Jai Shri Ram Slogans In Hindi [45+ जय श्री राम पर नारे] “जय श्री राम” नाम का जप हर कोई व्यक्ति सुबह – शाम करता है, लोगों की मान्यता के अनुसार भगवान राम का नाम लेने के बाद जीवन के सारे दुख व कष्ट मिट जाते हैं। इससे हमें आनंद का अनुभव प्राप्त होता है, क्योंकि भगवान राम इतने महान थे कि लोगों को सिर्फ उनके नाम का जप करने से अपने सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है।
प्रेम की पूजा करने वालों कभी हमारे पोस्ट पर जय श्री सियाराम भी लिख दिया करो !
काश मैं ऐसी शायरी लिखूँ श्री राम तेरी याद में तेरी तस्वीर दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में।
माना जाता है कि भगवान राम भी विष्णु के अवतार थे उन्हें श्री रामचंद्र और श्री राम के नाम से जानते हैं। रामायण के अनुसार अयोध्या के सूर्यवंशी राजा तथा चक्रवर्ती सम्राट दशरथ द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ कराने के परिणाम स्वरूप भगवान राम उनके पुत्र के रूप में जन्मे थे। भगवान राम का जन्म माता कौशल्या के गर्भ से हुआ और ये अपने चारों भाइयों में से सबसे बड़े भाई थे। चलिए Jai Shri Ram Slogans In Hindi के बारे में जानते है।
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Jai Shri Ram Slogans In Hindi – जय श्री राम पर स्लोगन
भगवान श्री राम का विवाह राजा जनक की पुत्री सीता मैया के साथ हुआ, जब महाराजा जनक ने अपनी पुत्री का स्वयंवर कराया तो उस स्वयंवर में रावण भी उपस्थित था। उसमें देश-विदेश के कई महाराजाओं ने हिस्सा लिया क्योंकि राजा ने प्रत्येक देश के राजाओं को न्योता दिया था।
इसी दौरान गुरु विश्वामित्र भी अपने चारों शिष्यों राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न को लेकर उस स्वयंवर में हिस्सा लेते हैं स्वयंवर में यह शर्त रखी गई थी कि जो भी राजा भगवान शिव के उस महान धनुष को तोड़ेगा उसके साथ सीता का पूर्ण विवाह किया जाएगा। हमने Jai Shri Ram Slogans In Hindi पर जो स्लोगन लिखा है, वह स्लोगन है –
गरज उठे गगन सारा, समुंदर छोड़े अपना किनारा, हिल जाए जहान सारा, जब गूंजे जय श्री राम का नारा, जय श्रीरामचंद्र की जय…
अगर पहिन भी लो, हम जैसे कपड़े व जेवर मगर लाओगे कहासे राम भक्तों जैसे तेवर जय श्रीराम !!
जिनके मन में श्री राम है, भाग्य में उसके वैकुण्ठ धाम है, उसके चरणों में जिसने जीवन वार दिया,
संसार में उसका कल्याण है.. जय श्री राम
ना पैसा लगता हैं, ना ख़र्चा लगता हैं, हाथ में तलवार हैं, वाणी की भी धार हैं, फिर भी रहते शांत हैं, क्योंकि श्रीराम के संस्कार हैं।
वैसे तो हम जानी मानी हस्ती नही हैं ना ही बङे इंसान हैं, लेकिन जब भी रास्ते से गुजरते है, तो दुश्मन के मुँह से भी निकल जाता है, वो जा रहे श्रीराम के दीवाने ! जय श्री राम….!!
प्रेम की पूजा करने वालों कभी हमारे पोस्ट पर जय श्री सियाराम भी लिख दिया करो !
काश मैं ऐसी शायरी लिखूँ श्री राम तेरी याद में तेरी तस्वीर दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में।
कोई अपने आप को बादशाह समझता है तो कोई एक्का, अरे जाके बोल दो उस बादशाह और एक्के से रामभक्त की एंट्री हो गई है, बोलो जय राम..!!
