Panchatantra Stories In Hindi – (10+ पंचतंत्र की कहानियां) – नमस्कार दोस्तों, हमारे एक और कहानी के पोस्ट पर आप सभी का स्वागत है।
इस पोस्ट पर आप सभी को पंचतंत्र की कहानियां के बारे में बताएंगे। पंचतंत्र की सभी कहानियां अच्छा होने के साथ-साथ मजेदार भी है यह पंचतंत्र की कहानियां इतनी लोकप्रिय है की इस कहानियों को 50 से भी अधिक भाषा में प्रकाशित किया गया है।
पंचतंत्र की कहानियां बहुत मजेदार है और यह बच्चों के बुद्धि के विकास के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। केबल बच्चों को ही नहीं बल्कि बड़ों को भी पंचातंत्र की कहानियां पसंद है। पंचतंत्र ग्रंथ के रचयिता Vishnu Sharma है। यदि आपको पंचतंत्र की कहानियां पसंद है तब आज का यह आर्टिकल केवल आपके लिए है आज हम इस आर्टिकल पर Panchatantra Stories In Hindi के बारे में बताएंगे।
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Panchatantra Stories In Hindi – पंचतंत्र की कहानियां 
छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक हर किसी को पंचतंत्र की कहानियां पढ़ना बेहद अच्छा लगता है, यदि आपके पंचतंत्र की कहानी पढ़ना पसंद करते है, तब यह पोस्ट आप सभी के लिए बहुत ही फायदेमंद होने वाला है, क्यूंकि इस पोस्ट पर हम Panchatantra Stories In Hindi के बारे में बताएंगे, यदि Panchatantra Stories In Hindi के बारे में बताए तो वह है –
1) एहसान फरामोश की कहानी
एक घने जंगल में एक महात्मा बहुत निष्ठा के साथ घोर तपस्या कर रहा था तभी अचानक एक चूहा आकर महात्मा के ऊपर बैठ गया महात्मा अंतर्यामी थे इस वजह से महात्मा को पता चल गया कि एक बिल्ली उसका शिकार कर रहा था और इसी कारण यह चूहा डर कर मेरे पास आकर बैठ गया महात्मा ने चूहा को वरदान देकर बिल्ली बना दिया।
महात्मा ने जब चूहे को बिल्ली बनाया तब चूहा यह देखकर बहुत आश्चर्यचकित हो गया और वह फिर से बाहर जंगल में चला गया तभी बिल्ली कुत्ते से डरकर फिर से महात्मा के पास चला आया। महात्मा सब समझ गए और बिल्ली को कुत्ता बना दिया। बिल्ली कुत्ता बंद कर फिर से घर पर गया दोबारा कुत्ता शेर से डरकर महात्मा के पास चला आया।
जब महात्मा ने देखा कि चूहा को कुत्ता बना देने के बाद भी चूहा शेर से डर रहा है तब उसे भी शेर बना दिया जाए तब महात्मा ने कुत्ता को वरदान देकर शेर बना दिया। एक दिन महात्मा और शेर खाना खा रहे थे तभी अचानक शेर अचानक से महात्मा को आक्रमण करने जा रहा था तभी महात्मा ने शेर को चूहा बना दिया और एहसान फरामोश कह कर भगा दिया।
नैतिक ज्ञान – “हमें इस कहानी से जो सीख मिलता है, वह यह है कि जो लोग हमारा मदद करता है, उनके साथ कभी बेमानी नहीं करना चाहिए”
2) मुसीबत से छुटकारा की कहानी
एक बहुत बड़े से पेड़ के ऊपर बहुत सारे कबूतर बैठे थे तभी अचानक एक शिकारी उस पेड़ के नीचे से गुजर रहा था।शिकारी ने जब देखा कि पेड़ के ऊपर बहुत सारे कबूतर बैठे हैं तब शिकारी ने घास पर बहुत सारे अनाज के दाना फेंक दिया और सपना जाल बिछा दिया।घास में दाना को देखकर सभी कबूतर अनाज के दाना खाने नीचे चले आए।
जब सभी कबूतर ने अनाज खा लिया तब वह लोग देखा कि वह शिकारी के जाल में फंस चुके हैं और वह कबूतर उड़ नहीं पा रहे हैं तभी अचानक एक बुद्धिमान कबूतर ने सभी कबूतरों को कहा कि एक साथ उड़ान भरने का कोशिश करो कुछ देर बाद जब शिकारी सभी कबूतर को शिकार करने आ रहा था तभी सभी एक साथ उड़ान भरकर शिकारी के जाल के साथ बहुत दूर चले गए।
नैतिक ज्ञान – “इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि एकता में बहुत बल है।”
