रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi! दोस्तों अगर आप रबीन्द्रनाथ टैगोर जी पर निबंध लिखना चाहत हो आँजके इस पोस्ट में आपके साथ works of rabindranath tagore, rabindranath tagore information in hindi and रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi share करिंगे।
अभी के समय में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो कि रवींद्रनाथ ठाकुर के बारे में नहीं जानते अगर हम रवींद्रनाथ ठाकुर के बारे में बात करें तो रवींद्रनाथ ठाकुर बचपन से ही एक प्रतिभावान बालक रहे हैं सिर्फ यही नहीं बल्कि उन्होंने बड़े होकर हमें जो कहानियां और कविता दिया है वह हम कभी भी नहीं भूल सकते।
यदि आप सभी लोग क्लास 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 में या फिर कॉलेज में पढ़ते हैं तब आज का यह आर्टिकल (रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi) आप सभी के लिए बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप जान पाएंगे कि कैसे रवींद्रनाथ ठाकुर के ऊपर 300 सब्द 500 शब्द और 1000 सब्द का निबंध लिखा जा सकता है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi
निबंध 1 (300 Words)
भूमिका:
Rabindranath Tagore एक प्रतिभावान कवि थे, उन्होंने बहुत सारे कविता कहानियां नाटक और प्रबंध लिखे हैं। रवींद्रनाथ ठाकुर बंगाली भाषा में कविता लिखकर भी उन्होंने सारे विश्व को सामने सफलता हासिल किया था।
जन्म:
Rabindranath Tagore का जन्म कोलकाता के जोड़ासाँको परिवार में हुआ था 1861 साल में। यदि हम रवींद्रनाथ ठाकुर के पिता के नाम के बारे में बात करें तो वह है महर्षि देवेंद्रनाथ ठाकुर और उनके माता का नाम है शारदा देवी। Rabindranath Tagore का परिवार कविता कहानियां और संगीत से जुड़ा हुआ है।
विद्यार्थी जीवन:
Rabindranath Tagore ने उनका विद्यार्थी जीवन ओरिएंटल सेमिनरी स्कूल से शुरुआत किया था।लेकिन पारंपरिक शिक्षा तरीका रवींद्रनाथ टैगोर को बिल्कुल भी पसंद नहीं था और इसके वाझे से रविंद्र नाथ टैगोर ने उनका शिक्षा घर में रहकर ही संपूर्ण किया।अगर हम रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बात करें तो रविंद्रनाथ टैगोर को बचपन से ही कहानियां कविता नाटक और संगीत लिखना बहुत ही पसंद है। जब रविंद्र नाथ टैगोर का 18 साल हुआ था तब रविंद्र नाथ टैगोर इंग्लैंड में गए थे परंतु उनके पिताजी के आदेश के कारण रविंद्रनाथ 1879 साल में वापस भारत में चले आए।
उपसंहार:
सिर्फ रवींद्रनाथ टैगोर साहित्य के साथ ही जुड़े नहीं थे बल्कि उन्होंने बहुत सारे आंदोलन में भी साधारण जना गण का मदद किया है। Rabindranath Tagore मैं देश के लिए बहुत कुछ किया है सिर्फ यही नहीं बल्कि 1915 में ब्रिटिश सरकार के द्वारा दिया गया नाइट उपाधि को भी उन्होंने लौटा दिया ब्रिटिश सरकार को इसी से आप सभी जान सकते हैं कि रविंद्र नाथ टैगोर के स्वभाव के इंसान थे।Rabindranath Tagore ने शांति निकेतन पर एक विद्यालय खुला जहा पर उन्होंने अच्छे शिक्षा देने का प्रयास शुरू किए।
निबंध 2 (500 Words)
भूमिका:
अगर हम महाकवि रविंद्र नाथ टैगोर के बारे में बात करें तो रविंद्र नाथ टैगोर बचपन से ही एक बहुत ही अच्छा स्वभाव के बालक थे जिनको बचपन से ही कविता कहानियां और संगीत लिखने का बहुत शौक था। अगर हम रवींद्रनाथ टैगोर के जन्म के बारे में बताएं तो रविंद्र नाथ कोलकाता जोड़ासागर ठाकुर बारी में 1861 के 7 मई में जन्म लिए थे।
विद्यार्थी और कर्म जीवन:
रबींद्रनाथ टैगोर का जन्म एक प्रसिद्ध घर में हुआ था। बचपन से ही रविंद्र नाथ टैगोर बहुत ही प्रतिभावन रहे हैं और जब उनका उम्र 10 साल था तभी से उन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था।1878 साल में रविंद्रनाथ ठाकुर इंग्लैंड गए थे पढ़ने पर्णतू 1879 में ही उनके पिता ने उनको भारत में बुला लिया था जिसके कारण पढ़ाई को छोड़कर रवींद्रनाथ भारत चले आए थे।
