दोस्तों अगर आप शिक्षा पर नारा तलाश रहे हो तो आज इस पोस्ट में हम Slogans On Education for girls and boys in hindi, sikhsha par slogans, and शिक्षा पर नारा (Slogans On Education In Hindi) के बारे में जानिंगे।
प्राचीन काल से ही भारत में शिक्षा के महत्व पर बल देकर बच्चों को जीवन में शिक्षित बनने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है। और आज भी शिक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षा पर निबंध, भाषण, नारे इत्यादि लिखे जाते हैं।
इसलिए अक्सर आपने किताबों में या फिर इंटरनेट पर Slogans On Education In Hindi यानी कि शिक्षा पर नारे, सुविचार पढ़े होंगे। जिनका मकसद समाज के लोगों को शिक्षा कि महत्वता बताकर एक शिक्षित समाज का निर्माण करना होता है। विभिन्न देश की सरकार अपने नागरिकों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न योजनाएं एवं नियम कानून बनाती हैं। इसलिए दुनिया के किसी भी उच्च या प्रतिष्ठित पद तक पहुंचने के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है।
एक IAS ऑफिसर बनने के लिए जहां वर्षों तक पढ़ाई में कठिन परिश्रम कर उस मुकाम पर पहुंचा जाता है वही एक छोटी सी नौकरी प्राप्त करने के लिए भी आज शैक्षिक योग्यताएं देखी जाती है। शिक्षा हासिल कर एक व्यक्ति न सिर्फ अपनी आर्थिक स्थिति, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र की स्थिति में सकारात्मक में परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
इसलिए शिक्षा पर अक्सर आपने कई सारे slogans भी पढ़े होंगे, शिक्षा के बिना मनुष्य पशु के समान है। “शिक्षा जीवन का आधार है, इसके बिना सब बेकार है” ऐसे स्लोगन्स मनुष्य को एक शिक्षित समाज को विकसित करने के लिए प्रेरणा देते हैं। किसी भी राष्ट्र की उन्नति में उस देश के शिक्षित नागरिकों की अहम भूमिका होती है। जिस राष्ट्र के नागरिक पढ़े लिखे होंगे उन्हें अपने अधिकारों, देश के प्रति अपने कर्तव्य और समाज में अपनी उत्तरदायित्वता का अहसास होगा।
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तो चलिए अब देखते है कुछ शिक्षा पर नारा – Slogans On Education In Hindi के बारे में।
शिक्षा पर नारा – Slogans On Education In Hindi
शिक्षित परिवार,
सुखी परिवार।
लड़की लड़का एक समान,
सबको शिक्षा सबको ज्ञान।आओ एक समझदारी भरा कदम उठाए,
सबको शिक्षा का पाठ पढ़ाएं।कदम से कदम बढ़ाए जा,
शिक्षा का प्रकाश जलाए जा।हम सबका एक ही प्रयास,
सब ओर हो शिक्षा का प्रकाश।
बनना है अफसर बिटिया,
तो जुड़ना होगा शिक्षा के अभियान से।बुराई और गरीबी को भगाओ,
शिक्षा का हाथ पकड़ कर।गांव गांव में अलख जगाए,
शिक्षा की मशाल जलाएं।सब मिलकर सहयोग करो,
अशिक्षित को शिक्षित बनाओ।शिक्षा है एक वरदान,
जिसे हम सब को है अपनाना।आज अगर तुम पढ़ोगे,
तो कल अपने बच्चों को पढ़ाओगे।आओ सब मिल चलकर करें प्रयास,
शिक्षा का करें प्रसार।एक नया सवेरा लाएंगे,
शिक्षा का दीपक जलाएंगे।
शिक्षित व्यक्ति की पहचान,
समाज में मिले सम्मान।हर घर में हो साक्षरता का वास,
तभी तो होगा इस देश का विकास।जहां होगी अशिक्षा वहां होगा सुख शांति का अभाव,
और जहां होगी शिक्षा वहां बना रहेगा सद्भाव।रोजगार अगर पाना है,
तो शिक्षित होना पड़ेगा।बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना है,
तो उन्हें शिक्षित करना होगा।देश को आगे बढ़ाना है,
सबको शिक्षित बनाना है।
विकास में योग का सम्मान भी होगा,
शिक्षा के प्रोत्साहन से।आज अपनाओ की शिक्षा को,
तो कल खुशहाल जीवन पाओगे।शिक्षित राष्ट्र बनाना है,
हर घर में शिक्षा को पहुंचाना है।पहला कर्तव्य हमारा,
अपने बच्चों को शिक्षित है बनाना।ज्ञान हमें जगाता है,
सबसे बेहतर बनाता है।
शिक्षा से सब बनें जागरूक,
इससे बदले विकास का रुख।बच्ची हो या बूढ़ी हो,
शिक्षा सबकी पूरी हो।शिक्षा से सब बने जागरूक,
इससे बदलें विकास का रूख।हर चेहरे पर मुस्कान लाओ,
घर में सभी को पढ़ाओ।पूरे देश की अब यहीं आवाज,
पढ़ा-लिखा हो हमारा समाज।चलो पढ़ते है और पढ़ाते है,
इस जमाने को कुछ नया करके दिखाते हैं।शिक्षित माता,
बच्चे की भाग्यविधाता।बच्चों को जो दे सही शिक्षा और उचित ज्ञान,
ऐसे लोगो का सब करते है सम्मान।
शिक्षा का धन होता है सबसे प्यारा,
कोई न कर पायेगा इसका बंटवारा।
अतः कम उम्र से ही बच्चों के माता-पिता उन्हें शिक्षा हासिल करने के लिए स्कूल भेजते हैं। शिक्षा का महत्व बताते हैं ताकि वे आगे पढ़ लिखकर एक योग्य व्यक्ति बन सके।