चप्पा चप्पा भर जाएगा श्रीराम के दीवानों से, सारा देश गूंज उठेगा, जय सियाराम के जयकारों से
प्रेम गीत गए राम नाम का, लाल रंग है तन में, क्या धन क्या मोह उसके लिये, श्रीराम बसे जिसके मन में… Jai Shree Ram
राम राम बोलिये बड़ा अच्छा लगता हैं।
बेशक पहन लो हमारे जैसे कपडे और जेवर..पर कहाँ से लाओगे राम भक्तों वाले तेवर..!!
जय श्रीराम वीरों की दहाड़ होगी, हिन्दुओं की ललकार होगी, आ रहा है वक्त जब फिर हिन्दुओं की भरमार होगी..!!
चीर के बहा दो लहू दुश्मन के सीने का, यही तो अंदाज है हिन्दुओ के जीने का..!!
श्री राम का वंसज हूँ गीता ही मेरी गाथा है, छाती ठोक के कहता हूँ भारत ही मेरी माता है..!!
हम जोर से भी बोल दे जय श्री राम, बुराई कांपने लगती है सुनकर ये नाम.
श्री राम का वंशज हूँ मैं, गीता ही मेरी गाथा है, गर्व से कहता हूँ, भारत ही मेरी माता है.
रावण सबके मन में हैं, राम अभी तक वन में हैं.
राम जी कोई ज्योति से नूर मिलता हैं, सबके दिलों को सुरूर मिलता हैं, जो भी जाता हैं राम जी के द्वार, उसको कुछ न कुछ जरूर मिलता हैं.
बगीचे से फूल तूम तोड़ा ना करो, धर्म से मुह तूम मोड़ा ना करों ! अमूल्य है प्रभु श्रीराम का नाम,
#जयश्रीराम बोलना कभी छोडा ना करो !
गूजता रहे सदियों तक एक ऐसा अंजाम लिख देगे खून के एक एक कतरे से जय श्री राम लिख देगे !!
श्री राम शक्ति के कारण धनुष को तोड़कर सीता मैया को अपने जीवन में खुद का हमसफर बनाया तथा उनसे शादी की। शादी के तुरंत पश्चात केकई के कहने पर दशरथ ने अपने पुत्र प्रभु श्री राम को 14 वर्षों के वनवास के लिए भेज दिया 14 वर्षों के वनवास में लक्ष्मण और सीता, श्री राम के साथ गए। इस कारण केकई ने भरत को अयोध्या का राजा बना दिया।
श्री राम के 14 वर्षों का संघर्षशाली जीवन
14 वर्षों के इस वनवास में भगवान राम भी आदिवासियों के देवता के नाम से जाने गये इन 14 वर्षों में उन्होंने पूरे भारतवर्ष के सभी जंगलों का अभिगमन कर लिया और लोगों को सत्य प्रेम तथा मर्यादा और सेवा का संदेश दिया।
इसी कारण जब भगवान राम का रावण के साथ युद्ध हुआ तो जंगल में उपस्थित प्रत्येक जनजाति ने भगवान राम का सहयोग करते हुए, साथ निभाया और सीता मैया को रावण की दुष्कर्मी चाल से बाहर निकालने में भगवान राम की मदद की।
भगवान राम द्वारा सीता मैया की खोज में भारत से श्रीलंका जाने के लिए 48 किलोमीटर के मार्ग में भगवान राम एवम बानर सेना के परम भक्तों द्वारा इतने लंबे सेतु का निर्माण पत्थरों से किया गया जिसे लोग रामसेतु के नाम से जानते है।
माता सीता का हरण
जब भगवान राम,लक्ष्मण व सीता मैया वनवास के लिए गये। वहां उन्होंने जंगल में रहने के लिए एक छोटी सी कुटिया का निर्माण किया था। एक दिन सीता मैया को उस कुटिया के पास स्वर्ण मृग दिखाई देता है जिसे पकडने के लिए भगवान राम उस मृग का पिछा करते हैं। परंतु वह स्वर्ण मृग कोई वास्तविक मृग न होकर रावण का मामा मारिच थे।
अपनी पत्नी की चाह पूरी करने के लिए भगवान श्री राम उस मृग को पकड़ने के लिए कुटिया से कई दूर निकल पड़े। परंतु जब वह हिरन “मायावी है” भगवान राम को पता चलता है तो राम मृग पर बाण चला देते हैं। जिससे वह मृग लक्ष्मण लक्ष्मण करके चिल्लाने लगाता है। यह सुनकर सीता मैया ने लक्ष्मण को भी राम की सहायता के लिए भेज दिया।