उनका जमीदारी संभालने के लिए परंतु उनको एक प्रसिद्ध लेखक बनना था जिसके लिए रवींद्रनाथ बहुत मेहनत करने के लिए भी राजी थे।जब महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर इंग्लैंड से भारत आ रहे थे तब उन्होंने उनका गीतांजलि को अंग्रेजी में अनुवाद किया था और जिस दिन गीतांजलि प्रकाशित हुआ था उसी साल रविंद्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था जो कि बंगाली लेखक के लिए एक बहुत ही बड़ा बात है।
पुरस्कार:
रवींद्रनाथ टैगोर को 1913 साल में गीतांजलि काव्य ग्रंथ के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था सिर्फ यही नहीं बल्कि कोलकाता विश्वविद्यालय के तरफ से रविंद्रनाथ टैगोर को डॉक्टरेट उपाधि भी मिला है और इसी से पता चलता है कि रविंद्रनाथ टैगोर कितना प्रसिद्ध लेखक थे। रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ एक अच्छे लेखक ही नहीं थी बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे क्योंकि 1919 साल में जब जालीआनाबाग में हत्या का सिलसिला चल रहा था तब रविंद्र नाथ टैगोर ने उनका नाइट फूफा जी को ब्रिटिश को लौटा दिया था।
साहित्य जीवन:
Rabindranath Tagore बहुत ही कम उम्र से कविता कहानियां लिख रहे हैं अगर हम रविंद्र नाथ टैगोर के कुछ प्रसिद्ध साहित्य के बारे में बात करें तो वह है मानसी, चित्र, कल्पना, खानिका,गीतांजलि,गीताली,बालका, महुआ,जोनमोदीन आदि।
उपसंहार:
Rabindranath Tagore सिर्फ कविता ही नहीं बल्कि संगीत और कहानियां भी लिखते थे उनका कहानियां भी बहुत प्रसिद्ध है और सिर्फ यही नहीं बल्कि भारत के जातीय संगीत जाना गाना माना यादी भी रविंद्रनाथ टैगोर ने ही लिखा है इसी से आप सभी लोग रविंद्र नाथ टैगोर के सफलता को जांच कर सकते हैं। रविंद्रनाथ टैगोर 1941 में पूरे दुनिया को अलविदा कह कर चले गए थे परंतु उनका कविता अभी भी लोगों के मन में बसा हुआ है।
निबंध 3 (1000 Words)
भूमिका:
प्रत्येक देश का संस्कृति ही देश का परिचय है अगर हम रविंद्रनाथ टैगोर के बारे में बात करें तो रविंद्रनाथ टैगोर हमारे भारत के लिए एक बहुत ही बड़े मिसाल है क्योंकि रवींद्रनाथ टैगोर के लिखा हुआ सभी कविता कहानियां बहुत ही प्रसिद्ध है। रवींद्रनाथ टैगोर सिर्फ एक अच्छे कभी ही नहीं बल्कि एक बहुत ही अच्छे लेखक, साहित्यकार, चित्रकार पत्रकार, अध्यापक भी थे। अगर हम रवींद्रनाथ टैगोर के बारे में बात करें तो रवीना टाइगर एक बंगाली लेखक थे जोकि कवि गुरु के नाम से जाने जाते है।
जन्म:
Rabindranath Tagore बचपन से ही एक प्रतिभावन बालक थे अगर हम रविंद्र नाथ टैगोर के बारे में बात करें तो रविंद्र नाथ टैगोर ने 10 साल की उम्र से ही कविता लिखना शुरू कर दिया था।और Rabindranath Tagore का जन्म साल 1861 के 7 मई को भारत के कोलकाता जुड़ासागर के ठाकुरबारी में हुआ था। रविंद्र नाथ का जन्म कोलकाता का एक बहुत ही प्रसिद्ध परिवार में हुआ था। Rabindranath Tagore के पिता का नाम है महर्षि देवेंद्र नाथ टैगोर और उनके माता का नाम है शारदा देवी था।
शिक्षा:
अगर हम रवींद्रनाथ टैगोर की शिक्षा जीवन के बारे में बात करें तो उन्होंने उनका पहला शिक्षा ओरिएंटल सेमिनरी स्कूल से किया था और इसके बाद रवींद्रनाथ टैगोर को बाहर का शिक्षा उतना पसंद नहीं आया इसी वजह से रवींद्रनाथ ने उनका बाकी शिक्षा घर पर बैठकर ही पूरा किया। रविंद्र नाथ बांग्ला संस्कृत और अंग्रेजी के साथ-साथ संगीत में भी बहुत ही अच्छे थे।
18 साल की उम्र में जब रवींद्रनाथ टैगोर का शिक्षा खत्म हुआ तब उन्होंने सरकारी कानून पढ़ने के लिए इंग्लैंड चले गए थे परंतु रवींद्रनाथ टैगोर के इंग्लैंड जाने के एक साल बाद ही उनको भारत में लौटना पड़ा क्योंकि उनके पिताजी ने उनको घर में बुला लिया था जमीदारी का काम संभालने के लिए। महाकवि रविंद्र नाथ टैगोर सिर्फ शिक्षा संस्कृति साहित्य में ही अच्छे नहीं थे बल्कि वह एक बहुत ही अच्छे अध्यापक संगीतकार चित्रकार भी थे।
