन ध्यान कर रहे थे तब अचानक एक बहुत ही धनी व्यक्ति महात्मा गौतम बुद्ध के पास मिलने आते हैं।धनी व्यक्ति गौतम बुद्ध के लिए बहुत सारे उपहार दान के तरफ में ले आते हैं।

कुछ देर बाद जब गौतम बुद्ध का ध्यान खत्म होता है तब गौतम बुद्ध धनी व्यक्ति को अपने पास बुलाता है धनी व्यक्ति गौतम बुद्ध के पास आकर खुद से ही खुद को अमीर कहने लगते और साथ में धनी व्यक्ति कहते हैं कि मैंने गांव के लिए बहुत कुछ किया है।

केवल गांव के लिए ही नहीं बल्कि धनी व्यक्ति गौतम बुद्ध से यह भी कहता है कि आप जिस सिंहासन में बैठे हैं वह भी मैंने ही आपको दान किया है थोड़ी देर बाद गौतम बुद्ध से धनी व्यक्ति जाने का अनुमति मांगता है तब गौतम बुद्धा दानी व्यक्ति को रोक लेता। 

जब धनी व्यक्ति गौतम बुद्ध से पूछते हैं कि क्यों उन्हें जाने का अनुमति नहीं दे रहे हैं तब गौतम बुद्धा धनी व्यक्ति से कहते हैं तुम जिस चीज को अपने साथ ले आए हो उस चीज को यहां पर छोड़ के जाओ। 

गौतम बुद्ध ने धनी व्यक्ति से कहा कि तुम जिस कार्य को लेकर यहां आए हो उसे त्याग करके ही वापस जाओ धनी व्यक्ति अपना गलती को समझ जाता है और गौतम बुद्ध से माफी मांगता है फिर गौतम बुद्ध कहते हैं तुम लोगों को जो दान कर रहे हैं उसका कभी अहंकार मत करो क्योंकि अहंकार करने से तुम पूरी तरीके से बर्बाद हो सकते हैं।

 3) गरीब और गौतम बुद्ध की कहानी

बहुत साल पहले गौतम बुद्ध एक छोटे से गांव पर गए थे सभी के समस्या का हल निकालने। दूर-दूर से लोग महात्मा गौतम बुद्ध के पास आ रहे थे जब भी कोई लोग गौतम बुद्ध के पास प्रवेश कर रहे थे तब वह लोग बहुत दुखी थे परंतु जब गौतम बुद्ध से सलाह लेकर बाहर आ रहे थे तब सब के मुंह पर एक अलग सा मुस्कान था।

जितने भी लोग गौतम बुद्ध के पास जाकर हंसी से लौट रहे थे उसे देखकर एक गरीब आदमी आश्चर्यचकित हो जाता है और वह गौतम बुद्ध के पास जाने का निर्णय लेता है। गरीब बहुत साहस करके गौतम बुद्ध के पास जाते हैं और उनसे प्रश्न करने का निर्णय लेते हैं।

गरीब आदमी गौतम बुद्ध से कहते हैं कि इस गांव पर सभी लोग मुझसे ज्यादा धानी है परंतु मैं गरीब क्यों हूं तब गौतम बुद्ध ने हसी के साथ गरीब को जवाब दिया कि तुम लोगों को कुछ नहीं देते इस वजह से तुम गरीब हो तब गरीब गौतम बुद्ध से कहते हैं कि मेरे पास खुद के खाने के लिए ही पैसे नहीं है तो मैं लोगों को क्या दूं।

केवल पैसे देने से या पैसा होने से ही धनी या सुखी नहीं होते भगवान ने तुम्हें हंसी दिया है और दो हाथ यदि तुम इस दो हाथ का प्रयोग करके लोगों के लिए कोई काम करते हो तो तुम्हें भी सुख और धन दोनों ही प्राप्त होगा परंतु इसके लिए तुम्हें काम करना होगा गौतम बुद्ध का उत्तर सुनकर गरीब बहुत खुश हो जाता है और हंसी के साथ बाहर चले जाता है।

 4) गौतम बुद्ध और राक्षसी की कहानी 

कहानी बहुत साल पहले की है भाषण देने के बाद महात्मा गौतम बुद्ध अपने नगर की तरफ जा रहे थे नगर में पहुंचने के कुछ समय बाद गौतम बुद्ध देते हैं कि उनका नगर बहुत ही शांत हो गया है कोई भी इंसान नहीं है किसी का आवाज भी उस जगह नहीं आ रहा है।