3) सोने का अंडा की कहानी
एक घने जंगल में एक मुर्गी रहा करता था जो सोने का अंडा देता था।1 दिन जंगल के रास्ते से एक गरीब आदमी गुजर रहा था तब उसने सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को देखा और उसे अपने घर ले आया।सोने का अंडा देने वाला मुर्गी को घर लाकर गरीब आदमी धीरे धीरे बहुत अमीर बन गया।
कुछ दिन बाद अमीर व्यक्ति ने सोचा कि यह मुर्गी केवल 1 दिन में एक ही सोने का अंडा देता है यदि इसे काट दूं तो बहुत सारा सोने का अंडा मिल जाएगा जैसे ही आदमी ने लालच में आकर मुर्गी को काट दिया वैसे ही उसे कोई सोने का अंडा नहीं मिला और वह धीरे-धीरे गरीब हो गया।
नैतिक ज्ञान – “इस कहानी से हमें यह सीख मिलता है कि लालच नहीं करना चाहिए क्योंकि लालच का फल हमेशा बुरा ही होता है”
4) मूर्ख गधा की कहानी
एक किसान के घर में एक गधा और कुत्ता रहा करता था। रात के समय में किसान के घर में चोर आता है तब कुत्ता बिल्कुल भी आवाज नहीं करता है तब गधा कुत्ता को कहता है कुत्ता तुम आवाज करो मालिक को जगाओ नहीं तो चोर सब कुछ लेकर चला जाएगा।
कुत्ता गधा को कहता है अगर अभी मैं आवाज करूंगा तो चोर भाग जाएगा और मालिक आ कर मुझे बहुत मारेगा इससे अच्छा है कि मैं कोई भी आवाज ना कारू परंतु मूर्ख गधा ने कुत्ता को बुरा कहा और खुद जोर-जोर से आवाज करने लगा मालिक नींद से जागे और बहुत गुस्सा होकर गधा को लाठी से मारने लगे इतना मारे कि मूर्ख गधा मर ही गया।
नैतिक ज्ञान – “हमेशा सोच कर ही काम करना चाहिए नहीं तो उसका परिणाम अच्छा नहीं होता है”
5) शेर और गधे का मित्रता की कहानी
एक शेर और गधा बहुत अच्छे दोस्त थे। गधा और शेर एक दिन जंगल में घूम रहे थे तब सभी हिरण शेर को देखकर डर से भाग रहे थे परंतु तभी गधा सोच रहा था कि सभी गधे को देख कर भाग रहे हैं।
एक दिन दोबारा गधा और शेर दोनों एक साथ घूमने निकले थे तब गधा ने बहुत सारे लोमड़ी का झुंड देखा और वहां जाकर जोर-जोर से आवाज करने लगा सभी लोमड़ी भाग गए तब शेर ने गधे को कहां कि तुम सभी लोमड़ी को देखकर जोर जोर से आवाज क्यों कर रहे थे।
तब लोमड़ी ने शेर को कहा कि सभी जानवर मुझसे डरते हैं इस वजह से मैंने जोर जोर से आवाज किया तब शेर ने कहा कि ऐसा नहीं है तुम मेरे अच्छे मित्र हो इस वजह से कोई तुम पर आक्रमण नहीं करता जब मैं ना रहूं तब ऐसा भूल मत करना तब गधा ने कहा मैं भूल गया था कि मैं शक्तिशाली नहीं हूं।
नैतिक ज्ञान – “दूसरों के बल पर किसी से दुश्मनी नहीं लेना चाहिए”
6) आलसी कबूतर और चींटी की कहानी
एक पेड़ के ऊपर बहुत ही आलसी कबूतर रहा करता था कबूतर कोई काम ठीक तरह से नहीं करता था और कबूतर जिस पेड़ के ऊपर रहता था उसके नीचे एक बहुत ही मेहनती चींटी रहा करता था चींटी जानता था कि बारिश का मौसम आने वाला है इस वजह से चींटी ने मेहनत करके बहुत सारा खाना जमा करके रखा था।
कुछ दिन बाद मेहनती चींटी के साथ अलसी कबूतर का मुलाकात होता है चिट्ठी कबूतर को कहता है वर्षा का समय आने वाला है तुम भी खाना जमा करके रखो क्योंकि बरसात के समय कहीं पर भी तुम्हें खाना नहीं मिलेगा।कुछ दिन बीत गया बरसात का समय आ गया चिट्ठी मेहनत करके खाना जमा करके रखा था इस वजह से वह बहुत अच्छे से रहा परंतु कबूतर ने आलस के कारण कोई भी खाना जमा करके नहीं रखा था इस वजह से उसको अफसोस हुआ।
नैतिक ज्ञान – “कभी आलस नहीं करना चाहिए क्योंकि जो लोग आलस करते हैं वह कभी सफल नहीं होते है”
7) मूर्ख ब्राह्मण की कहानी
