Nirankari Slogans In Hindi [80+ निरंकारी स्लोगन] – निरंकारी शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो इस संसार में सबके साथ समान व्यवहार करता है तथा उसकी नजरों से संपूर्ण संसार एक है। इस दुनिया में रहने वाले हम सब मनुष्य एक दूसरे से जुड़े हुए है, तथा इस पूरे संसार में एक भगवान हैं जिसे हम अलग-अलग नामों से जानते हैं।
निरंकारी की नजरों में संपूर्ण संसार के रचयिता सिर्फ भगवान है और वही सब के सुख दुख को जानते हैं तथा उनके द्वारा बनाये गए भिन्न प्रकार के जीव जंतु तथा मानवों में कोई भेद नहीं है। इसी चलते निरंकारी लोगों ने स्वयं एक मिशन बनाया जिसकी स्थापना बूटा सिंह ने की, क्योंकि उन्होंने स्वयं निरंकारी का ज्ञान पाकिस्तान में 1884 में प्राप्त किया।
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी “खास” है जिंदगी…! क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस” है जिंदगी… !
जब भी करो बात, मुस्कुराया करो..! जैसे भी रहो, खिलखिलाया करो…! जो भी हो दर्द, सह जाया करो..!
उसके बाद हरदेव सिंह महाराज ने निरंकारी का पद संभाला , वे इस ज्ञान को समाज में मानव कल्याण के लिए बांटते थे निरंकार का ज्ञान बांटते हुए इस मिशन में आज तक 6 गुरुओं ने अपनी शरण ली जिनके नाम निम्नलिखित हैं। चलिए Nirankari Slogans In Hindi [निरंकारी स्लोगन] के बारे में जानते है।
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Nirankari Slogans In Hindi – निरंकारी स्लोगन ![Nirankari Slogans In Hindi [80+ निरंकारी स्लोगन]](data:image/svg+xml,%3Csvg%20xmlns=%22http://www.w3.org/2000/svg%22%20viewBox=%220%200%201620%20980%22%3E%3C/svg%3E)
बाबा बूटा सिंह, हरदेव सिंह, गुरबचन सिंह, माता सुदीक्षा, अवतार सिंह, माता सविंदर हरदेव। परंतु वर्तमान के समय में बाबा हरदेव सिंह की सबसे छोटी बिटिया माता सुदीक्षा निरंकारी पद पर आसीन हैं।
यह मिशन आधुनिक समय में प्रचलित धर्म या किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं बल्कि सामाजिक तौर पर लोगों की विचारधाराओं को सही साबित करने के लिए है। इस मिशन को 1948 ईस्वी में भारत में बनाया गया। हमने Nirankari Slogans In Hindi पर जो स्लोगन लिखा है, वह स्लोगन है –
कुछ गैर ऐसे मिले, जो मुझे अपना बना गए।कुछ अपने ऐसे निकले, जो गैर का मतलब बता गए।
खुश रहना भी कला है, गर आप मुस्कराते हैं तो पत्थर भी साथ निभाते हैं।
गलतियों से जुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं, दोनों इंसान हैं, खुदा तू भी नहीं, मैं भी नहीं…।
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी “खास” है जिंदगी…! क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस” है जिंदगी… !
जब भी करो बात, मुस्कुराया करो..! जैसे भी रहो, खिलखिलाया करो…! जो भी हो दर्द, सह जाया करो..!
जिस दिन हम ये समझ जायेंगे कि सामने वाला गलत नहीं है सिर्फ उसकी सोच हमसे अलग है उस दिन हम जीन्दगी जी लेगें ।
खुद से बहस करोगे तो सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे ! अगर दुसरो से करोगे तो और नये सवाल मिलेगें ।
मेरा दिल भी तू… मेरी धड़कन भी तूं…!🌷मेरा साँस भी तू… मेरी हर आस भी तूं…! 🙏
जिंदगी की बैंक में जब ” प्यार ” का ” बैलेंस ” कम हो जाता है तब “हंसी खुशी ” का बैलेंस शुन्य दिखाता ।
चले गए हो दूर कुछ पल के लिए, दूर रह कर भी करीब हो हर पल के लिए ।
कभी कभी*.., *”मजबूत हाथों”* से पकड़ी हुई, *”उँगलियाँ”* भी छूट जाती हैं…; क्योकि *”रिश्ते”*ताकत से नहीं, *दिल से* निभाये जाते हैं।
कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी* *कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी।*
तूलसी वृक्ष ना जानिये🌿 🐄गाय ना जानिये ढौर 🐄! माता पिता मनुष्य ना जानिये, 🍁ये तीनो नन्द किशोर!!🍁 .
फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में, फर्क होता है किस्मत और लकीर में..
कोई किस्मत के सितारे बदलने की बात करता है, कोई हाथो की रेखाएँ बदलने की बात करता है।
नब्ज मेरी देखकर बीमार लिख दिया रोग मेरा उस डाक्टर ने, आपका प्यार लिख दिया कर्जदार हो गये उम्र भर।
नम्रता से बोलना, हर एक का आदर करना, एल शुक्रिया अदा करना, और माफी माँगना….. ये चार गुण होने चाहिए।
घमंड” और “पेट” जब ये दोनों बढतें हैं.. तब “इन्सान” चाह कर भी किसी को गले नहीं लगा सकता।
कमल वो ही जिसे कीचड़ में खिलना आता है दीप वो ही जिसे आंधी में जगना आता है।
इंसान अपनी वो छवि तो बहुत सजाता है, जिसको दुनिया देखती है। लेकिन वो छवि नहीं सजाता जो परमात्मा देखता है।
मत तोला कर इबादत को अपने हिसाब से… रहमते इसकी देख कर, अक्सर तराज़ू टूट जाते है।
कुरबान जाऊँ तेरी रहमत पर, एहसान किया और जतलाया नहीं बिना माँगें इतना दिया , दामन मेँ मेरे।
समुद्र सभी के लिए एक ही है … पर…, कुछ उसमें से मोती ढूंढते है .. कुछ उसमें से मछली ।
कुछ बोलने और तोड़ने में* *केवल एक पल लगता है* *जबकि बनाने और मनाने में* *पूरा जीवन लग जाता है।
तारों में अकेले चाँद जगमगाता है, मुश्किलों में अकेला इन्सान ड़गमगाता है।
सुंदरता हो न हो, सादगी होनी चाहिए। खुशबू हो न हो, महक होनी चाहिए। रिश्ता हो न हो, बंदगी होनी चाहिए।
मैं खुश हूँ कि कोई मेरी… बात तो करता है। बुरा कहता है तो क्या हुआ, वो याद तो करता है।
मैं नाचीज़ हूँ बन्दा तेरा, तू सबका दाता है, तेरे हाथ में सारी दुनिया, मेरे हाथ में क्या है।
आखिर कौन है निरंकारी
जब सबसे पहले निरंकार का मिशन लोगों के सामने रखा गया तो लोगों का मानना था कि सिख समुदाय के लोग निरंकारी होते हैं। परंतु सिख समुदाय और निरंकारी मिशन के बीच अत्यधिक अंतर देखने को मिलते हैं। सिख समुदाय के लोग गुरु गोविंद के बाद गुरु साहिब को अपना गुरु मानते हैं।
परंतु निरंकारी मिशन में हमेशा एक जीवित व्यक्ति को गुरु माना जाता है निरंकारी मिशन में इस बात का दावा कभी नहीं किया कि वे सिर्फ सिख समुदाय से संबंधित हैं परंतु लोगों ने स्वयं की मानसिकता को दर्शाते हुए निरंकारी मिशन को सिख समुदाय के खिलाफत में खड़ी विचारधारा मान लिया।
निरंकारी मिशन के प्रमुख गुर
बाबा बूटा सिंह का जन्म 1873 में हुआ था इनके पिता का नाम सरदार बिशन सिंह तथा माता जी का नाम मायावन्ति देवी था। बाबा बूटा सिंह बचपन से ही अत्यंत तीव्र बुद्धि के थे तथा वह आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करने के विभिन्न कारणों को ढूंढते है।
उन्होंने जीवन का अत्यधिक समय भवनों में सत्य बातों को सुनने तथा स्मरण करने में बिताया। बाबा बूटा सिंह को अपने जीवन में हिंदी अंग्रेजी पंजाबी उर्दू तथा फारसी भाषा का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने अपने जीवन में कुछ वक्त फौंज की नौकरी की परंतु बाद में छोड़ दी और फिर उन्होंने हाथ या बाजू में विभिन्न प्रकार के चित्र बनाने की कला सीखी और उसी से अपने परिवार का खर्चा चलाया।
इस कारण इन्हें प्रभु का प्रचार करने का अधिक समय मिल जाता। 18 वर्ष की उम्र में सतगुरु बाबा बूटा सिंह का विवाह लाजवंती जी से हुआ। परंतु 1904 में ब्लैक जैसी महामारी के कारण उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई फिर बाबा बूटा सिंह का दूसरा विवाह नतावन्ति जी से हुआ परंतु बाबा बूटा सिंह को दोनों पत्नियों से एक भी संतान प्राप्त नहीं हो पाई ।