नगर मैं पूरी तरीके से सन्नाटा होने के कारण गौतम बुद्ध बहुत दुखी हो जाते हैं और अपने शिष्य से पूछते हैं कि क्या हुआ है इस नगर में जवाब में गौतम बुद्ध का शिष्य कहते हैं गुरुजी यहां एक राक्षसी है जो इस नगर के सभी छोटे बच्चे को खा गई है।

खतरनाक राक्षसी के बारे में सुनकर गौतम बुद्ध को बहुत बुरा लगता है। बुद्ध एक दिन राक्षसी के अनुपस्थिति में राक्षसी के घर जाता है और वहां से राक्षसी का सबसे छोटा बच्चा को अपने साथ बाहर ले आता है।राक्षसी घर जाकर जब देखता है कि उसका बच्चा नहीं है तब वह जोर-जोर से चीखने लगता है।

राक्षसी इधर-उधर भटकती है बच्चे की तलाश में परंतु उसे अपना प्यारा बच्चा कहीं पर भी नहीं देखने को मिलता वह बहुत मायूस हो जाती है और तभी गौतम बुद्ध उसके पास से गुजरते हैं क्योंकि राक्षसी जानती थी कि गौतम बुद्ध भविष्य देख सकते हैं इस वजह से राक्षसी ने गौतम बुद्ध के पास जाकर कहा कहा है मेरा बच्चा।

गौतम बुद्ध ने राक्षसी के प्रश्न के उत्तर में कहा ना जाने तुम ने कितने सारे बेकसूर बच्चे को खा लिया है अब तुम अपने बच्चे की तलाश कर रहे हो तुम्हें यह नहीं पता था कि तुम जिस बच्चे को खा रहे हो वह भी किसी का बच्चे हैं राक्षसी को गौतम बुद्ध का बात सुनकर बहुत दुख हुआ और वह गौतम बुद्ध से शपथ किया कि वह कभी किसी भी बच्चे का मांस नहीं खाएगा।

5) क्या ईश्वर है गौतम बुद्ध की कहानी

गौतम बुद्ध एक दिन ध्यान कर रहे थे तब अचानक गौतम बुद्ध के पास एक गरीब आदमी आता है और कहता है क्या इस धरती पर भगवान है तब गौतम बुद्ध गरीब आदमी से पूछता है क्या तुम भगवान के ऊपर विश्वास करते हो तब गरीब आदमी गौतम बुद्ध से कहता है हां करता हूं तब गौतम बुद्धा गरीब आदमी को जवाब में कहता है तुम गलत हो इस धरती पर कोई भी ईश्वर नहीं है अगर चाहो तो तुम ढूंढ सकते हो।

और एक दिन गौतम बुद्ध के पास एक राजा आते हैं और राजा गौतम बुद्ध से कहा कि इस पृथ्वी में कोई भी भगवान नहीं है तब गौतम बुद्ध ने जवाब में कहा कि राजा आप गलत है इस धरती पर ईश्वर है आंख बंद करके ढूंढने पर आपको जरूर ईश्वर मिलेगा।गौतम बुद्ध का दो उत्तर सुनकर गौतम बुद्ध का शिष्य गौतम बुद्ध से पूछते हैं आप दोनों को अलग-अलग जवाब क्यों दिए।

गौतम बुद्ध ने अपने शिष्य से कहा कि मैंने दोनों को ही अलग-अलग उत्तर दिया है परंतु उन दोनों को ही मैंने कहा है की तुम लोग ढूंढो कि भगवान है या नहीं क्योंकि यदि कोई व्यक्ति सोचता है कि भगवान है तब वह वहीं पर ही रुक जाता है परंतु मैं चाहता हूं कि सभी लोग यह ढूंढने की असल में भगवान है या नहीं तभी उन लोगों को इस उत्तर का सही जवाब मिलेगा और इसी तरह यह कहानी समाप्त होता है।

आशा करता हूं कि आप सभी को Gautam Buddha Stories In Hindi | गौतम बुद्ध की कहानियां यह पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। यदि आप और मजेदार और दिल जीत लेने वाले Hindi Stories आर्टिकल पढ़ना चाहते हैं तब नीचे कमेंट कर दीजिएगा।

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