Van Mahotsav Slogan In Hindi (वन महोत्सव पर स्लोगन)


Van Mahotsav Slogan In Hindi (वन महोत्सव पर स्लोगन) क्या आप जानते हैं वन हमारे लिए कितने उपयोगी हैं? बिना वनों के हमारा जीवन भी संभव नहीं है। और ना ही हम वनों के बिना अपने जीवन की कल्पना कर सकते हैं क्योंकि वनों के होते हुए हमें उपयुक्त मात्रा में आक्सीजन मिल पाती है। तथा हम अपना जीवन एक प्राणी के रूप में यापन करते हैं, यदि इस पृथ्वी में वन नही होते तो हमारा जीवन भी असंभव होता।

जनसंख्या के बढ़ते दौर में वनों की मात्रा कम होने के कारण लोगों को उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। इसी कारण बहुत सारे लोगों को दिल के दौरे आते हैं, इसी कारण दिन प्रतिदिन दर्दनाक घटनाओं के जरिए अनेको लोगों की मौत हो जाती है। इसीलिए पेड़ों की संख्या बनाने के लिए वन महोत्सव जैसी योजनाओं को प्रोत्साहन दिया जाता है।

वृक्ष देते शुद्ध वायु, इससे मिलती लम्बी आयु…

मत उजाडो वन वरना नहीं बचेगा आपका तन…

जब तक पेड़-पौधे और वन हैं, तब तक ही धरती पर जीवन हैं…

वन महोत्सव हार साल जुलाई महीने के प्रथम हफ्ते में अच्छे से मनाया जाता है। भारत में इसे एक वार्षिकत्योहार मानकर विभिन्न प्रकार के नए पेड़ लगाए जाते हैं वन महोत्सव का उद्देश्य सामाजिक तौर पर  लोगों को जागृत करना तथा अधिक से अधिक पेड़ों की संख्या को बढ़ाना है। साथ ही लोगों को पेड़ों को काटने से मना करना,तथा LPG गैस के ईंधन का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।

Van Mahotsav Slogan In Hindi – वन महोत्सव पर स्लोगनVan Mahotsav Slogan In Hindi (वन महोत्सव पर स्लोगन)

वन महोत्सव आंदोलन की भारत के केंद्रीय मंत्री कुलपति डॉक्टर के एम मुंशी द्वारा 1950 में शुरुआत की गई। इसकी शुरुआत के दौरान इस उत्सव को अत्यधिक महत्व दिया गया तथा वर्तमान समय में भी इस आंदोलन का बड़ी संख्या में लोगों द्वारा समर्थन किया जाता है। यह आंदोलन लोगों को पेड़ों की कमी से होने वाली परेशानियों तथा अधिक पेड़ लगाकर उनसे होने वाले फायदों की जानकारियां देता है। 

इस कारण आज अनेक लोग इससे होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए तैयार हो रहे है, वे अधिक से अधिक पेड़ों को लगाकर खुद के वातावरण तथा जीवन को समृद्ध बनाने का प्रयास कर रहे है। इस त्यौहार के दिन प्रत्येक व्यक्ति खुद के घरों, जंगलों तथा आवश्यक स्थानों में पेड़ लगाकर विशेष प्रकार का जश्न मनाते हैं, लाखों लोगों को इससे पेड़ लगाने का संकल्प मिलता है।

वर्तमान समय में प्रत्येक समाज इस त्यौहार से चर्चित होकर जागरूक बन चुका है इसके कारण अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पहलुओं में आज इस त्यौहार को मनाया जाने लगा है। इस आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए आज सरकार विभिन्न चरणों पर कार्य करने लगी है, हमने Van Mahotsav Slogan In Hindi पर जो स्लोगन लिखा है, वह स्लोगन है –

घर में ऑक्सीजन का डब्बा लगाने से अच्छा है,  घर के आस-पास पेड़ लगायें. जंगल को ना उजाड़े।

वन की रक्षा स्वयं की रक्षा… 

पेड़ आप भी लगायें, वन बचाए,  धरती को सुन्दर स्वच्छ बनाए… 

पेड़ो के बिना मेरे यार, जीवन में होगा अंधकार।

पेड़ो के बिना मेरे यार, जीवन में होगा अंधकार. 

