Magical Stories In Hindi – (5+ जादू की कहानियां) – नमस्कार दोस्तों, एक और नए Stories के ब्लॉग पोस्ट पर आप सभी लोगों का स्वागत है।
कहानियां किन बच्चों को पढ़ना पसंद नहीं है, सभी बहुत मजे से कहानियां पढ़ते हैं एवं सुनते हैं यदि आप कहानियां सुनने के शौकीन है तब आज का यह लेख केवल आपके लिए है क्योंकि इस लेख पर हम आप लोगों को Jadui Stories In Hindi के बारे में बताएंगे जो आप लोगों को बेहद पसंद आएगा।
सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी मजेदार जादू की कहानी पढ़ना अच्छा लगता है, कई सारे ऐसे बच्चे और बढ़े हैं जो कहानी के बगैर 1 दिन भी नहीं रह सकते हैं कहानियां केवल पढ़ने में मजेदार ही नहीं होते बल्कि मन को अच्छा रखने में भी बहुत बड़ा भूमिका निभाता है। तो चलिए Magical Stories In Hindi के बारे में जानते हैं।
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Magical Stories In Hindi – (5+ जादू की कहानियां)
छोटे बच्चों को ज्यादातर जादुई कहानियां काफी पसंद आता है यदि आप Magical Stories In Hindi पढ़ने के शौकीन है, तब आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। हमने इस पोस्ट जो Magical Stories In Hindi लिखा है वह है –
1) जादुई खिड़की की मजेदार जादुई कहानी
राम नाम का एक छोटा सा लड़का कृष्णा नगर में रहा करता था राम घर पर अपनी नाना नानी मां बहन के साथ रहा करता था। राम बहुत ही हंसी खुशी वाला लड़का था उसे हर कोई पसंद करता था राम का अच्छा मित्र वासु था वासु राम को भाई की तरह मानता था और दोनों में दोस्ती बहुत ज्यादा था।
राम का तबीयत 1 दिन बहुत खराब हो गया वह कोई भी काम ठीक तरह से कर नहीं पा रहा था डॉक्टर ने उसे बिस्तर में रहने को कहां था और किसी भी बच्चे को उससे मिलने को नहीं कहा था।राम अपने बहन नाना नानी मां और दोस्त बासु के साथ खेलना बहुत पसंद करता था परंतु तबीयत ठीक ना होने की वजह से वह केवल बिस्तर में ही सोया हुआ रहता था।
क्योंकि डॉक्टर ने किसी भी बच्चे को राम के साथ खेलने में मना किया था इस वजह से राम बहुत दुखी हो गया था। रामू बिस्तर के पास खिड़की को रोज देखता था एक दिन वह देखता है कि एक खरगोश उसके खिड़की के पास आकर करतब करता है यह देखकर वह बहुत आश्चर्यचकित हो जाता है और हंसने लगता है।
दूसरे दिन भी ऐसा ही होता है एक बहुत बड़ा सा भालू आता है खिड़की के पास और वह किताब पढ़ता है राम यह सब देखकर बहुत खुश हो जाता है और जल्दी ठीक हो जाता है परंतु वह जादुई खिड़की का बात किसी को नहीं बताता है क्योंकि उसे लगता है कि वह यदि किसी को यह बताता है तो उसके बात का विश्वास कोई नहीं करेगा।
राम दूसरे दिन जब स्कूल में जाता है तो वह वासु से कहता है जानते हो मेरा खिड़की जादुई है तब बासु राम के तरफ देख कर हंसता है और कहता है हां हो सकता है।स्कूल का जब छुट्टी होता है तब राम बासु के बैग में देखता है कि खरगोश का पोशाक है तब वह वासु को कहता है तुम ही असली जादूगर हो क्योंकि राम समझ जाता है कि उसके खिड़की में वासु ही खरगोश का पोशाक पहनकर आता था।
2) जादुई किताब की मजेदार जादुई कहानी
एक छोटे से गांव में मोनू नाम का लड़का रहा करता था मोनू अपने मां और बहन के साथ रहा करता था मोनू अपने घर के अलावा किसी से बात नहीं करता था और यदि कोई मोनू के साथ बात करने आता था तो वह उसके साथ बहुत ही खराब व्यवहार करता था।
मोनू के मा ने मोनू को कई बार सिखाया था कि वह सब के साथ अच्छा व्यवहार करें परंतु मोनू फिर भी सभी के साथ गुस्सा होकर बात करता था किसी का बात नहीं मानता था। एक दिन जब मोनू स्कूल गया था तब स्कूल में एक नया लड़का आया था नया लड़का का नाम जीतू था।