जिसकी समाज में प्रतिष्ठा हो और वह धन उपार्जन कर परिवार का भरण पोषण कर सके। एक शिक्षित एवं अशिक्षित व्यक्ति के बीच का अंतर साफ साफ देखा जा सकता है। इसलिए पौराणिक कथाओं में भी कहा गया है कि एक राजा का सम्मान उसके राज्य की प्रजा द्वारा किया जाता है लेकिन एक विद्वान को हर जगह पूजा जाता है।
शिक्षा देश में व्याप्त अनेक समस्याओं जैसे गरीबी, भुखमरी, भेदभाव अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को भी खत्म करने में सक्षम होती है। मनुष्य जितना अधिक किताबें पढ़ता है ज्ञान हासिल करता है उतना वह अपने दिमाग को विकसित कर पाता है। लेकिन दुर्भागयवश जो लोग शिक्षा से अछूते रहते हैं उनके लिए जीवन में तरक्की करना बेहद मुश्किल हो जाता है। और वे अंधकारमय जीवन की ओर प्रवेश करते हैं जहां उन्हें अपना भविष्य अंधकारमय प्रतीत होता है।
वे समय रहते यह नहीं जान पाते कि मेरा जीवन में लक्ष्य क्या है? अतः जब उन्हें समझ में नहीं आता कि वह जीवन में करे क्या तो वे अपने तनाव मुक्त जीवन से परेशान होकर नशा ड्रग्स चोरी जैसे अपराधों में लिप्त रहकर न सिर्फ अपनी स्थिति को बदतर बनाते हैं बल्कि देश के विकास में भी बाधा का कारण बनते हैं
हालांकि शिक्षा का अर्थ सिर्फ किताबी ज्ञान से ही नहीं होता। बल्कि व्यक्ति में नैतिक ज्ञान, सद्गुण होने चाहिए तभी वह व्यक्ति असल में एक शिक्षित व्यक्ति कहा जा सकता है।
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शिक्षा के प्रकार?
शिक्षा के विभिन्न प्रकार होते हैं आइए उन पर नजर डालते है।
प्रौढ़ साक्षरता
इस शिक्षा के अंतर्गत व्यक्ति जिन्होंने बचपन में बुनियादी शिक्षा हासिल नहीं की है परंतु उम्र बढ़ने के बाद अब अगर उन्हें बुनियादी या पेशेवर शिक्षा की जरूरत है तो उन्हें प्रौढ़ साक्षरता की श्रेणी में रखा जाता है इनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होती है।
महिला शिक्षा
समाज के विकास के योगदान में पुरुषों के समान ही महिलाओं का भी हक बराबर है। इसलिए पुरुषों की तरह ही महिलाओं को भी शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।
महिला शिक्षा एक राष्ट्र की सभी महिलाओं को बुनियादी शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित करती है। माना जाता है जब आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं।
यही कारण है कि किसी देश में महिलाओं की शिक्षा के प्रति विभिन्न देश की सरकारें कई तरह की योजनाएं बना रही हैं। विकसित देशों में तो महिलाओं की शिक्षा दर पहले ही अधिक है, लेकिन समय के साथ विकासशील देशों में भी अब महिलाओं की शिक्षा स्थिति में बेहतर परिवर्तन आ रहा है।
अगर बात की जाए भारत के संदर्भ में तो भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को समान रूप से शिक्षा का अधिकार देता है. जहां सभी समान रूप से शिक्षा हासिल कर एक शिक्षित समाज का निर्माण कर सकें। बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार है जीमें 6 से 14 वर्ष की उम्र के बच्चों के लिए शिक्षा प्राप्त करना अत्यंत अनिवार्य है।देश में कई ऐसे सरकारी स्कूल खुले गए हैं जहां पर छात्रों को 1 से लेकर 12वीं तक की शिक्षा निम्नतम फीस के साथ पूरी कराई जाती है।
ताकि आर्थिक स्थिति की वजह से कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना हो सके! क्योंकि सरकार भली-भांति जानती है एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के निर्माण में नागरिकों का शिक्षित होना अत्यंत अनिवार्य है। हालांकि इसके बावजूद भी भारत में अभी भी शिक्षा की ओर काफी कार्य करना बाकी है। आज भी देश के इलाकों में कई ऐसे बच्चे हैं जो विषम परिस्थितियों के कारण स्कूल ही नहीं जा पाते या फिर उनमें से कई बच्चे पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते।
जरूरत है ऐसे बच्चों को देश की सरकार की एवं समाज के नागरिकों कि सपोर्ट की ताकि वे पढ़ लिख कर एक बेहतर भविष्य एवं बेहतर भारत का निर्माण कर सकें।
तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको Slogans On Education for girls and boys in hindi, sikhsha par slogans, and शिक्षा पर नारा (Slogans On Education In Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी।
उम्मीद है की आपको शिक्षा पर नारा – Slogans On Education In Hindi! का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।
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