101+ Nature Quotes In Hindi (प्रकृति पर कोट्स हिंदी में)


दोस्तों अगर आप (Nature Quotes) प्रकृति पर सुविचार धूँड रहे हो तो आजके इस पोस्ट में हम आपके साथ human nature quotes, 5 lines on nature, nature shayari and status, nature quotes for facebook, whatsapp and instagram, nature thoughts in hindi and best 101+ Nature Quotes In Hindi! Share करिंगे।

इस पृथ्वी पर जीवन जीने हेतु मानव समेत सभी प्राणियों को सभी आवश्यक संसाधन प्रकृति द्वारा दिए गए है जैसे जल, वायु, पेड़ पौधे इत्यादि! अतः हमारे जीवन का संबंध सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है। 

और प्रकृति की इस महत्वता को समझते हुए हर साल पूरे विश्व में 28 जुलाई को विश्व प्रकृति दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर Nature Quotes In Hindi शेयर किए जाते हैं। चलिए अब देखते है कुछ प्रकृति पर क्वोट्स (Nature Quotes In Hindi) के बारे में।

Nature Quotes In Hindi

Nature Quotes In Hindi

 बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है||

Nature Quotes In Hindi1

कुदरत ने तराशा है और इंसानों ने संभाला है I

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प्रकृति में कोई वाई-फाई (Wi-Fi) नही होता हैं पर हृदय से इसका कनेक्शन (Connection) बहुत मजबूत बनता हैं||

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बुझा जिसने वही है सयाना,
प्रकृति में ही छुपा है अपार खजाना।

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सभी चीजें कृत्रिम हैं क्योंकि प्रकृति ईश्वर की कला है.|

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यहाँ धूप क्या, क्या सावन, बहारें भी बरसती है I

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प्रकृति कभी अपने नियम नही तोड़ती हैं.|

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कुदरत का करिश्मा है, देखो चारों तरफ हरियाली है,
हम इनको हैं काटते और यह करती हमारी रखवाली है।

मैंने पूरी ज़िन्दगी वहाँ कांटे निकालने और फूल लगाने का प्रयास किया है जहाँ वो विचारों और मन में बड़े हो सके

यदि तुम लोगों का भला करते हो , तुम अपनी प्रकृति की वजह से करते हो ||

जब सफ़ेद चादर से लिपटी ये धरती और नीले से आसमान, तो दोनों लगते हैं एक सामान I

 वो सबसे धनवान है जो कम से कम में संतुष्ट हैं, क्योकि संतुष्टि प्रकृति की दौलत हैं.||

  कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है,
इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है,
घर में कैद होने के बाद समझ आया है,
कि प्रकृति को हमने कितना रुलाया है।

अनुकूल बनें या नष्ट हो जाएं, अब या कभी भी, यही प्रकृति कि पक्की अनिवार्यता है.||

अपना चेहरा सूर्य की रौशनी की तरफ रखिये और आपको परछाई नहीं दिखाई देगी.||

 प्रकृति के प्रत्येक रूप में कुछ ना कुछ अद्भुत हैं.

कुछ तो बात है इन हवाओं में, वरना साथ इन्हें पंछियों का ना मिलता I

पानी की याददाश्त उत्तम होती है वह हमेशा वहीं जाने का प्रयास करता है जहाँ वो था

 जल प्रकृति की असली ताकत है.

अरुणाचल की वादियां, धान की क्यारियाँ, बहकती फिजा, मुस्कुराती कलियाँ I

 पेड़ और मनुष्य का स्वभाव सरल एवं सीधा होने पर अपने अस्तित्व की रक्षा नही कर पाता हैं.

प्रकृति ने ही सबको पोषित किया है,
प्रकृति ने ही सबकुछ रोपित किया है,
प्रकृति से बढ़कर कोई वरदान नहीं,
प्रकृति से खिलवाड़ से बढ़कर कोई पाप नहीं।

 और वह दिन आख़िरकार चला गया जब कली के अन्दर बंद रहने का जोखिम खिलने के जोखिम से अधिक दर्दनाक था.