जीतू ने मोनू को देख कर कहा दोस्त कैसे हो मैं तुम्हारे स्कूल का नया स्टूडेंट हूं तब मोनू ने जीतू से कहा तो मैं क्या करूं तब जीतू ने मोनू को कहा कि तुम ऐसे क्यों बोल रहे हो स्कूल में सभी कहते हैं कि तुम बहुत अक्रू हो परंतु मैंने सोचा था कि तुम अच्छे हो परंतु तुम्हारा व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं है केवल जीतू ही नहीं बल्कि स्कूल का कोई भी स्टूडेंट मोनू को पसंद नहीं करता था।
एक दिन मोनू रस्ते से घर की तरफ जा रहा था। रास्ते में उसे एक किताब गिरा हुआ मिला उसने उस किताब को उठाया जैसे ही मोनू ने किताब को उठाया वैसे ही किताब में से आवाज आने लगा कि जो इस किताब को उठाएगा किताब के अंदर उसके बारे में कुछ लिखा हुआ होगा।
मोनू ने किताब को खोला और अपने बारे में पढ़ने लगा तब उसे यह एहसास हुआ कि वह एक बहुत ही अक्रू इंसान है जो किसी को पसंद नहीं करता और भगवान ऐसे बच्चे को पसंद नहीं करते तब मोनू घर में जाकर मां से माफी मांगा और कहा कि वह अब से अक्रू नहीं रहेगा और सभी के साथ अच्छे से बातचीत करेगा और ऐसे ही इस कहानी का नाम जादुई किताब पढ़ा।
3) जादुई लकड़ी की मजेदार जादुई कहानी
एक बहुत बड़े से जंगल में विश्वनाथ नाम का राजा रहा करता था विश्वनाथ वासुदेव नाम का साधु बाबा का हर बात को मानता था और साधु बाबा का कहा गया सभी बात सच भी होता था साधु बाबा राजा विश्वनाथ के भलाई के बारे में हर वक्त सोचते थे।
वासुदेव नाम का साधु बाबा पूजा के लिए एक दिन जंगल की तरफ अपने शिष्य के साथ जा रहे थे तभी अचानक कुछ शैतान डाकू आते हैं और उनसे पैसे मांगते हैं साधु बाबा एक बहुत ही बुद्धिमान इंसान थे इस वजह से उन्होंने बिना डरे हुए डाकू से कहा कि मेरे पास कोई भी पैसे नहीं है।
परंतु साधु बाबा का मूर्ख शिष्य डाकू से कहता है कि हम साधु बाबा किसी भी पत्थर को सोने में बदल सकते हैं तब वासुदेव यानी साधु बाबा उनके शिष्य का बात सुनकर बहुत आश्चर्यचकित हो जाते हैं और सोचते हैं कि यह मूर्ख अचानक ऐसा क्यों कहा तब साधु बाबा डाकू से कहते हैं हां मैं कोई भी पत्थर को सोने में बदल सकता हूं परंतु उसके लिए एक जादुई लकड़ी का होना जरूरी है जो कि अभी राजा विश्वनाथ के पास है।
जब डाकू सुनते हैं की जादुई लकड़ी विश्वनाथ के पास है तब वह साधु बाबा के शिष्य को जादुई लकड़ी लाने भेजते साधु बाबा अपने शिष्य को एक चिट्ठी लिख कर देता है और उस चिट्ठी को महाराज को देने को कहते हैं।वासुदेव का शिष्य वासुदेव का बात सुनकर महाराज विश्वनाथ को चिट्ठी देते हैं विश्वनाथ चिट्ठी को पढ़कर समझ जाते हैं कि साधु बाबा किसी समस्या में फंसे हैं और एक मामूली सा लकड़ी का टुकड़ा शिष्य को दे देते हैं और कहते हैं यह जादुई लकड़ी है।
जब वासुदेव का शिष्य लकड़ी को लेकर डाकू के पास जाते हैं तब महाराज विश्वनाथ अपने सैनिकों कहते हैं कि साधु बाबा किसी मुसीबत में फंसे हैं तुम जाओ और डाकुओं को पकड़ कर लाओ जब वासुदेव का शिष्य लकड़ी को वासुदेव को देता है।
वासुदेव लकड़ी को लेकर एक पत्थर के पास जाता है और लकड़ी को पत्थर के ऊपर रखकर मंत्र बोलने लगता है परंतु वह पत्थर सोने में परिवर्तित नहीं होता है जिस वजह से डाकू बहुत गुस्सा हो जाते हैं और साधु बाबा को मारने जाते हैं परंतु तभी कुछ सैनिक आकर डाकू को पकड़ लेता है और ऐसे ही इस कहानी का नाम जादुई लकड़ी पड़ जाता है।
4) जादुई बांसुरी की मजेदार जादुई कहानी