परंतु लक्ष्मण जाने से पहले उस कुटिया के बाहर एक रेखा खींच देते हैं जिसे लक्ष्मण रेखा के नाम से जानते हैं। परंतु रावण अपनी मायावी चाल के प्रति सीता मैया को उस लक्ष्मण रेखा से बाहर आने के लिए मजबूर कर देता है और सीता मईया का हरण करके उन्हें लंका ले जाता है। राम और लक्ष्मण अपनी कुटिया के पास वापस पहुंचते हैं तो जटायु द्वारा उन्हें कुछ ही दूरी पर बताया जाता है की लंका का राजा अपने यान में सीता मैया को लंका की तरफ ले गया।
राम और रावण का युद्ध
रावण ने सीता मैया का हरण करके उन्हें अपनी लंका की अशोक वाटिका नामक स्थान पर रखा था। वहां सीता मैया का पहरा देने के लिए कई राक्षस रूपी सैनिकों का डेरा 24 घंटे रहता था। रावण ने अपनी शादी का प्रस्ताव भी सीता मैया के सामने रखा परंतु सीता मैया को यह प्रस्ताव कभी पसंद नहीं आया।
श्री राम ने अपनी वानर सेना तथा हनुमान जी के बलबूते सीता मैया का पता लगा लिया। हनुमान जी ने पहले लंका में जाकर रावण को समझाया कि वह सीता मैया को भगवान राम को वापस सौंप दें परंतु हनुमान की बात न मानने के कारण भगवान राम को रावण के साथ एक बड़ा युद्ध करना पड़ा इस युद्ध के लिए भगवान राम को रावण द्वारा मजबूर किया गया।
श्री राम और रावण के युद्ध में लंका में उपस्थित संपूर्ण राक्षसों का वध किया गया। उस युद्ध में रावण के सगे संबंधीयों को भी अपना जीवन त्यागना पड़ा। इस विशाल युद्ध में रावण ने अपने बड़े-बड़े योद्धाओं तथा पुत्रों को खो दिया। हनुमान ने अपने क्रोध में आकर संपूर्ण लंका को कुछ क्षणों में ही आग के हवाले कर दिया।
अंत में रावण जैसे वीर योद्धा की मृत्यु भी भगवान राम के हाथों की गई। भगवान राम की विजय का मुख्य कारण रावण का भाई विभीषण रहा। जिन्होंने रावण की मौत के प्रमुख कारणों को भगवान राम को बताया। फिर सीता मैया को भगवान राम अपने साथ वापस ले गये।
भगवान राम का अयोध्या में स्वागत
भगवान राम के 14 वर्षों का वनवास पूरा करने के बाद सीता मैया को लंका से वापस लाने के बाद वे वापस अपने राज्य अयोध्या में जाते हैं। इस समय राम रावण का यान भी अपने साथ ले गए तथा उन्होंने यह सब विभीषण को भेंट स्वरूप दे दिया। जिस दिन भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में वापस जाते हैं तब सभी अयोध्यावासी अपने राजा के वापस आने में संपूर्ण अयोध्या को घी के दिए जलाकर सजा देते हैं।
संपूर्ण अयोध्या दीयों की रोशनी से चमक उठता है। आज भी लोग भगवान राम को दीपावली के पावन अवसर पर याद करते हैं और प्रतिवर्ष दीपावली का त्यौहार मनाते हैं | भगवान राम ने अपने संघर्षशाली जीवन के बलबूते लोगों को भी यह सीख दी,कि हमें अपने माता-पिता के प्रत्येक वचनों का पालन करना चाहिए तभी हम एक श्रेष्ठ मानव बन सकते हैं।
उम्मीद है की आपको जय श्री राम पर नारे | Jai Shri Ram Slogans In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।
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