बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi)


विश्व के अनेक देशों की तरह ही बेरोजगारी आज हमारे देश के लिए भी एक गंभीर और चिंतनीय मुद्दा बन चुका है! क्योंकि सालों तक पढ़ाई करने के बाद भी एक शिक्षित व्यक्ति नौकरी के लिए चक्कर काट रहा है। अतः इस लेख में हम बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi) बेरोजगारी के विषय पर निबंध लेकर आए हैं।

अक्सर इस विषय पर हमें समाचार पत्रों, टीवी पर खूब भाषण, वाद-विवाद देखने को मिलता है! ऐसा इसलिए क्योंकि 21वीं सदी में हम जब बात करते हैं विकास की तो बेरोजगारी का ख्याल झट से हमारे दिमाग में आ जाता है

हमारे इस लेख को लिखने का मकसद छात्र परीक्षाओं में या फिर किसी स्टेज से बेरोजगारी के विषय पर अपने विचारों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर सकें।

यहां हमने बेरोजगारी पर छोटे एवम् बड़े निबंध बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi) आपके साथ साझा किए हैं उम्मीद है यह आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।

बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi)

बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi)

बेरोजगारी पर निबंध 1

प्रस्तावना

बेरोजगारी ऐसी स्थिति है जब एक व्यक्ति के पास प्रतिभा या कौशल होने के बावजूद उसे इच्छुक नौकरी नहीं मिल पाती। विशेषकर यह ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक पाई जाती है यही वजह है प्रायः रोजगार की तलाश में युवाओं को शहरों की तरफ रुख करना पड़ता है।

भारत चीन जैसे अनेक विकासशील देश जहां विशाल जनसंख्या पाई जाती है, वहां पर बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ती जा रही है। अतः यह समस्या आज पूरी मानव प्रजाति के लिए भयंकर साबित हो रही है। मनुष्य को जीवन जीने हेतु धन चाहिए परन्तु जब मनुष्य को संसाधन ना मिले तो उसके लिए जीवन यापन करना बेहद कठिन हो जाता है।

बेरोजगारी के प्रकार

यहां यह समझना आवश्यक हो जाता है कि बेरोजगारी का मतलब यह नहीं कि किसी व्यक्ति के पास जॉब नहीं है। बल्कि उसे अपने कार्य क्षेत्र में जॉब न मिलने की वजह से मजबूरी में किसी क्षेत्र में कार्य करना पड रहा है तो वह भी बेरोजगारी है। आइए बेरोजगारी के कुछ मुख्य प्रकारों की चर्चा करते है।

खुली बेरोजगारी

ऐसी स्थिति जहां पर व्यक्ति शिक्षित भी है और कार्य करने के लिए भी इच्छुक है परंतु उसे रोजगार नहीं मिल पाता वह खुली बेरोजगारी होती है।

तकनीकी बेरोजगारी

ऐसी स्थिति जहां पर व्यक्ति को तकनीक में परिवर्तन होने की वजह से अपना रोजगार खोना पड़ता है वह तकनीकी बेरोजगारी कहलाती है।

अंडर एम्प्लॉयमेंट

वे लोग जिन्हें हुनर/कौशल होने के बावजूद भी अपनी योग्यता अनुसार कार्य नहीं मिल पाता। वह अंडरएंप्लॉयमेंट के तहत आते हैं। जैसे एक डिग्री होल्डर किसी फैक्ट्री या बार में काम करें तो यह अंडरएंप्लॉयमेंट का एक उदाहरण है।

प्रच्छन्न बेरोजगारी

इसे Hidden employment भी कहा जाता है, परंतु सीधे तौर पर उत्पादन में उसका योगदान नहीं होता। उदाहरण के तौर पर गांव में खेती के किसी टुकड़े में जहां 3 मजदूरों की आवश्यकता है वहां अगर पांच लोग काम कर रहे हैं तो वह दो लोग प्रच्छन्न बेरोजगारी के अंतर्गत आएंगे।