जामुन नगर नाम के छोटे से गांव में सभी लोगों के घर और दुकान में बहुत चूहा हो गया था जो खाने को खा लेता था और घर के सभी चीजों को गंगा कर देता था यह समस्या बहुत बढ़ गया था लगभग जामुन नगर के सभी जगह पर यह समस्या हो रहा था सभी लोग महाराज को जाकर इस समस्या के बारे में कहे और फिर महाराज ने लोगों को बताया कि जो जामुन नगर से सभी चूहों को भगा पाएगा उसे महाराज ₹100000 इनाम देंगे।
₹100000 इनाम का बात एक बांसुरी वाले को पता चल गया बांसुरी वाला महाराज के पास गया और कहा कि यदि में जामुन नगर के सभी चूहों को भगा दूं तो क्या आप मुझे ₹100000 इनाम देंगे महाराज ने कहा हां बिल्कुल अगर तुम तुम्हारे जादुई बांसुरी से सभी चूहों को भगा देते हो तो तुम्हें अवश्य इनाम मिलेगा।बांसुरी वाला अपने मधुर बांसुरी के धुन से सभी चूहों को अपने पास बुला लेता है और दूर के एक जंगल में जाकर छोड़ देता है।
2 दिन बीत जाता है जामुन नगर के सभी चूहे भाग जाते है फिर बांसुरी वाला महाराज के पास जाते हैं और कहते हैं महाराज मैंने सभी चूहा को भगा दिया है अब आप मुझे इनाम दीजिए तब महाराज कहते हैं चूहे तो चला गया है अब वह वापस नहीं आएगा मैं तुम्हें ₹100000 के बदले ₹1000 का ही इनाम दूंगा यह सुनकर बांसुरीवाला बहुत दुखी हो जाता है और वह महाराज से कहता है कि आपने अच्छा नहीं किया और महाराज के दरबार से बाहर निकल जाता है।
बांसुरीवाले को महाराज का व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं लगा इस वजह से बांसुरीवाले ने जंगल में जाकर वापस चूहे को जामुन नगर में ले आया कुछ दिन बाद फिर से सभी लोगों के घर में चूहों का समस्या बढ़ने लगा सभी लोग वापस महाराज के पास गए और इस समस्या को हल करने के बारे में कहा महाराज समझ गए कि यह बांसुरी वाले का काम है इस वजह से महाराज ने बांसुरी वाले को बुलाया और उससे माफी मांगा और इनाम में ₹100000 दिया और सभी चूहा को बाद में बांसुरीवाले ने जादुई बांसुरी से भगा दिया।
5) जादुई लॉकेट की मजेदार जादुई कहानी
एक बहुत बड़े से शहर में विभूति नाम का एक लड़का रहा करता था जिसके पास कोई काम नहीं था वह रोज काम के संधान में इधर उधर जाता था परंतु उसे कोई काम नहीं मिलता था वह बहुत ही गरीब था।
एक दिन सुबह विभूति राम के संविधान में जा रहा था तभी रास्ते में पड़ा एक लॉकेट पर उसका नजर पड़ा जैसे ही विभूति ने लॉकेट को उठाया वैसे ही लॉकेट बहुत चमकाने लगा यह देखकर विभूति सोचने लगा कि यह कोई मामूली लॉकेट नहीं है और उसे अपने साथ घर ले आया।
जब विभूति लॉकेट को अपने पास घर ले आया और उसे पहना तब लॉकेट से एक आवाज आया मालिक आपको जो चाहिए बताइए यह सुनकर विभूति हैरान हो गया और लॉकेट से कहा कि मुझे बहुत भूख लगा है क्या तुम मुझे कोई खाना दे सकते हो और तभी तविभूति के सामने स्वादिष्ट खाना हाजिर हो गया।
जब विभूति के सामने खाना हाजिर हो गया तब विभूति को पता चल गया कि यह कोई भी चीज को दे सकता है और तभी विभूति ने लॉकेट से कहा कि मुझे सोना चाहिए और विभूति के सामने सोना हाजिर हो गया धीरे-धीरे विभूति का लालच बढ़ने लगा और विभूति ने लॉकेट को कहा कि मुझे एक आलीशान घर चाहिए और विभूति को एक आलीशान घर मिल गया।
कुछ दिन बीत गया विभूति बहुत अमीर हो गया और सोचा कि यदि मैं इस लॉकेट को तोड़ दूं तो शायद में और अमीर हो सकता हूं और लालच में आकर उसने लॉकेट को तोड़ दिया और उसको जो भी चीज लॉकेट से मिला था वह सभी गायब हो गया और तभी विभूति को एहसास हो गया कि ज्यादा लालच अच्छा नहीं है।
आशा करता हूं कि आप सभी को Magical Stories In Hindi | जादू की कहानी पोस्ट पसंद आया होगा। यदि आप और भी मजेदार जादुई कहानियां का पोस्ट पढ़ना चाहते हैं, तब नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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