 सब वेद – पुराण , एक वृक्ष दस पुत्र सामान . पेड़ो को मत काटो भाई , ये करते प्राकीर्तिक भरपाई।

घर में ऑक्सीजन का डब्बा लगाने से अच्छा है,  घर के आस-पास पेड़ लगायें. जंगल को ना उजाड़े।

पेड़ आप भी लगायें, वन बचाए,  धरती को सुन्दर स्वच्छ बनाए… 

जंगल की ना करो कटाई, जंगल ही जीवन हैं भाई…||

वृक्ष और वनों का करो सम्मान, पाओ जीवन का वरदान…

जब जंगल होगा तब ही हमारा मंगल होगा…

पेड़-पौधे, वन और जंगल की रक्षा, इसमें छिपी है मानव जीवन की सुरक्षा… 

जब आप करोगें वनों की रक्षा, तभी इस धरती पर जीवन होगा अच्छा… 

वृक्ष देते शुद्ध वायु, इससे मिलती लम्बी आयु… 

मत उजाडो  वन वरना नहीं बचेगा आपका तन… 

जब तक पेड़-पौधे और वन हैं, तब तक ही धरती पर जीवन हैं… 

हरित स्वच्छ श्यामला धरती, सबमें शन्ति और स्फूर्ति भरती… 

वन-वृक्ष को मत काटो आप, प्रकृति नहीं करेगी माफ़… 

तुम भी जानो एक बात ज्ञान की, वन रक्षा करते हैं जीवों के प्राण की… 

सुरक्षित वन और जंगल जीवन का आधार, पेड़-पौधों से तुम भी सीखों करना प्यार… 

वनों को बचाकर रखिये, जीने का सलीखा सीखिए… 

इससे पहले की बहुत देर हो जाए, चलो जंगलो को बचाए… 

जो कर रहे जंगल की कटाई, इसकी कैसे करोगे भरपाई।

हम सबको जंगल बचाना है, आने वाले कल को सजाना है।

उजड़ते जंगल को बचाने से ही दुनिया बचेगी ।

सर कटे रुख रहे, तो भी ससतो जान।

अरे! मनुष्य, आपसे अनुरोध, जो आप मुझे काटते हैं, क्या आप पहले दस पेड़ लगाते हैं, उन्हें स्वस्थ बनाते हैं।

अब ये बंजर धरती करे हैं तुमसे पुकार, एक पौधा लगाकर करो श्रृंगार ।

पेड़ लगाओ, प्राण बचाओ ।

जहाँ हरियाली है, वही खुशहाली है ।

आओं मित्रों एक बात बताऊ राज की, पेड़ पौधे ही करते हैं रक्षा हमारे प्राण की !!

इस दुनियां में इंसान पहला प्राणी होगा, जो पेड़ों को काटकर उसका कागज बनाता हैं तथा उस पर लिखता हैं पेड़ बचाओं !!

इस आंदोलन से जागरूक होकर आज लोगों ने अपने आंगन में अनेक किस्म के पेड़-पौधों को लगाना प्रारंभ किया है, जिससे उन्हें आक्सीजन की पर्याप्त मात्रा तो मिलती है, तथा उनके घर भी पेड़ पौधे के कारण आकर्षित दिखने लगते हैं। वन महोत्सव एक आनंदपुर्ण उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसकी पहचान हरियाली और सुख समृद्धि से की जाती है। 

वन महोत्सव की शुरुआत इस श्रृष्टि को बचाने के लिए की गई थी परन्तु आज अनेक उद्देश्यों के लिए यह उत्सव मनाया जाता है। देश की आजादी के तुरंत पश्चात राजेंद्र प्रसाद तथा पंडित जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेताओं ने भी इस क्षेत्र में एक कदम स्वयं को आगे बढ़ाया था तथा लोगों को पेड़ लगाने की ओर जागृत किया।

देश में बीते कुछ वर्षों के पश्चात जंगलों की बेरहमी से कटाई की जाने के कारण हमारे वातावरण में संपूर्ण वायु का दाब गड़बड़ा चुका है। जिसके कारण लोगों को कई प्रकार के रोग होने प्रारंभ हुए है, तथा वाहनों की बढ़ती मात्रा के कारण लोगों को  सांस लेने में भी कई प्रकार की दिक्कत उठानी पड़ रही है।