Nature Thoughts In Hindi

Nature Thoughts In Hindi

जो पेड़ धीरे धीरे बड़े होते हैं उन पर सबसे बेहतर फल आते हैं||

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पतझड़ एक दूसरे बसंत की तरह है जब सभी पत्तियाँ फूल बन जाती हैं||

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हरा इस संसार का महत्वपूर्ण रंग है और इसी से इसकी मधुरता सबके सामने आती है||

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यहाँ खुशबू है वादियों में, यहाँ खुशबू है लोगों के किरदारों में I

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प्रकृति से प्रेम आत्मा को सुख देता हैं और सुखी आत्मा इंसान को अंदर से खुश रखता हैं.||

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 हमारा पहला कर्तव्य प्रकृति की सुरक्षा,
इससे बड़ा काम नहीं कोई दूजा,
प्रकृति का संरक्षण फर्ज है हमारा,
क्योंकि प्रकृति से ही जुड़ा है जीवन हमारा।

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कितनी सादगी है इन हवाओं में, देखो फ़िज़ाएं बरस रहीं हैं I

पर्वत से सीखो गर्व से शीश उठाना,
सागर से सीखो जी भरकर लहराना,
प्रकृति नहीं सिखाती किसी को ठुकराना,
इसे बस आता है सबको अपनाना।

 चीजों के प्रकाश में सामने आओ, प्रकृति को अपना शिक्षक बनने दो.||

पेड़ से पत्ते जब गिरते हैं तो वो दुखी नही होता हैं उसे पता है ये फिर उग जायेंगे.

एक अच्छा व्यक्ति सभी सजीव वस्तुओं का मित्र होता है

हम फ़िज़ाओं में कहीं गुम हो गये, जब से हमें मिज़ोरम की फ़िज़ाओं की आदत हुई I

यदि आप वास्तव में प्रकृति से प्रेम करते हैं तो आपको हर जगह प्रकृति का सौन्दर्य दिखेगा||

सुहाना मौसम, हवा का तराना,
खुशरंग है प्रकृति का हर नजारा।

सभी फूल अपनी जड़ों की गहराइयों में प्रकाश रखते हैं.||

बसंत ऋतू प्रकृति का चलो उत्सव मनाएँ ..कहने का तरीका मात्र है.

प्रकृति दिवस हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का एहसास दिलाता है। क्योंकि भले ही प्रकृति द्वारा दिए गए संसाधन जैसे सूर्य, जल, पेड़ पौधे, वायु प्रचुर मात्रा में इंसान के लिए उपलब्ध हैं। परंतु अगर मनुष्य इनका दुरुपयोग करें और जरूरत से ज्यादा इनका इस्तेमाल करें तो इनमें कमी आनी निश्चित है।

इसके उदाहरण अक्सर कई बार देखे भी जा सकते हैं। कई स्थानों मे अब जल की कमी के कारण सूखे की स्थिति की खबरें आती रहती हैं। पेड़ों के कटाव के कारण प्रकृति में असुंतलन देखा गया है जिस वजह से मृदा अपरदन होना, मौसम में बारिश ना होना, बाढ़ आना, सूखा पड़ना जैसी परिस्थितियां देश विदेशों में अक्सर देखी जाती है। जो संकेत देता है कि अगर हम अपनी प्रकृति का सही ढंग से ख्याल ना रखें! और इसके साथ खिलवाड़ करें तो हम खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे है।

प्रकृति द्वारा हमें जो वन हरियाली तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन और एक खूबसूरत पर्यावरण उपहार के तौर पर दिए हैं। इन्हें हमें अपनी ही धरोहर समझ कर अपने उपयोग में लाना चाहिए तथा इनके संरक्षण हेतु उपाय करना चाहिए। परंतु पिछले कुछ दशकों से प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ की समस्याएं बढ़ चुकी है। मानव द्वारा अपने लाभ हेतु वनों को काटकर न सिर्फ वन्य प्राणियों का आश्रय छीना है। बल्कि इससे प्रकृति को भी नुकसान पहुंचा है जिससे हमारे पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न हुआ है।

वनों को काटकर मनुष्य द्वारा बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स स्थापित कर घने जंगलों को शहरों में तब्दील किया है। बड़ी-बड़ी इमारतें जहां एक तरफ इंसान को शक्तिशाली बनाती है, वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण को पहुंचे नुकसान के कारण उसे आज इसकी सजा भी भुगतनी पड़ रही है।

शहरों में तेजी से बढ़ता वायु प्रदूषण इस बात का गवाह है। खुली हवा में स्वच्छ सांस लेना आज शहरों में दू- भर हो चुका है। वैसे तो यह समस्या पूरे विश्व में आज देखी जा रही है लेकिन भारत के संदर्भ में देखा जाए तो दिल्ली-मुंबई जैसे कई ऐसे शहर है जहां पर वर्ष भर में शुद्ध हवा का स्तर हमेशा नीचे ही देखा जाता है।