मौसमी बेरोजगारी

मौसम के अनुसार होने वाले रोजगार में परिवर्तन को मौसमी बेरोजगारी कहा जाता है। अगर वर्ष में कुछ महीने सामान्य की तुलना में कम काम हो या बिल्कुल भी ना हो तो यह मौसमी बेरोजगारी होती है।

बेरोजगारी के इन सभी प्रमुख प्रकारों में से सबसे ज्यादा प्रच्छन्न बेरोजगारी, मौसमी बेरोजगारी पाई जाती है। और फिर अंडर एंप्लॉयमेंट आती है, आइए हम बेरोजगारी के कारणों पर प्रकाश डालते हैं।

बेरोजगारी के कारण

भारत जैसे दुनिया के विकासशील देशों में बेरोजगारी बढ़ने के कई सारे कारण हो सकते हैं। अगर भारत के संदर्भ में बात की जाए तो यहां बेरोजगारी बढ़ने के कुछ मुख्य कारण है जैसे जनसंख्या में तेजी से वृद्धि होना, अर्थव्यवस्था की वृद्धिदर में कमी आना, मौसमी पेशा इत्यादि।

इसके साथ ही एक बड़ा चिंतनीय मुद्दा यह है कि वर्षों तक पढ़ाई करने, डिग्री हासिल करने के बावजूद भी जब व्यक्ति को उसकी शिक्षा के अनुरूप रोजगार नहीं मिल पाता और उन्हें न चाहते हुए भी किसी कंपनी फैक्ट्री में काम करना पड़ता है तो यह उनके तनाव का एक प्रमुख कारण बनता है।

अतः संक्षेप में कहा जाए तो भारत में बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है बढ़ती जनसंख्या, जिसने गला काट प्रतिद्वंदिता को भी जन्म दिया है। रोजगार की मांग हर साल तेजी से बढ़ रही है जिससे सरकार लोगों को वेतन देने में नाकामयाब रहती हैं। अब इसके पीछे हमारा एजुकेशन सिस्टम भी शामिल है हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। हमारी वेशभूषा, भाषा और लोगों के रहन-सहन में परिवर्तन आ चुका है।

लेकिन आज भी वही पारंपरिक शिक्षा प्रणाली छात्रों में थोपी जा रही है। जिससे डिग्रियां होने के बावजूद व्यक्ति किसी जॉब को करने के काबिल नहीं है।

बेरोजगारी रोकने के उपाय

हालांकि पूर्णतः देश से बेरोजगारी खत्म करना असंभव प्रतीत होता है। लेकिन कुछ उपाय जरूर हैं जिनसे बेरोजगारी की इस मार से बचा जा सकता है और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न किए जा सकते हैं।

पहला सरकार को विदेशी वस्तुओं के आयात में कमी लानी चाहिए विशेषकर चीनी कंपनियों को भारतीय बाजार में रोकने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि प्रति वर्ष अरबों पैसा, चीन व्यापार से ले जाता है।

दूसरा सरकार को लघु, घरेलू उद्योगों को मदद देनी चाहिए। जिससे सही मायने में आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही भारतीय व्यापार को विदेशों में भी फैलाने के लिए सरकार को व्यापारियों की आवश्यक मदद करनी चाहिए, जिससे विदेशी मुद्रा भारत में आएगी।

इसके अलावा हमारे एजुकेशन सिस्टम में भी बदलाव जरूरी है समय के साथ टेक्नोलॉजी IT इंडस्ट्री तेजी से grow कर रही है तो छात्रों को बजाय डिग्री के उन्हें कौशल सीखने की ओर अग्रसर करना चाहिए। ताकि उन्हें आगे चलकर अपनी फील्ड में एक बेहतरीन जॉब मिल सके।