इसलिए प्रत्येक वृक्ष हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं प्रत्येक पेड़ हमारी द्वारा छोड़ी गई जहरीली कार्बन डाइऑक्साइड को गृहण करके उसे पुनः ऑक्सीजन में परिवर्तित करके देते हैं ।

पेड़ों की घटती संख्या के कारण विभिन्न प्रकार के भूस्खलन तथा बाढ़ जैसी समस्याओं का उत्पन्न होना एक साधारण की बात रह गई है, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पेड़ों की कमी होने के कारण आज लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

प्राचीन वक्त में पर्यावरण की महत्वता

जिन क्षेत्रों में पेड़ों की संख्या बिल्कुल भी नहीं रही उन क्षेत्रों में सूखे आपदा का सामना लोगों को करना पड़ता है तथा मीलों दूर जाकर आवश्यकता हेतु पानी लाने की मुख्य समस्याएं उन्हें झेलनी पड़ती हैं।

साथ ही वर्तमान समय में जंगलों की मात्रा घटने के कारण बेवक्त मौसम में बदलाव देखने को मिलते है। जिसके कारण लंबे समय तक सिर्फ एक ही मौसम की मार हमें झेलनी पढ़ती है।

बेवक्त बारिश होकर किसानों को लाखों रुपए की फसल का नुकसान हो जाता है यह सभी घटनाएं सिर्फ मानव द्वारा इस पृथ्वी और पर्यावरण को पहुंचाएं नुकसानों के कारण है।

प्राचीन वक्त में जनसंख्या कम होने के कारण लोगों को ज्यादा पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ती और वे लोग सुखकर टूटने वाले पेड़ों से ही अपनी आवश्यकताओं के लिए लकड़ी का उपयोग किया करते थे।

प्राचीन युग में लोगों को मौसम की सभी जानकारियां थी उन्हें पता रहता था कि किस वक्त बारिश होती है और उन्हें फसल उगाने की जरूरत है इसीलिए प्राचीन समय में अत्यधिक फसल हुआ करती और वक्त चाहे बारिश भी हो जाती थी।

पहले ऋषि-मुनि जंगलों में रहते थे परंतु वे कभी भी जीवित वृक्षों को नहीं काटते और ना ही किसी को काटने के लिए कहते इसीलिए प्राचीन समय में पेड़ों की संख्या अधिक होती थी।

उस समय वातावरण में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होने के कारण प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहता और पौष्टिक आहार का सेवन करके लोग अधिक ताकतवर होते।

प्राचीन काल में लोग बहते हुए पानी को पीते तथा मिट्टी के बने बर्तनों में पीने के पानी का उपयोग करते हैं इस कारण उनको स्वास्थ्य से कभी समस्याएं नहीं मिलती।

वृक्षों से लाभ

वृक्षों से हमें स्वास्थ्य का लाभ होता है उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती हैं तथा वातावरण से कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों की मात्रा कम होती हैं, तथा अन्य प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी लाभ होते है।

हमारी आंखों तथा शारीरिक थकान को दूर करने के लिए जंगलों के हरे भरे दृश्य हमें शांति स्वभाव देते हैं जिन्हें देखते ही हम अपनी सारी थकान समाप्त कर देते हैं।

वृक्षों पर अनेक प्रकार के पक्षी बैठते हैं जो हमारे मन को शांति देते हैं इसीलिए हमें अपने आंगन में भी विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाने चाहिए जिनके कारण हमें भिन्न प्रकार के पक्षियों को देखने का सुनहरा मौका मिलता है।

अपने घरों के आंगन में विभिन्न प्रकार के फलों के वृक्ष लगाने से हमें नए-नए और ताजे फलों का सेवन करने का अच्छा, अच्छा लाभ मिलता है। विभिन्न प्रकार के पेड़ हमारे स्वास्थ्य के प्रति जड़ी बूटियों का कार्य भी करती हैं उनका उपयोग करके हम स्वस्थ रहते हैं।

जिस क्षेत्र में पेड़ों की संख्या अधिक होती हैं वहां विभिन्न प्रकार के पक्षी भी अपना आवास स्थान बनाते हैं साथ ही उसी क्षेत्र में वर्षा भी अधिक होती है, जिसके कारण वहां पानी की पर्याप्त मात्रा बनी रहती है।

उम्मीद है की आपको वन महोत्सव पर स्लोगन | Van Mahotsav Slogan In Hindi से जुड़ी सभी जानकारी मिल चुकी होगी।

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