एक ब्राम्हण घोर तपस्या कर रहा था 1 दिन देवी उसके तपस्या से प्रसन्न होकर उसके पास आए और कहीं कि तुम्हें क्या चाहिए मुझे बताओ ब्राम्हण ने पहले तो कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए परंतु दोबारा जब देवी ने उससे पूछा क्या चाहिए तब ब्राम्हण ने कहा मुझे संजीवनी बूटी चाहिए।
जब ब्राम्हण ने देवी से कहा कि उसे संजीवनी बूटी चाहिए तब देवी ने ब्राह्मण को संजीवनी बूटी दी और कहा कि इसका रस तुम जिस मृत शरीर पर दोगे वह दोबारा जीवित हो जाएगा। ब्राम्हण संजीवनी बूटी लेकर जा रहा था तब उसने देखा कि एक शेर मृत अवस्था में लेटा हुआ था।
ब्राम्हण ने उस मृत शेर पर बिना सोचे संजीवनी बूटी का रस फेंक दिया शेर भूखा होने के कारण मर गया था परंतु संजीवनी बूटी के कारण शेर दोबारा जिंदा हो गया और बहुत शक्तिशाली हो गया शेर ने जैसे ही ब्राम्हण को देखा वैसे ही ब्राम्हण के ऊपर आक्रमण कर दिया ब्राह्मण मर गया।
नैतिक ज्ञान – “कोई भी काम करने से पहले उसके परिणाम के बारे में सोच लेना चाहिए”
8) धोखेबाज भेड़िया की कहानी
एक दिन एक शेर भेड़िया का शिकार करने जा रहा था तब भी दिया डर के एक घर में चला गया था घर में रंग का काम चल रहा था और भेड़िया नीले रंग के बाल्टी में घुस गया अगले दिन भेड़िया बाल्टी से निकल गया तो देखा कि उसका रंग नीला हो गया है।
भेड़िया बोहोत चालाक था जब उसने देखा कि उसका रंग नीला हो गया है तब वह खुद को अलग समझने लगा और जंगल में जाकर सबको कहने लगा भगवान ने मुझे भेजा है इस जंगल का राजा बनाने के लिए अब से सभी जानवर को मेरा बात सुन कर चलना होगा नहीं तो उसका परिणाम अच्छा नहीं होगा।
भेड़िया का रंग अलग था इस वजह से सभी जानवर वेरिए को अलग समझ रहे थे और फिर यह से डर रहे थे एक दिन जंगल मैं बहुत से भेड़िए आवाज कर रही थी और उसी वक्त अलग रंग का चालाक भेड़िया आवाज करना शुरू कर दिया तब सभी जानवर समझ गया कि यह भेड़िया है और शेर ने उस पर आक्रमण कर दिया।
नैतिक ज्ञान – “धोखा कभी छुपा नहीं रहता यह एक ना एक दिन सबके सामने बाहर आ ही जाता है”
9) कबूतर और चूहा की कहानी
एक कबूतर पेड़ के ऊपर बैठा था तब उसका नजर एक चूहा के ऊपर पड़ा था कबूतर ने देखा कि चूहा नदी में गिर गया है तब कबूतर ने अपनी मुंह से चूहे को नदी से बाहर निकाला था।एक दिन कबूतर शिकारी के जाल पर फस गया था तब चूहा ने अपने नुकीले दांतों से जाल को काट दिया था और कबूतर को शिकार होने से बचाया था।
नैतिक ज्ञान – “लोगों का मदद करने से खुद को भी मदद मिलता है”
10) कामचोर गधा की कहानी
एक व्यापारी गधा को लेकर रोज नदी के पास से गुजरता था गधा नमक का पेटी लेकर बहुत थकते हो जाता था एक दिन वह नदी में गिर गया और बाद में देखा कि नमक का वजन कम हो गया है दूसरे दिन भी गधे ने जानबूझकर नदी में गिर गया और नमक पानी में घुल गया और वजन कम हो गया।
व्यापारी को गधे का चालाकी समझ आ गया दूसरे दिन व्यापारी ने रुई का बड़ा पेटी गधे के ऊपर रख दिया गधे ने दोबारा चालाकी करके नदी में गिर गया परंतु इस बार वजन नहीं कम हुआ बल्कि रूई में पानी चले जाने के कारण वजन और भी ज्यादा बढ़ गया गधा हिल भी नहीं पा रहा था परंतु व्यापारी गधे को बहुत मारा गधे को अपना गलती समझ आ गया और गधा दोबारा नदी में गिरने का चालाकी नहीं किया।
नैतिक ज्ञान – “हमेशा काम इमानदारी से करना चाहिए”
आशा करता हूं कि आप सभी को Panchatantra Stories In Hindi | पंचतंत्र की कहानियां पोस्ट पसंद आया होगा। यदि आप और भी मजेदार और रोमांचक पंचतंत्र की कहानियां का पोस्ट पढ़ना चाहते हैं तब नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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