उप संहार

अगर स्थिति यही बनी रही तो भारत या किसी भी विकासशील देश के लिए आने वाला समय काफी भयानक साबित हो सकता है। अतः बेरोजगारी की इस समस्या से निपटने के लिए किसी देश की सरकार द्वारा प्रभावी निर्णय तो लेने ही चाहिए।

Unemployment Essay In Hindi 2

बेरोजगारी किसी भी देश के विकास के समक्ष आने वाली एक ऐसी बाधा है जिससे निपटे बिना किसी भी राष्ट्र के नागरिक सुखी नहीं रह सकते। मानव को अपना जीवन व्यतीत करने के लिए धन की आवश्यकता होती है अतः सरकार नागरिकों को ऐसे संसाधन उपलब्ध कराती है जिनसे उन्हें रोजगार मिल सके।

लेकिन ऐसी स्तिथि जब व्यक्ति काम करने का इच्छुक हो परंतु उसे रोजगार न मिले, वह बेरोजगारी कही जाती है।

हालांकि जो लोग शारीरिक या मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं या काम करने की इच्छुक ना होने की वजह से उनके पास कोई रोजगार नहीं है वे बेरोजगार नहीं कहे जाते।

भारत में बेरोजगारी

शिक्षा में कमी, कौशल की कमी, प्रतिभा ना होना बेहतर प्रदर्शन करने में असमर्थता, पर्याप्त अवसर ना मिलना जैसे कुछ कारण है जिसकी वजह से बेरोजगारी इस समय भारत में चरम पर पहुंच चुकी है।

इसलिए विश्व के देशों में जब बात होती है बेरोजगारी की तो, देश का स्थान शीर्ष पर आता है विशाल जनसंख्या वाले हमारे देश में बेरोजगारी को लेकर आए दिन सवाल खड़े होते हैं। टीवी अखबारों में बहस होती है परंतु यह मुद्दा अक्सर फिर दब जाता है।

बेरोजगारी समाज के लिए कई बार भयंकर साबित होती हैं आइए इससे होने वाले कुछ दुष्परिणामों पर नजर डालते हैं।

बेरोजगारी के परिणाम

अपराधों में वृद्धि होना, वर्षों तक पढ़ाई करने, डिग्री हासिल करने के बावजूद भी एक अच्छी जॉब न मिल पाने का दुख कई बार इंसान को गलत राह की ओर ले चलता है। और वह पैसा कमाने के लिए दो नंबर के तरीके जैसे चोरी करना, जुआ-सट्टा खेलना जैसे गलत अपराधों में लिप्त हो जाता है।

बेरोजगारी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती है क्योंकि कई बार जॉब न मिलने से व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है।

व्यक्ति के जेब में पैसा ना हो तो निश्चित ही वह गरीब कहलाता है, अतः बेरोजगारी गरीबों की संख्या में वृद्धि करती है बेरोजगारी व्यक्ति के श्रम का शोषण भी करती है योग्य नौकरी न मिल पाने की वजह से व्यक्ति को मजबूरन कोई ऐसा कार्य करना पड़ता है जहां उसके कौशल, हुनर का सही उपयोग ना हो और कम दाम में मजबूरन काम करना पड़ता है।

बेरोजगारी राजनीतिक अस्थिरता को भी जन्म देती है वह ऐसा इसलिए कई बार जनता सरकार के प्रति आक्रोशित हो जाती है और इससे राजनीति में अस्थिरता उत्पन्न होती है

बेरोजगारी दूर करने हेतु सरकार द्वारा किए गए कार्य

आजादी के पश्चात भारत में बेरोजगारी की समस्या को भलीभांति समझते हुए सरकार द्वारा कई प्रयत्न किए गए हैं। ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में सरकार द्वारा लोगों को रोजगार देने हेतु कई प्रकार की योजनाएं जैसे डेवलपमेंट प्रोग्राम (IRDP), जवाहर रोज़गार योजना, सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP), स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण, नेहरू रोज़गार योजना, इत्यादि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम आज भी कार्य कर रहे हैं।