उन्हें अपने जीवन में एक पारिवारिक खुशी नहीं मिल पाई, जिसके कारण वे मानसिक रूप से खुद को प्रसन्न नहीं कर सके। उसके बाद सद्गुरु बाबा कान्हा जी , बाबा बूटा सिंह को उनकी स्वयं की आत्मा का दर्शन कराते हैं तथा इस संसार में निर्गुण और निराकार दोनों के बीच उन्हें भली-भांति अन्तर समझाते हैं।
बाबा बूटा सिंह को आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति तथा खुद और भगवान के बीच का बड़ा अंतर समझ आने के बाद तथा निर्गुण और निराकार ईश्वर की समझ प्राप्त करने के पश्चात बूटा सिंह अपने संपूर्ण जीवन को लोगों तक सत्य ज्ञान को पहुंचाने में व्यतीत कर देते हैं। वे अपने पारिवारिक दुखों को भूल कर खुद के जीवन में एक नया पहलू शुरू करते हैं।
यहीं से सद्गुरु बाबा बूटा सिंह को सद्गुरु बाबा अवतार सिंह द्वारा संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान दिया गया तथा यह ज्ञान बाबा बूटा सिंह द्वारा भली-भांति स्वीकार करने के बाद एक निरंकारी मिशन की स्थापना हुई। इस मिशन की शुरुआत का श्रेय मुख्यतः बाबा सद्गुरु बूटा सिंह को जाता है, क्योंकि बाबा बूटा सिंह ने इस आध्यात्मिक ज्ञान को संपूर्ण दुनिया में फैलाने का विचार लोगों के सामने रखा।
बाबा अवतार सिंह
सद्गुरु बाबा अवतार सिंह का जन्म पंजाब के झेलम जिले में 31 दिसंबर 1899 को हुआ। उनके पिताजी का नाम श्रीमुख सिंह तथा माता जी का नाम श्रीमती नारायणी देवी था। 18 वर्ष की आयु में उनकी शादी हुई थी तथा इनकी पत्नी का नाम माता बुधवन्ति था।
सतगुरु बाबा अवतार सिंह का एक पुत्र हुआ जिसका नाम गुरवचन सिंह रखा गया तथा बाबा अवतार सिंह के बाद निरंकारी का पद सद्गुरु बाबा गुरवचन सिंह ने संभाला। सतगुरु बाबा अवतार सिंह के जीवन परिवर्तन की घटनाएं तब हुई जब 1929 में बाबा बूटा सिंह से इनकी मुलाकात हुई इन्होंने यहीं से अपने जीवन तथा इस संसार में संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति की।
यहां से इन्होंने निरंकारी मिशन की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए उसका प्रचार प्रसार करना शुरू किया 1943 ईस्वी में सद्गुरु बाबा बूटा सिंह का निधन हुआ तो बाबा अवतार सिंह जी ने निरंकारी पद की कमान संभालनी प्रारम्भ की तथा निरंकारी मिशन की प्रगति के उद्देश्य के साथ इसे आगे बढ़ाया।
1948 में भारत विभाजन प्रक्रिया जोरों शोरों पर थी तब निरंकारी मिशन को जारी रखने तथा इसके प्रचार को बढ़ाने के लिए इसे उस वक्त कुछ सुनिश्चित स्थानों में रखना अत्यंत आवश्यक था। इसीलिए निरंकारी मिशन के प्रत्येक सदस्य ने इसके लिए एक मंडल की व्यवस्था करनी प्रारंभ की तथा इसका मुख्यालय दिल्ली में उपस्थित पहाड़गंज में बनाया गया।
इसी प्रकार मिशन एक दिन संगठन में बदल गया और इसके सदस्यों की संख्या बढ़ती गई तथा इस मिशन के द्वारा विभिन्न प्रकार के संगठनों और योजनाओं का प्रारंभ किया गया। वर्तमान समय में भी धन निरंकारी की विभिन्न शाखाएं विदेशों में उपस्थित हैं।
उम्मीद है की आपको निरंकारी स्लोगन | Nirankari Slogans In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।
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