जब रवींद्रनाथ का उम्र सिर्फ 8 साल था तभी से रविंद्र नाथ टैगोर ने ज्योति प्रकाश के प्रेरणा से कविता रचना के साथ-साथ संगीत निबंध कहानी भी लिखना शुरू कर दिए थे इसके साथ रविंद्र नाथ टैगोर को नाटक उपन्यास लिखना भी बहुत पसंद था। Rabindranath Tagore ने मानसी सोना थोड़ी चित्र कल्पना,खेया,गीतांजलि,बालिका महुआ आकाश प्रदीप शेष लेखा कोबिता लिखे हैं जिसमें कि रविंद्रनाथ टैगोर को गीतांजलि कविता के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिला था जो कि एक बंगाली लेखक के लिए एक बहुत ही बड़ा बात है।
विवाह:
हम अगर रवींद्रनाथ टैगोर के विवाह जीवन के बारे में बात करें तो 1883 साल में रविंद्रनाथ ने मृणालिनी देवी जी से शादी कर ली थी। फिर रविंद्र नाथ उनके पढ़ाई के लिए अमेरिका चल गए थे लैटिन भाषा सीखने के लिए। फिर उसके कुछ दिन बाद रवींद्रनाथ टैगोर की पत्नी मृणालिनी सेन का देहांत हो गया था तब रवींद्रनाथ टैगोर ने एक विधवा औरत प्रतिमा देवी के साथ शादी किया था।
जीवन:
रविंद्र नाथ का जीवन आप सभी को लगता है जितना आसान है उतना आसान नहीं था जब रवींद्रनाथ छोटे थे तब उनका माता का देहांत हो गया था तब रविंद्रनाथ टैगोर किसी के साथ खेलते नहीं थी और उनका मन में क्या चल रहा है वह भी किसी को बताते भी नहीं थे परंतु रवींद्रनाथ टैगोर ने प्रयास किया उनका मन का बात कविता के अंदर बताने का।उसके बाद जब रवींद्रनाथ टैगोर का उम्र 13 वर्ष था तब उन्होंने एक कविता लिखा था जिसका नाम था पत्रिका वह चपा भी गया था। रविंद्र नाथ राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के एक मेंबर की थी और इन्होंने शिक्षा व्यवस्था को लेकर बहुत सारे अच्छे सुझाव भी दिए थे।
कार्यकलाप:
जब रवींद्रनाथ टैगोर का उम्र 14 साल था तभी से उन्होंने कविता लिखना शुरू कर दिया था सिर्फ यही नहीं बल्कि 13 साल की उम्र में रविंद्रनाथ टैगोर का कविता अभिलाषा एक तत्वभूमि नाम की पत्रिका में भी प्रकाशित किया गया। रवींद्रनाथ टैगोर जी जब 18 साल की उम्र में इंग्लैंड गए थे तब वहां से लौटने के बाद उन्होंने बहुत सारा प्रसिद्ध बांग्ला कविता या कहानी लिखा था जो कि आज बहुत ही सम्मान के साथ सभी लोग पढ़ते हैं। उन्होंने सिर्फ कविता और कहानियां ही नहीं बल्कि उपन्यास नाटक और निबंध भी लिखे थे।रविंद्रनाथ जी एक अच्छे लेखक साहित्यिक चित्रकार के साथ एक बहुत ही अच्छे शिक्षाशास्त्री भी थे।
सम्मान व पुरस्कार:
1913 साल में रबीन्द्रनाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार मिला था और साथ ही में रवींद्रनाथ टैगोर को कोलकाता विश्वविद्यालय के तरफ से डॉक्टरेट भी सम्मानित किया गया।
मृत्यु:
1941 साल के 7 अगस्त महाकवि रबीन्द्रनाथ जी हम सभी को अलविदा कहेकर बोहोत दूर चले गए हैं परंतु अभी भी लोगों के मन में उनका कविता,कहानियां,निबंध बसा हुआ है।
उपसंहार:
रवींद्रनाथ टैगोर महाकवि नाम से सम्मानित थे। रवींद्रनाथ एक एक अच्छे इंसान के साथ एक अच्छे साहित्यकार, चित्रकार, अध्यापक भी थे। आज रवींद्रनाथ टैगोर हमारे साथ नहीं है परंतु उनका उनका लिखा हुआ कविता, उपन्यास अभी भी लोगो के मन में जुरा हुआ है।
कतो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको रबीन्द्रनाथ टैगोर जी के बारे में काफ़ी कुछ पता चल गया होगा और आप works of rabindranath tagore, rabindranath tagore information in hindi and रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi के बारे में जान गये होगे!
उम्मीद है की आपको रबीन्द्रनाथ टैगोर पर निबंध – Rabindranath Tagore Essay In Hindi! का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
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