यह योजनाएं लोगों को रोजगार के लिए कौशल सीखने एवं शिक्षा के महत्व को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

हालांकि यह समझने वाली बात है कि इन सभी योजनाओं के बावजूद भी दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी आज सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है।

निष्कर्ष

बेरोजगारी को रोकने हेतु सरकार द्वारा किए गए यह उपाय देश की जनता के हित में है। लेकिन इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है अतः सरकार एवं नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से मिलकर अधिक नौकरी निर्माण के उपायों के बारे में सोचना चाहिए।

Unemployment Essay In Hindi 3

बेहतर नौकरी की तलाश में डिग्रियां लेकर इधर-उधर घूमना शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी फैक्ट्री में कार्य करना या जॉब की वैकेंसी निकलने का सालों तक इंतजार करना! सभी बेरोजगारी के लक्षण है और बेरोजगारी वर्तमान समय में देश के सबसे बड़े सामाजिक मुद्दों में से एक है।

बेरोजगारी से निपटना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। सरकार जॉब के लिए 10,000 की वैकेंसी निकलती है 10 लाख लोग उसके लिए अप्लाई करते हैं इस प्रकार बाकी बचे 99 हजार लोगों को जीवन निर्वाह हेतु एक जॉब पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

बेरोजगारी एक अभिशाप है जिससे हर कोई मुक्त होना चाहता है। स्कूल कॉलेज में पढ़ाई करके डिग्री हासिल करना ही पर्याप्त नहीं है उसके पश्चात एक अच्छी नौकरी पाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।

आए दिन बेरोजगारी की खबरें, समाचार पत्रों, टीवी में देखने को मिलती है। उन खबरों पर वाद विवाद भी होते हैं सरकार को इसके लिए जागरूक भी किया जाता है लेकिन इस स्थिति में कुछ खास परिवर्तन नहीं होता। क्योंकि अगर आप आंकड़े निकाले आज से 10 साल पहले और वर्तमान में तो अभी भी बेरोजगारों की संख्या में बहुत अंतर देखने को नहीं मिलता है।

तो हम जब बेरोजगारी खत्म करने की बात करते हैं तो पहले हमें इसके कारणों पर गौर करना होगा। बेरोजगारी उत्पन्न होने के कई कारण है लोगों के पास किसी कार्य को करने का पर्याप्त कौशल ना होना, अर्थव्यवस्था की विकास दर में कमी आना जैसे अनेक कारण है जिसमें भ्रष्टाचार भी शामिल है।

इन कारणों के समाधान पर विचार करके ही बेरोजगारी की समस्या से निकला जा सकता है  जिसके लिए पहले हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को बेहतर करना होगा. पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के स्थान पर आज हमें उन नए विषयों को भी अपनी शिक्षा में शामिल करना होगा मार्केट में जिनकी आज डिमांड है।

विद्यालय, शिक्षण संस्थानों, कॉलेज को छात्रों को कौशल सिखाने पर बल देना चाहिए, सरकार को घरेलू उद्योगों को बढ़ाने पर बल देना चाहिए जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सके!

निष्कर्ष

बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए देश की सरकार एवं नागरिकों को आपस में विचार विमर्श करके ऐसे तरीकों की खोज करनी चाहिए। जिससे नए रोजगार उत्पन्न हो सके। तभी देश में बेरोजगारी के स्तर में कुछ कमी आ पाएगी

तो साथियों आज की इस पोस्ट में बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi) के विषय में आपको पूर्ण जानकारी इस लेख में मिली होगी। आपके क्या विचार हैं? भारत में बेरोजगारी कैसे कम की जा सकती है? आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं साथ ही जानकारी पसंद आए तो शेयर करना ना भूले।

उम्मीद है की आपको बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay In Hindi) का यह पोस्ट पसंद आया होगा, और हेल्पफ़ुल लगा होगा।

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