जिस वजह से मनुष्य में कई तरह की नई बीमारियां देखी गई है, जिसे हम प्रकृति द्वारा दिया गया दंड भी कह सकते हैं। क्योंकि मनुष्य ने अपने निजी लाभ के लिए प्रकृति को नुकसान पहुंचा कर घर, बिल्डिंग सड़कों का निर्माण तो किया लेकिन उसके स्थान पर प्रकृति को कुछ दिया नहीं, अतः गांव की तुलना में शहरों में पर्यावरण की प्रदूषित होने का एक मुख्य कारण है पेड़ों में कमी। गांव में जहां आज भी हरियाली दिखाई देती है हर तरफ पेड़ पौधे नजर आते हैं वहीं दूसरी तरफ शहरों में चमचमाती कारें आपको दिखाई देंगी, लेकिन स्थान की शोभा बढ़ाने वाले पेड़ पौधे काफी कम दिखाई देंगे।

अतः प्रकृति दिवस एक ऐसा दिन है जिस दिन कई स्थानों पर प्रकृति का महत्व समझ कर पेड़ पौधे उगाए जाते हैं, लेकिन हमारा मानना है कि इस पृथ्वी को हरा भरा सुंदर रखने का यह कार्य केवल 1 दिन के लिए नहीं होना चाहिए। बल्कि सभी लोगों को समय समय पर वृक्षारोपण कर पेड़ पौधे लगाकर प्रकृति द्वारा हमें दिए गए अनमोल उपहारों के लिए थैंक यू कहना चाहिए। क्योंकि इंसान चाहे जितनी भी तरक्की कर ले, वह कभी भी प्रकृति का मुकाबला नहीं कर सकता। क्योंकि प्रकृति द्वारा इंसान को जन्म दिया गया है, इंसान ने प्रकृति को नहीं बनाया है।

लेकिन इस बात को भूलकर अक्सर इंसान प्रकृति पर अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश करता है। विज्ञान को वह आविष्कार की जननी समझकर नए-नए आविष्कार कर रहा है परंतु उसे यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि अपनी तरक्की के लिए प्रकृति को पहुंचाया गया नुकसान उसी के लिए हानिकारक होगा।

प्रकृति ने अक्सर कई मौकों पर इस बात को साबित भी किया है कि अगर इंसान यूं ही मुझे नजरअंदाज कर नुकसान पहुंचाता रहेगा तो उसे उसके कर्मों की सजा अवश्य मिलेगी। अकाल पड़ना और बेमौसम बारिश होना यह सब प्रकृति में उत्पन्न असंतुलन के उदाहरण है। 

अतः इस प्रकृति दिवस हमें यह सोचना चाहिए कि इस खूबसूरत प्रकृति द्वारा हमें दिए गए इतने संसाधनों के बदले हमें भी तो कुछ वापस पृथ्वी को करना चाहिए। इस संदर्भ में एक लाइन याद आती है प्रकृति हमें इतना देती है, हम भी तो कुछ देना सीखे!! वैसे तो इंसान जीवन भर अपने स्वार्थ के लिए ही कार्य करता है लेकिन अगर इंसान प्रकृति को दे नहीं सकता तो उसका संरक्षण कर जरूर विश्व प्रकृति दिवस को कामयाब बना कर आने वाली पीढ़ी के धन्यवाद का पात्र बन सकता है।

क्योंकि जिस तरह आज प्रकृतिक संसाधनों का दोहन हो रहा है उससे अब यह प्रश्न भी सामने आ रहा है कि आने वाली पीढ़ी क्या हमें हमारे इन कर्मों के लिए माफ करेगी! इसी गति के साथ अगर प्रकृति का दोहन होता रहा तो एक दिन सभी प्राकृतिक संसाधन खत्म होने की कगार में होंगे। जैसा कि आज जल की कमी हो रही है, ऐसे में आने वाले समय में जल की कमी और होगी और इंसान के लिए जीवन जीना काफी मुश्किल हो जाएगा

अतः समय रहते अगर इंसान प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को समझ जाए और इसका संरक्षण करें तो काफी हद तक उन परेशानियों से बचा जा सकता है जो निकट भविष्य में सामने आने वाली है।

उम्मीद है की आपको (Nature Quotes) प्रकृति पर सुविचार का यह पोस्ट पसंद आया होगा और human nature quotes, 5 lines on nature, nature shayari and status, nature quotes for facebook, whatsapp and instagram, nature thoughts in hindi and best 101+ Nature Quotes In Hindi! से जुड़ी पूरी जानकारी मिल चुकी होगी।

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